setap box No.610
शनिवार रविवार थी डायरो चेनल पर रात्रे नव वागे...
💐 *कच्छ झरपराना नाराणभाइ गढवी नी रचना* 💐
🌹 *वाला चारणो मने गमता* 🌹
🙏🏻 *ढाळ-कच्छ नी धरती वाळी रे (गरबो)* 🙏🏻
भोळा ने भजवा वाळा रे,माताजी ने मानवा वाळा रे
वाला चारणो मने गमता..(२)
जरपराना जबरा घणा दिलना छे दयाळु
भाडीयाना भला घणा छे बहु मायाळु
रामने रटवा वाळा रे, धर्मने मानवा वाळा रे
वाला चारणो मने गमता..
बोराणाना बा'दुर घणा छे बहु दयाळा
वोवार ना तो वटवाळाने छे ए पाणावाळा
दुहा-छंद बोलवावाळा रे,सोनलने मानवा वाळा रे
वाला चारणो मने गमता..
पांचोटीयाना पाणीवाळा समजु ने सीयाणां
भाडा नातो भला घणा मुछे बहु रुपाळा
वाछरा ने मानवा वाळा रे,शंभुने सेववावाळा रे
वाला चारणो मने गमता..
चारणोना जगमा आखा पळे पडकारा
सोनलमांने विनवे "नाराण" राखजो अजवाळा
शक्तिने सेववावाळा रे,अंबाने मानवावाळा रे
वाला चारणो मने गमता..
💐 *रचना=नाराणभाइ गढवी* 💐
*जरपरा-कच्छ*
*आ रचना जरपराना नाथाभाइए वोट्सप पर मोकली छे ए बदल आभार*
👏🏻 *भुलचुक सुधारीने वांचवी* 👏🏻
🌹 *टाइपिंग=राम बी.गढवी* 🌹
*नविनाळ-कच्छ*
*फोन=7383523606*
💐 *वंदे सोनल मातरमं* 💐
हे आज समरु ने साथ सव देजो
ताली पाळी केजो
मोगल नाम लेजो
मोगल मारा मनडा नी देव छे....
हे साद पाळू त्यां साद सुणी लेजो
ताली पाळी केजो
मोगल नाम लेजो
मोगल मारा मनडा नी देव छे....
हे आज अंतर थी साथ सव देजो
ताली पाळी केजो
मोगल नाम लेजो
मोगल मारा मनडा नी देव छे....
हे आज मनडा द्ववार सव खोलो
ताली पाळी केजो
मोगल नाम लेजो
मोगल मारा मनडा नी देव छे....
हे आज हेत भरी ने नाम लेजो
ताली पाळी केजो
मोगल नाम लेजो
मोगल मारा मनडा नी देव छे....
हे आज आषीश सव ने देजो भेळा मात रेजो
ताली पाळी केजो
मोगल नाम लेजो
मोगल मारा मनडा नी देव छे....
हे आज समरु ने साथ सव देजो
सरणे मात लेजो
ताली पाळी केजो
मोगल नाम लेजो
मोगल मारा मनडा नी देव छे
मोगल मारा मनडा नी देव छे....
🌷🌷 जय माताजी 🌷🌷
रचयता : माया बेन गढवी
गाम : राजकोट , जसदण
🙏 भुल चुक सुधारवी🙏
राग:(विरपुर जावु के सताधार जावु)
फिल्म : महि सागर ने हारे
ओखाधर जावुं के मढडा जावुं
हाल तने हाल मारी आयल बतावुं
हाल तने हाल मारी आयल बतावुं
ओखाधर जावुं के मढडा जावुं....
ओखाधरे बेठी छे मोगल मां
जेनी भकित ना रंग भरपुर मा
वनवगडा मा वास ऐवो मां नो प़भास
मां ना पगला नी तने रजे रज बतावुं
ओखाधर जावुं के मढडा जावुं....
