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13 अगस्त 2022
||छंद- त्रिभंगी || || महादेव मंगलकारी || || कर्ता कविश्री मितेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||
21 मई 2020
|| बन्यु मन्न वेरी ||
26 अप्रैल 2020
|| खाखी नु जोर ||
23 अप्रैल 2020
|| અફવા ||
13 मार्च 2020
|| કલિયુગ તારી કળા || || મિતેશદાન ગઢવી(સિંહઢાય્ચ) ||
10 मार्च 2020
|| કોરોના વાયરસ ||
2 मार्च 2020
|| माँ || || कवि मितेशदान गढवी(सिंहढाय्च) ||
22 फ़रवरी 2020
|| सदाय आप शंकरा || || कवि मितेशदान गढवी(सिंहढाय्च) ||
23 जनवरी 2020
|| सुरो आज कागं || || रचना मितेशदान गढवी(सिंहढाय्च) ||
12 जनवरी 2020
|| રચના : ઢોંગીઓ ના ઠાઠ ||
रचना संवाद : राष्ट्रहित संवाद कर्ता :कवि मित (मितेशदान गढवी(सिंहढाय्च)
|| मनहर कवित ||
|| संवाद कर्ता :कवि मित (मितेशदान गढवी(सिंहढाय्च) ||
દેશ કા દિવાનાપન દેશ કો દિખાઓ જરા,
યુહી ના ગવાઓ સારે વીર બલિદાનો કો,
માતૃકાજ પ્રેમ જો દિખાયા તો મહાન હૈ વો,
વીર ને શિખાયા હમેં દેખો સનમાનો કો,
દો ઘડી કી મોજ કો હટાકે દેખો દુનિયા મેં,
કહા કૈસા માહોલ હૈ ખોલો કૈદખાનો કો,
કહે મિત મિટ્ટી કે યે ઋણ કો ચુકાકે દેખો,
નયે નયે યુગ મેં બતાઓ નો જવાનોં કો,(૧)
- कवि मित
ખેલ હૈ યે ખેલ કો ખેલાને વાલા મેલ હૈ જો,
મેલ કો ભગાઓ ખેલો ખેલ ચતુરાઈ કા,
એક સે જુડોગે જોડો દો સે ગુનો ચાર હૈ જો
ટેક સે મિટાઓ બુરા નશા જો બુરાઈ કા,
ધર્મ કા જો મર્મ હૈ વો શર્મ મેં ન ધારો જરા,
કર્મ સે બનાઓ જહાં મુદ્દા હો ખરાઈ કા,
કહે મિત ધ્યાન એ જો માન સે ગવાયે ઉને,
ન્યાય કા જો દિયા લહું છીનો ભરપાઈ કા,(૨)
- कवि मित
જ્ઞાન ને બનાવી તીર મ્યાન મા ઉમેરી લજો,
જીભ ના ધનુષે એને જોશ થી લગાવજો,
કાંધ ને બનાવી રથ હાલજો ને હારો હાર,
શત્રુ ને ડરાવે એવી આંખ ને જગાવજો,
વીરો ના વિચારો નો સહારો લેતા વાવજો આ,
હિન્દ ના સ્વરાજ ની આ એકતા સજાવજો,
કહે મિત કાનડ ને રામ ની આ જન્મધરા,
લેજો કરી યાદ એને કદી ના લજાવજો,(૩)
- कवि मित
અવાજો નો આથ ભલે સાથ હથીયાર જોવે,
યુદ્ધ ના મેદાન મા તો ચાલે મારા માર છે,
છંદ તો છટા ના છે જો પટ્ટા સાથે ચામર ના,
આવા સાથે તેવા થાવા કર્યા આર પાર છે,
સ્વમાને તો ગાંધીજી ની અહિંસા સુકાણી નથી,
હિંસા હથિયાર ના એ વીર ના વિચાર છે,
કહે મિત યુદ્ધ મા આગાજ થી સ્વરાજ માટે,
સર્વ ર હે સાથ એ જ સાચો યુદ્ધ સાર છે,(૪)
- कवि मित
🙏---મિતેશદાન(સિંહઢાય્ચ)---🙏
21 नवंबर 2019
|| सूर्यवंदना || मितेशदान(सिंहढाय्च)
12 अक्टूबर 2019
|| सुर्यवंदना छप्पय || || कवि मितेशदान सिंहढाय्च ||
*(01-10-2019)*
*त्रीजया त्रीकम तेज,त्री धर नाम त्रीकाला*
*त्रीजया त्रीकम तेज,त्री भुवन त्रोड़ण ताला*
*त्रीजया त्रीकम तेज,त्री गुणा नाम तिहारे*
*त्रीजया त्रीकम तेज,त्री स्तरे शब्द तिहारे*
