करशो नही वरा
रचयिता : राजकवि पिंगलशीभाई पाताभाई नरेला. भावनगर
राग : पिलु
करशो नही वरा व्याजे लइ ने ,
दुःखी थाशो पैसा दई दई ने .....टेक
जोडवा कोश न पाणी थी जाजा ,
मोल सुकाशे जळ थई रहीने .....करशो...1
पोंच प्रमाणे खुशीथी ख़ावु ,
जांचवु पडे नही पर घर जई ने. .....करशो...2
मित्र सदा रेहवु निर्मानी ,
थाकी जाशो मोटा थई ने ....करशो....3
प्यारा निति थी सुख पामो ,
पिंगल समजावे कई कई ने। ....करशो....4
संकलन :अनिरुद्ध जे. नरेला
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