मढडा धामे बेठी छे सोनल मां
मां नी मुतीँ ना तेज भरपुर मा
आई ना आदेश नो हाथ
सवना मन मा छे वास
आई ना हाकल नी हेताळी रीत बतावुं
ओखाधर जावुं के मढडा जावुं....
गाम गोरवीयाळे बेठी सत मा
ऐवी लीमंडा नी छांये अदभुत मा
ऐवा ओजत ना नीर पुरे सतना प़तीक
गंगाजळ नी सरवाणीं नी प़ीत बतावुं
ओखाधर जावुं के मढडा जावुं....
भगुडा गामे बेठी छे सत वृत मा
ऐवा परचा पुरे छे पल भर मा
ऐवो भगुडा नो भाव मां ना हेत नो प़भाव
तने नजरो नजर हुं तो रोज बतावुं
ओखाधर जावुं के मढडा जावुं
हाल तने हाल मारी आयल बतावुं
हाल तने हाल मारी आयल बतावुं
🌷🌷 जय माताजी🌷🌷
रचयता: माया बेन गढवी
गाम : राजकोट , जसदण
भुल चुक सुधारवी
💐 *कच्छ धणीयाणी मां आशापुरा ने एक अरज..* 💐
अरज करुं आइ सुणजे तुं साद,देशदेवी आशापुरा,मढवाळी मात..
कच्छ धणीयाणी सुण बाळकनो साद..
मढवाळी आशापुरा छोरु करता सौ याद..
विधाता माडी हवे वेरण थाय छे..
कोमवादे आइ तोळो कच्छडो पिलाय छे.
मां तारी आ श्रृष्टी ते रच्यो संसार,
मढवाळी मावडी कर कच्छ नो उध्धार...
मुंगा आ जीव माडी कच्छडे कपाय छे..
मावडी कहे पछी करवतुं फेराय छे..
मुंगा जीवोनी न कोइ सुणता फरियाद..
कच्छ धणीयाणी सुण एनी फरीयाद..
रोज रोज राज नवीे रमतुं मंडाय छे..
भक्ति नामे हवे नाणो वंचाय छे..
धनवान करता हवे निर्धन पर राज..
कच्छ धणीयाणी माडी जाग हवे जाग..
घणा दुख जोया देवी मानव ना वेश मां..
कच्छ वखणावो फरी देश- विदेश मां..
पापी ने पछाड एवुं करने मां काम..
करजोडी "राम" तने करे छे प्रणाम
🌿 *ढाळ -- शेरीये शेरीये पडावो साद* 🌿
💐 *रचना=राम बी गढवी* 💐
*नवीनाळ कच्छ*
*फोन=7383523606*
🙏🏻🙏🏻 *जय मां मढवाळी* 🙏🏻🙏🏻
💐 *वंदे सोनल मातरमं* 💐
राग: (बार बार वरसे नव्वाण घडाव्या)
फिल्म : (वणंजारी वाव)
आसो ते सुद ना आव्या मने सपना
सपना शोळ शणंगार ना जी रे (२)
तेळावो भुवा तेळावो डाकला
डाकले डांडीयु पळावो जी रे (२)
आसो ते सुद ना ....
जांण तल भुवो धुणीं धुणीं बोलीयो
तरवेळा नी तैयारी जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
गुंथावो भेळीयो वणावो भेळीयो
भेळीये भातु पळावो जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
घळावो कडला घळावो कांबीयु
कांबीये घाट पळावो जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
तेळावो आवड तेळावो मोगल
मोगल मात ने रीजावो जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
वगळावो ढोल वगळावो डाकला
डाकले आई ने तेळावो जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
मुकावो आंधण ओरावो लापसी
लापसी आई ने जुवारो जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
माथे ते भेळीयो ओढी आई आवीया
ञीशुल हाथे खम्मकार ता जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
चारणो चरज नी रमझट बोलावे
आई मोगल ने रीजावा जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
रीजो मोगल मां रमजो मोगल मां
चारण कुळ नी साथ मा जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
आवो मोगल मां रमवा मोगल मां
नवली नोरता नी रात मा जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
आषीश देजो भेळा माळी रेजो
करजो कुळ रखवाळी जी रे (२)
आसो ते सुद ना...