*त्री नाथ तिहारा तेजना,विद विद सुर करे वखाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भजता मित हर दन भाण*
*(02-10-2019)*
*पुंज तणा परमाण,चौद रत्ना चमकाया*
*पुंज तणा परमाण,भक्त प्रह्लाद बचाया*
*पुंज तणा परमाण,जबर कई युद्ध जिताया*
*पुंज तणा परमाण,सत्य पर आप सवाया*
*सतकारुय सूरज साथने,जे हरदम रह्या हयात*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,संध्या मित सूरज सात*
*(03-10-2019)*
*पंचम तेज प्रमाण,प्रगट जग पावन पड़ता,*
*पंचम तेज प्रमाण,जोम आभे सुर जड़ता*
*पंचम तेज प्रमाण,शक्ति दिवड़े सरजाणा*
*पंचम तेज प्रमाण,नेह सुर उदित नवाणा,*
*पंचम दिवड़े घी पुंज पुरी,शक्ति सुर रमिया साथ*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,मित गरबा मुकिया माथ*
*(04-10-2019)*
*छबी निहारुय छठ्ठ,जगत अंबा नयने जे,*
*छबी निहारुय छठ्ठ,अरक चक्षु उगियो ए,*
*छबी निहारुय छठ्ठ,दिव्य जग तेज दिपाव्यो,*
*छबी निहारुय छठ्ठ,आद्य सुर आभे आव्यो,*
*जोगण आंखे तेजो जड्या,त्या खुलता आँखे तेज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,आभे मित सुरज एज*
*(05-10-2019)*
*सातम सायर सात,सात भव सुर समरांगण,*
*साते वार सखात,टेक अंका सुर टांकण,*
*सात अश्व ना साथ,सप्त आभे सुरज्जा,*
*सात शक्ति समराथ,भुवन सातो मन भज्जा,*
*जगदंबा कर चुड़ झगमगे,भभके सातम सुर भाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,पुजिया मित जोड़त पाण*
*(06-10-2019)*
*आठम आवड़ आइ,सात सह रास सजावे,*
*कर चुड़ कांकणधार,जड़ी सुर ज्योत जगावे,*
*ताल थिरक पर तेज,चोक कीर्ति चितरावे,*
*आवे सुर नो आथ,प्रफुलत पुंज पिरावे*
*शक्ति सब आठम साथ सजी,महिरख सुर माणे मौज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रुदये मित भजता रोज*
*(07-10-2019)*
*नवमे तेज नखाय,सुरज चडीयो नभ शाखे,*
*गुण चारण हर गाय,दियण हवने जप दाखे,*
*शगत सात समरथ्थ,पुरण सुर तेज पसारे*
*महा राण धर मथ्थ,ज्योत पर नमन जुवारे*
*धाबळीयाळीय धाम धमे,ज्या धुप गुगळ जळकाय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,गुण मित छप्पय तुज गाय*
*(08-10-2019)*
*दस्से दानव देव,राम हणिया रणलंके*
*दस्से दानव देव,कुंभ त्रोडयो कलंके*
*दस्से दानव देव,सत्यजीत मीत सवाइ*
*दस्से दानव देव,पुरण सुख लंकसु पाइ*
*दानाउत दाखत दशहरा,परमेश्वर पुरत प्रमाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,बजरंग बनी सुर बाण*
*(09-10-2019)*
*अगियारस पर आप,जरा धरती पर जांख्यु,*
*जाख़्ये द्रशिया जाप,रिदय जे हर नित राख्यु*
*अविरत जे अजवाश,मढ्यो धर हर जग माथे*
*भुलिया नह आ भास,सदा सूरज अम साथे*
*उजियारा थइ भले उजवे,दस तहवारो ना दिन्न*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भजिये नह भाण कु भिन्न*
*(10-10-2019)*
*विरल विधाता विद्व,तणी ताकत तिहारी,*
*परमेश्वर परसिद्ध,आ धरा अमर उगारी,*
*आवड़ सुर आशीष,भेडिये तु भरमायो,*
*रखी न सेजे रीष,थंभ थई ठेर तु थायो,*
*है भाण तिहारा भामणा,नित लियण आ चारण नात*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,परमेश्वर मित हर प्रात*
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
30 सितंबर 2019
|| सुर्यवंदना छप्पय || || कवि मितेशदान(सिंहढाय्च) ||
*|| सुर्यवंदना ||*
*|| मितेशदान सिंहढाय्च ||*
*|| ता: 21-09-2019 थी 30-09-2019 ||*
*(21-09-2019)*
*आप तणु आराध्य,सदा समरथ सुख सारे,*
*आप तणु आराध्य,जीवन षड रोगो जारे*
*आप तणु आराध्य,ज्ञान विज्ञान गुणावे*
*आप तणु आराध्य,शांत स्वरनाद सुणावे*
*है ईश्वर तुज थी हयात,आ लोक जीवन अविरत*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,समरथ मित आभे सत*
*(22-09-2019)*
*परम ध्यान प्रज्ञान,ताप परताप तिहारो*
*परम ध्यान प्रज्ञान,आप अम जीव उजारो,*
*परम ध्यान प्रज्ञान,धरम काजे धरणीधर*
*परम ध्यान प्रज्ञान,आव अवतारी ईश्वर*
*कई रोग कुळा जे कठणपणा,ए ज्ञान विनाना घोर*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भव फंद कटे मित भोर*
*(23-09-2019)*
*संयम सार सुजावे,निर्गुण दोष निवारे,*
*पाप सदा परखावे,आवी आभे उजारे,*
*अंध दोष अटकावे,लावी तेज लगावे,*
*खुद आवी खावरावे,धन सुखलाभ धरावे,*
*बहु हेत दुलारो भाणलो,आ ऊभोय खोळी आभ*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,लहू चलण पमावत लाभ*
*(24-09-2019)*
*अभय आप अविभूत,देव दातार दानाउत,*
*अभय आप अविभूत,दियो अवनी हर हर दूत,*
*अभय आप अविभूत,श्वास तव श्वास सज्या सौ*
*अभय आप अविभूत,देव नित वंदन हु दौ,*
*अभयापद सूरज आपनु,अम तन्न उजागर आप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जनमित नित जपता जाप*
*(25-09-2019)*
*विश्वासू विद्वान,नियम सु चाकर नारण*
*विश्वासू विद्वान,भोर पड़ता तम भारण*
*विश्वासू विद्वान,अमर सुखदेव अमारा*
*विश्वासू विद्वान,सदा निर्विघ्न सकारा*
*विश्वास सदा वीर आपनो,के भोर प्रगटशे भाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,ए मित नही रह्यो अजाण*
*(26-09-2019)*
*जटा काल महाजोर,तपे जग ने पण तापे*
*जटा काल महाजोर,थळ अग्नि जल थापे*
*जटा काल महाजोर,भोर ब्रह्मांड भमीने*
*जटा काल महाजोर,नाथ अवनी घर नीमें*
*निरखे नयणे नारायणा,तुव जटा किरण तपताय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जोगी रूप प्रगट जणाय*
*(27-09-2019)*
*शक्ति स्त्रोत समरथ,भक्ति भवनाथ भजावे*
*भक्ति भुवन पर भाव,अग्ति अविनाश अजावे*
*अग्ति विसारण आप,मुक्ति सर मार्ग मळावे*
*मुक्ति विना नय मेळ,जीव चोटे जंजाळे*