आरे रचना आई मोगल ना नाम नी
थोळी लखी ने थोळी ताकी जी रे (२)
आसो ते सुद ना आव्या मने सपना
सपना शोळ शणंगार ना जी रे
सपना शोळ शणंगार ना जी रे
🌷🌷जय मोगल मां🌷🌷
रचयता : माया बेन गढवी
गाम : राजकोट, जसदण
🙏भुल चुक सुधारवी 🙏
चारण समाजनुं गौरव-Air Force
Air Force मां निमंणुक
नाम :- सामत मेघराजभाई गढवी (गीलवा)
गाम :- मोटा भाडिया ता.मांडवी कच्छ
खूब खूब अभिनंदन
आ माहिती आपवा बदल नाराणभाई अरजणभाई गढवी (थरीया)नुं खूब खूब आभार
💐 *राजपुताणी हिरल मां नी चारण अने राजपुतो ने संबोधन करती रचना* 💐
आ रचनानुं ऑडियो :- Click Here
🌹 *ढाळ= हो राज मने लाग्यो कसुंबीनो रंग* 🌹
हे बाळ हवे जागो चारण ना संतान, हे बाळ हवे जागो क्षत्री ना संतान....
हे बाळ हवे जागो शक्ति ना संतान, हे बाळ हवे जागो सतियुं ना संतान....
उगीने आथमियो आ सतयुगनो सुरज, इ कळीयुग ना भुंढा एँधाण...
हवे जागो संतानो आ निंदर त्यागो, तो उगे सतयुग नो ए भाण.....
हे बाळ हवे जागो......
सार्थक शूरविर ने शक्ति ना उपासक, इ चारण ना जागो संतान...
जागो दिल ना दिलावर दानेश्वर टेकीला, तमे क्षत्रीना सुरा संतान...
हे बाळ हवे जागो......
होंशे जे कुळ मां जनमति जोगमाया, इ आयुंना जागो संतान...
जागो सतिंयु ना खाळे खेलीने धावेला, तमे क्षत्रीना सुरीला संतान....
हे बाळ हवे जागो......
त्रागा धरणाने चाचरना चळेला, इ धर्मीला चारण ना संतान...
जागो गौ ब्राह्मण नारी नी रक्षाना रसिया, क्षत्रीना सुरीला संतान...
हे बाळ हवे जागो.......
जेणे धाबळीये ढांकी अटकाव्यो सुरज, इ आवड ना जागो संतान...
जागो सतिये पारणीये पोढाळ्या परमेश्वर, इ अनसुया ना सुरा संतान...
हे बाळ हवे जागो.......
असुर ने उथापी हेमाळे हालेली, इ नागल ना जागो संतान...
जागो शियळ ने काजे अग्निमा होमायेली, राणक ना सुरा संतान...
हे बाळ हवे जागो.......
अधर्म अनिती अन्यायो अटकाव्या, इ करणी ना जागो संतान...
जागो वगडे विचरेली अग्निमा परखायेली, सीताना सुरीला संतान...
हे बाळ हवे जागो.......
अकबर ना दरबारे कडवा कहेनारा, इ दुर्शाजी ना जागो संतान...
जागो भोमका ने काजे रण-वगडे रखनारा, राणा ना सुरा संतान...
हे बाळ हवे जागो......
सांयाजी झुला ने इशरा परमेश्वरा, ने मावल ना जागो संतान...
जागो डुंगर नो ऊँदर थइ दुश्मन ने डराव्या, इ शीवाजी ना सुरा संतान...
हे बाळ हवे जागो........
डायरा नी घेली पुस्तक मां मुंजायेली, इ सरश्वती ना जागो संतान...
जागो सिंदुर मां ढांकेली वातुं संभळावे, इ पाळीयाना सुरा संतान...