*भक्ति करता मित भाणनी,गुण शक्ति मन गरवाय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जे श्वास पुरी समराय*
*(28-09-2019)*
*भादरवे आ भाण,कळा शु कामणगारी*
*ताप चिलानो ताण,भुवन पड़ीयो तु भारी*
*मन भरिया जळ मेह,आषाढे जरा न आव्या*
*वरहादी सुर वेह,भाण भादरवे भाव्या*
*घनघोर चडी आभे घटा,ने वर्षयो मेहुल वाय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी पड़े,सुरमित करजो अम साय*
*(29-09-2019)*
*शक्ति आद्य स्वरूप,भाण दिवड़े भभकाव्यों,*
*शक्ति आद्य स्वरूप,गाज विज गुण गवराव्यो*
*शक्ति आद्य स्वरूप,पुंज धर तेज़ पुराणा*
*शक्ति आद्य स्वरूप,पुत्री शैलीय पूजाणा*
*प्रथमी धर शक्ति प्रगटीया,आई ए धर्यो अवतार*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,सुरज प्रगटावीय सार*
*(30-09-2019)*
*सुर आतम सतकार,तेज रणकार तत्वनो*
*सुर आतम सतकार,सहज सुर भाव सत्वनो*
*सुर आतम सतकार,रिदय आंगण मित राजा*
*सुर आतम सतकार,समरता सौ सुख साजा*
*हरिवर सुर तारा हेतथी,जीवन ज्योति जागती*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भळ तम्म प्रभातुय भागती*
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
*कवि मित*
9558336512
23 सितंबर 2019
|| सूर्यवंदना छप्पय || || कवि मितेशदान(सिंहढाय्च) ||
*|| सूर्यवंदना ||*
*|| कवि मितेशदान सिंहढाय्च ||*
*|| छप्पय वंदना (11-09-2019 थी 20-09-2019) ||*
*(11-09-2019)*
*राग तेज रणकार,तेज धर दीप त्रफ़ट्टे,*
*राग तेज रणकार,पुंज पाडत नर पट्टे,*
*राग तेज रणकार,सप्त सूर एक सुरज्जे,*
*राग तेज रणकार,गांध्र्वा नाद गरज्जे,*
*एक राग अजायब आपनो,जे तारण लोक तमाम*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,नित गावत मित हर नाम*
*(12-09-2019)*
*बड़ा भाग्य बलवान,कर्म संगी तुज कारण,*
*बड़ा भाग्य बलवान,अहम छय काट उदारण,*
*बड़ा भाग्य बलवान,देव साचो दरशावण,*
*बड़ा भाग्य बलवान,भानु सुध मन्न सु भावण,*
*अम भाग्य उजागर आपथी,सुर सदाय रहेजो साय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रिदये मित रहेजो राय*
*(13-09-2019)*
*अखंड ज्योती आप,प्रकाशी भोर परोढे*
*अखंड ज्योती आप,आभ जग्गे सुर ओढ़े*
*अखंड ज्योती आप,दिव्य परमात्म दीपावे*
*अखंड ज्योती आप,छळ कपट तोड छीपावे*
*भव झंखे ज्योत भवाननी,ए प्रज्वलित परकाश*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अंजळ सुर आपत आश*
*(14-09-2019)*
*सत्य सनातन सूर,नयन नव नुर निरंजन*
*सत्य सनातन सूर,भवन भगता नरभंजन*
*सत्य सनातन सूर,कला धरतु कळजुगे*
*सत्य सनातन सूर,अवन जीव अंजळ उग्गे*
*सुर एक आपही सत्य सदा,अरु द्रशे न को धर देव*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,तुज रटण सदा मित टेव*
*(15-09-2019)*
*प्रगट्यो आभ प्रकाश,एक अजवाश उजार्यो*