हे बाळ हवे जागो.......
पिल्यो कटोरो चारणवट अमलथी,भरेलो चारण ना संतान...
जागो क्षत्रीवट घाटो अमल ने गटगटावो, तमे क्षत्री ना सुरीला संतान....
हे बाळ हवे जागो........
सतबाइ आपे सतयुग नो संदेशो, सांभळजो देवोना संतान...
जागो "हीरल" ना होंकारे उठो पडकारे, पृथुना पनोता संतान...
हे बाळ हवे जागो.......
💐 *रचना=हीरल मां राजपुत* 💐
*आ रचना किर्तीदान गढवी ना ओडीयो मांथी टाइप करेल छे*
🙏🏻 *भुलचुक सुधारीने वांचवी* 🙏🏻
🌹 *टाइपिंग=राम बी गढवी* 🌹
*नवीनाळ कच्छ*
*फोन नं=7383523606*
💐 *वंदे सोनल मातरमं* 💐
चडीया, भांसळीया,सिंढायच,उजळा कुळ नी आदी कुळदेवि भगवती भद्रशक्ति ने वंदना.....
. *||भद्रशक्ति स्तुती ||*
. *रचना: जोगीदान चडीया*
. *छंद: मिश्र पंच चामर*
अखंड खंड खंडमे प्रचंड नाम पायके
दियंती चंड मुंड दंड तुंड कट्ट तायके
भजामी भद्रशक्ति मात व्योम मुर्तियां वणी
जबांन जोगीदान भद्र शक्ति मात तुं भणी.01
महा विभूती मंगळा महां बली महेश्वरी
शिवा मुलां शकंभरी शिवंम प्रिया शिवेश्वरी
निरंजनाय निर्मली नमौ सकल्ल नियं त्रणी
जबांन जोगीदान भद्र शक्ति मात तुं भणी .02
प्रम्अक्षरी प्रमेहरी तुं चित्त शक्ति चारणां
महा महीश मर्दनी धरम्म प्रम्म धारणां
अनेक वैभवम प्रदाय प्रांण रूप् प्रसारणी
जबांन जोगीदान भद्र शक्ति मात तुं भणी.03
अशंभवाय शंभवा भवां तवाय भाव से
असंख्य शब्द योगीनी कृपा ब्रसंत काव से
महा विभुती भूत नाथ योग क्रम उपासणी
जबांन जोगीदान भद्र शक्ति मात तुं भणी.04
चतुष्क वेद चारणी तुं चिन्मयी चरा चरा
विराट व्योम वाशीनी प्रकृतियां धरा परा
शिवा उमाय शास्वती सुधा शिवात्म वासणी
जबांन जोगीदान भद्र शक्ति मात तुं भणी.05
विणां प्रदा व्रदान मान गान चारणां ग्रहो
भगत्त मंगळी भवां असूर मर्दनी अहो
प्रचंड सुर्य रुप तुं प्रगट्ट धरा प्रका शणी
जबांन जोगीदान भद्र शक्ति मात तुं भणी.06
महा गिरा महा फला महा सगत्त मात तुं
अमि प्रभाय अक्ष एक रुद्र काल रात तुं
मधू कट्टंभ से मया तुं ब्रह्म को बचावणी
जबांन जोगीदान भद्र शक्ति मात तुं भणी.07
तुंही तु पंच तत्व मे अजन्म तुं अणुं अणुं
प्रथी प्रथम प्रमेहरी भवानी केवडी भणुं
उमा रमा तुं अंबिका निषिध दशा निवारणी
जबांन जोगीदान भद्र शक्ति मात तुं भणी.08
🙏🏻🌞🙏🏻🌞🙏🏻🌞🙏🏻🌞🙏🏻
*मितेशदान(सिंहढाय्च) कृत रामायण महागाथा माथी,,,,,*
*|| रचना;अहल्या की कथा||*
*||छंद- मोतिदाम ||*
*||कर्ता:मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||*