*प्रगट्यो आभ प्रकाश,समय ने सर कर सार्यो*
*प्रगट्यो आभ प्रकाश,जीवन मातर तु जगपर*
*प्रगट्यो आभ प्रकाश,सृस्टि पर आप सुरजवर*
*अद्भुत अजय धर आवियो,प्रगट्यो धर किरण पुंज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,करुणा घट भरणा कुंज*
*(16-09-2019)*
*दीन दयाळ दिनेश,कवन तव रूप कृपाला*
*दीन दयाळ दिनेश,नित्य नमणा तप न्याला*
*दीन दयाळ दिनेश,प्रभु तु पालनहारी*
*दीन दयाळ दिनेश,सनातन देव सुखारी*
*जग थी जुदीय तुज जातरा,दिन ईश उजारत द्वेष*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,विण बदल सुरा मित वेश*
*(17-9-2019)*
*प्रभु अमारे प्राण,तेज आधार तमारो*
*प्रभु अमारे प्राण,जोग जिवतर जिवनारो*
*प्रभु अमारे प्राण,टक्यो आ दन का ताकी*
*प्रभु अमारे प्राण,परे खतरा ग्या पाकी*
*परमात्म तणा आ प्राण परे,सुर आश तमारो साथ*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,हरदम जोडू मित हाथ*
*(18-09-2019)*
*अनहद प्रीत अमाप,राण अम उरमा राखी*
*अनहद प्रीत अपार,देव जोवो नित दाखी,*
*अनहद प्रीत अपार,हेत उभरे हैयाथी,*
*अनहद प्रीत अपार,सर्व संसार तु साथी,*
*प्रथमी ह्रदये प्रित प्राणनी,आ प्राण प्रमेहर आप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जपिया मित सुरजण जाप*
*(19-09-2019)*
*नवज्योते नाराण,जगत जबरू जळकाव्यु*
*नवज्योते नाराण,वात आ वरण वसाव्यु*
*नवज्योते नाराण,नयन सुर तेज नखाव्या*
*नवज्योते नाराण,धर्मकुट जाल धखाव्या*
*आ अमर ज्योत परे आपनु,जळकेय नवोदित जग्ग*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,राजी रुधिरा मित रग्ग*
*(20-09-2019)*
*दस अवतारी देह,नवे ग्रह हाथे नमता,*
*अस्ट योग पर आप,सप्त सरिता जळ समता*
*षडऋतु धरणी स्तंभ,पंच धर अंग प्रमाणे*
*चतुर्थ आश्रम चाल,जीव त्रय घटक सु जाणे*
*द्वि कर्म सदा मानव दरे,आभे सूर निरखे आप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,प्रथमी मित काटो पाप*
10 सितंबर 2019
|| सूर्यवंदना छप्पय || || कवि मितेशदान सिंहढाय्च ||
*🌞सुर्यवंदना🌞*
*(01-09-2019)*
*एक मूरत जे आभ,सदा निर्विघ्न स्थपाइ*
*एक मूरत जे आभ,पंच तत्वों भव पाई*
*एक मूरत जे आभ,दिशा चौ धर दिखवाई*
*एक मूरत जे आभ,सुरज पद स्थान सजाई*
*अद्भुत असर सुर आपनी,जे अमर मूरत सुर आप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जोता मित जपतो जाप*
है नारायण,जगत मा आपनी मूर्ति नी शु कल्पना करु,जे सकल ब्रह्मांड ने उजागर करे छे,एनी कई रीते कल्पना करवी,तमे नित्य देखाओ छो ए अद्भुत गोळो ज मारा मते मूर्ति छे,जेना पर क्यारेय कोई विघ्न न आवी शके,जेमा थी पांच तत्वों मळ्या,जेनी मूर्ति ना एक प्रकाशना किरणे दिशे दिश देखाई आवे,जे मूर्ति कदी खंडित थई शक्ति नथी एवी अमरत्वता नु प्रतीक,आवी अद्भुत स्थानीय मूर्ति ने जोवि रोज आ अपना धगधगता गोळा ने हु वंदन करू छु
*(2-8-2019)*
*सुंढाळा समराथ,सहज प्रगट्या धर सुर ज,*
*निरखे दुडियंन्नाथ,नाथ काजे हर नुर ज*
*शुभ काजे शिवसूत,प्रहर प्रथमी गुण पाया*
*तारे त्रिपदा तूत,सूरज सथवारे साया,*
*प्रथम पूजा तुज गुणन पति,तद सुरज भेळोय तप्प*
*पट निहर प्रोढ़ अवनी परे,जगमित अज जाम्यो जप्प*
*(3-9-2019)*
*प्रतिसादे पुरणाथ,गजब आप्यो गुणवंता,*
*प्रतिसादे पुरणाथ,आध आदिय अनंता*
*प्रतिसादे पुरणाथ,आप विण कोई न आजे*
*प्रतिसादे पुरणाथ,ताप दल कोई न त्राजे*
*पर वखत जण्यो पुरणाथपणो,है सुणजो आभ सम्राट*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,परोणा मित वादळ पाट*
*(04-09-2019)*
*बारह नाथ ब्रह्मांड,किया किरतार कामणा*
*बारह नाथ ब्रह्मांड,भोर पड़ धरे भामणा*
*बारह नाथ ब्रह्मांड,जन्म् नय प्रगट जोगना*
*बारह नाथ ब्रह्मांड,भरम भ्रांजेय भोगना*
*खराय किरतारी खलकना,आ बार देव ब्रह्मांड*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भव कुट तोड्या मित भांड*
*(05-09-2019)*
*सरा धरा नो संप,खरा खेलाण खलकना*
*वरा तरा विध्वंत,परा परोणाय पलकना*
*जरा आभ जरजरा,जरा धर हेम जलकता*
*फरा फंट दई फरा,मंद मधुराय मलकता*
*जोड़ण आखा आ जग्गने,तु तांतण किरणे तार*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,साचो आपत मित सार*
*(06-09-2019)*
*शुद्ध समय समराण,अबुद्धि काटण अंगे*
*शुद्ध समय समराण,कबुद्धि नाखण कंगे*
*शुद्ध समय समराण,सबुद्ध ससोहत संगे*
*शुद्ध समय समराण,रमत सह जुद्धण रंगे*
*रह पट पति नभ राजत रमेय,सह बुद्ध विचारी साथ*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अंगज मित आपी आथ*
*(07-09-2019)*
*आलम एक उजास,जीवन नु तेज जगावे,*
*आलम एक उजास,फटण कुट दोष फगावे,*
*आलम एक उजास,स्वास्थ नो सार सजावे*
*आलम एक उजास,भ्रमण मित नाम भजावे*
*तुज एक उजासा तापनी,अम सकल जीवन नी आस*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,आ आलम गुण अभियास*
*(08-09-2019)*
*आदि देव अकळाय,जदे जकळाय धरम जड़,*
*आदि देव अकडाय,खलक पर खुद्दर खै खड़,*
*आदि देव अकडाय,बेड तुट्टी जब बांधी*
*आदि देव अकडाय,सदा जे मन भर बांधी*
*मनुसुत पद भूलिया मानवी,आ जोइ सूरज अकडाय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,पोते मित निरख पिडाय*
*(09-09-2019)*
*महा मेघ महाराज,आभ वरसायो आजे,*
*महा मेघ महाराज,गजारव गळळळ गाजे*
*महा मेघ महाराज,पड्यो दिन प्रात प्रभाते*
*महा मेघ महाराज,सुरज तो होवत साते*
*सुर आप तणा समराज्यमा,आ मेघ न मोटो आज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,सुर थी ज सज्यो धर साज*
*(10-09-2019)*
*भंकर थर भर भोम,खटंकर खळके खळळळ,*
*रण भरीया रव रोम,फांट जल पोगत फळळळ,*
*सळळळ शांत नही सोम,नोम रवि धोम नरायो,*
*हळळळ आभे होम,जगत ध्रम काज जरायो,*
*बदलाता ध्रम ना वादळा,जोवे सुर करत जगन्न*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,मित भोर जळाय मगन्न*
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
*कवि मित*
5 सितंबर 2019
||सूर्यवंदना वीर छप्पय || ||कवि मितेशदान(सिंहढाय्च) ||
*(21-08-2019)*
*अमरत्व अम नाथ,अमर पद आपो अमने,*
*जोता हर नित जाप,तपावो मन कुट तम ने*
*धर पर धर्म धिराण,करे तु कर्म ज कारण*
*व्याज वटा वहेवार,भरत हरीवर अम भारण*
*जय नाथ तिहारी ज्योतने,जे करे संपूर्ण हर काज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रीदये मित करती राज*
*(22-08-2019)*
*सौगम रूपी संत,धरा कर पावन धामी,*
*सौगम रूपी संत,नंदकाशयप नर नामी,*
*सौगम रूपी संत,पीतांबर वेह पूजाणो,*
*सौगम रूपी संत,रियो नभ एक ज राणो,*
*संतन हितकारी सर्वपरी, जे साचा देव सुधीर*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,वा आभ झळकता वीर*
*(21-08-2019)*
*अमरत्व अम नाथ,अमर पद आपो अमने,*
*जोता हर नित जाप,तपावो मन कुट तम ने*
*धर पर धर्म धिराण,करे तु कर्म ज कारण*
*व्याज वटा वहेवार,भरत हरीवर अम भारण*
*उजियारा अम सौ आपना,तुज सम नही तपिये ताप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जोड़ी कर मित जपिये जाप*
*(23-08-2019)*
*नंदन घर आनंद,जुवे मधराते जागी,*
*चंदन ह्रदय सु चंद,अता जमुना अनुरागी,*
*पितांबरा पटराज,कान जनमेय कलाधर,*
*अति गाढ़ अजवाश,धरोहर नाख्यो इण धर,*
*परकाश अतिय पाड्यो प्रगट,धर आवेय धरणीधर*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,कैक रचसे मित कलाधर*
*(24-08-2019)*
*सृस्टि ना सरताज,जगतसुर कानड जन्म्या,*
*सृस्टि ना सरताज,नाथ त्रय लोकण नम्या*
*दियण तेज मुख द्वंद,सुरज पट झंखिय श्यामें*
*श्याम रंग पण श्याम,सुरज निरखी मन सामे*
*मधरात पड़े निरख्यो महान,इ किरतारी गुण कान*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,माधव मित सुरज मान,*
*(25-08-2019)*
*नव गठबंधन नाथ,दबी जडीयाय दशानन,*
*नव गठबंधन नाथ,वसु तुज वेह विशालन,*
*नव गठबंधन नाथ,चंद्र पण तेज चढायो,*
*नव गठबंधन नाथ,लंक राजन लड़ लायो,*
*दानव दैत्यो पर एक दिने,जद बांध्या नव ग्रह जोड़*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,तुज मित सुर नाव्यो तोड*
*(26-08-2019)*
*प्रजवळीयो परकाश,धरा पर एक धुरंधर,*
*प्रजवळीयो परकाश,चढयो चितकार चमरपर*
*प्रजवळीयो परकाश,तेज अंजाय न तोरु*
*प्रजवळीयो परकाश,काल पळ रहे न कोरु*
*आवत आभे जद आभनाथ,प्रजवाळी जग परकाश*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,एक आरद सुरमित आश*
29 अगस्त 2019
||सूर्यवंदना छप्पय || || कवि मितेशदान सिंहढाय्च ||
*(11-08-2019)*
*पटाधरा परमेश,प्रछट प्रतिपालक धर पर,*
*पटाधरा परमेश,कष्ट हरणा किरपाकर,*
*पटाधरा परमेश,विश्व वैराट विरांगण,*
*पटाधरा परमेश,जोग जयकार जपत जण,*
*कर नर समर सुरापत कामण,यवन उगारण आप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,म्हावत मित गजधर माप*
*(12-08-2019)*
*पुण्य तणु परमाण,भाण भव कारण भज्जु,*
*पुण्य तणु परमाण,राण रिपु तनछड रज्जु*
*पुण्य तणु परमाण,आण अमीरात उभरती*
*पुण्य तणु परमाण,ज्योत जीवन नित जरती*
*परताप पुण्य पावन पतित,अरु अतीत उगारया ते*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,आ मित प्रतापोय ए*
*(13-08-2019)*
*सुष्म किरण नी शान,भिन्न बिंदु बांद्यु भव*
*सुष्म किरण नी शान,रखण सुसवाट सघन रव*
*सुष्म किरण नी शान,धवल अंबर तरु धारी*
*सुष्म किरण नी शान,विनय सर वित्त ग्यु वारी*
*जड चेतन धरणाय जशो,असो रूप किरण अनंत*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी,काटण मित फंद सु कंत*
*(14-08-2019)*
*चो घड़ियां चितराव,रूडा परमेश रिझावो,*
*चो घड़ियां चितराव,कुंज कानडसुर क्हावो,*
*चो घड़ियां चितराव,अमीर आभा अंबरपर,*
*चो घड़ियां चितराव,चढ़यो सुर आभे चितरकर,*
*चो घड़ी समय हर वार चढी,हर नभ सुर ले हरनाम*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,कोटी मित ल्यो शिवकाम*
*(15-08-2019)*
*सेज धरा नो संप,जुवो बांध्यो सुर जग्गे*
*सेज धरा नो संप,रक्त वादळ मन रग्गे*
*सेज धरा नो संप,तृण भीना सज्जे तर*
*सेज धरा नो संप,समन्वय भाई बन्यो सर*
*आगम अवीरत वहन अती,आ संप धरा नो आज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रूदिये हर वस मित राज*
*(16-08-2019)*
*ईश्वर आप अजाण,नथी धरती ना नारे,*
*ईश्वर आप अजाण,देव दातार दुवारे,*
*ईश्वर आप अजाण,अंग रक्षक उजियारा,*
*ईश्वर आप अजाण,पुरण घट प्रातः प्यारा,*
*एक ईश्वर आप सु आरदा,आ धर तुज विण ना आज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रहजो अनंत रविराज*
*(17-08-2019)*
*भरणत पोषण भाण,कान रूप कंश हण्यो कर,*
*भरणत पोषण भाण,विश्व ब्रह्मांड बण्यो वर*
*भरणत पोषण भाण,दसे अवतार द्र्शाया,*
*भरणत पोषण भाण,जश्न आभा जशगाया*
*(18-08-2019)*
*सज्ज गजब्ब तु सत्त,शक्त समरथ सजग्गीय,*
*सज्ज गजब्ब तु सत्त,गत्त ज्ञानंत गरज्जीय*
*सज्ज गजब्ब तु सत्त,पत्त राखण धर पुग्गीय*
*सज्ज गजब्ब तु सत्त,दत्त देवा गुण दुग्गीय*
*(19-08-2019)*
*हण्यो पाप होकाट,वखत धर आप विदार्यो*
*हण्यो पाप होकाट,ध्रम तप्प तप्पये धार्यो,*
*हण्यो पाप होकाट,बही फर चक्र ब्रहम्मा,*
*हण्यो पाप होकाट,खलक पर करतो खम्मा,*
*(20-08-2019)*
*व्योम धरा वरदान,तुही अनुदान तराजु,*
*व्योम धरा वरदान,तुही कामण कर ताजु,*
*व्योम धरा वरदान,सदा समरथ दन साजु,*
*व्योम धरा वरदान,लरण वंदन रख लाजु*