*(प्रातःकाल राम और लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिलापुरी के वन उपवन आदि देखने के लिये निकले। एक उपवन में उन्होंने एक निर्जन स्थान देखा।)*
ऋषि लछमन सखा रघुवीर,
वने फरताय द्रसिय कुटीर,
एकांत कुटीर न मानव होय,
न होव ऋषि नाह गोचर कोइ,
कथे ऋषिराजन बोधत राम,
ऋषि एक होवत गौतम नाम,
सखी अरधांग अहल्याय साथ,
कुटीर मही रह बेयु संगाथ,
अनुपस्थित होवत ऋषि गौतम,
नदी स्नान नित हुतोय नियम,
तभै एक दिन पुरंदर आवत,
गौतम रूप तणो देह धारत,
एकांत अहल्या कुटीर मही,
गए इंद्र कामन मोह चही,
करे याचना रूपवाण कु नार,
प्रणय समो मोह बेय अपार,
अति अहंकार भर्यो मनमाय,
अहल्याय रूप तणो भरमाय,
कहे मन्न होवत इंद्र प्रसन्न,
जुवे रूप वान हुवेय मगन्न,
मति भूल भान हुवे चक चूर,
कहे इंद्रराजन कामीय तुर,
सभी कुळ लाजन छोड़ दियाह
तभी ध्रमको धुळमे दाट लिया,
मिलाप समाप किनोय अमाप,
अमाप कु जानत दैवन पाप,
पलायन होवत पातक झट्ट,
ऋषि गौतमा रूप कीनो कपट्ट
द्रसे परते फरताय मुनि,
जुवे इंद्र जावत मग्न धुनि,
धरि रूप दूजो सरीखोय तन्न,
अति क्रोध भासत ऋषि नयन,
अति क्रोध में मन्न होवे अगन्न,
गति काल की क्रुद्ध खीजे गगन्न,
दिनों श्राप इन्द्राय को नर नाह,
नही नार होवत मोह न चाह,
कुटीर गए गौतमा क्रोध धार,
अहल्याय काज न लज्जा अपार,
मुनि क्रोध वश हुवे कु न दाख,
इति क्षण श्राप दिनों बन राख,
कीनी याचना खूब भान भणी,
भीनी आंख में अश्रुय आव घणी,
दिसे पश्चाताप ऋषि सूज देव,
हुतो उद्धार सहस्त्र युगेव,
*छप्पय*
अवतारी रघु आवत,तोड़न श्राप कठिन तुज,
अवतारी रघु आवत,पद छब राख चरण पूज,
अवतारी रघु आवत,धारण तन तुज पर धर,
अवतारी रघु आवत,विधाता सत्य करण वर,
अयोधया से आविये, ,रघुवीर मुनि संगराम,
तन श्रापित दन तरिया,सावल रूप मीत श्याम
*(अहल्या का पश्चाताप देखकर गौतम मुनि ने अहल्या से कहा,तू हजारों वर्ष तक केवल हवा पीकर कष्ट उठाती हुई यहाँ राख में पड़ी रहे। जब राम इस वन में प्रवेश करेंगे तभी उनकी कृपा से तेरा उद्धार होगा। तभी तू अपना पूर्व शरीर धारण करके मेरे पास आ सकेगी,यह कह कर गौतम ऋषि इस आश्रम को छोड़कर हिमालय पर जाकर तपस्या करने चले गये। )*
*(विश्वा मित्र ने कथा के पश्चात कहा,,
हे राम! अब तुम आश्रम के अन्दर जाकर अहल्या का उद्धार करो।”)*
*(विश्वामित्र जी की आज्ञा पाकर वे दोनों भाई आश्रम के भीतर प्रविष्ट हुये। जब अहल्या की दृष्टि राम पर पड़ी तो उनके पवित्र दर्शन पाकर वह एक बार फिर सुन्दर नारी के रूप में दिखाई देने लगी। ¥ तत्पश्चात् उससे उचित आदर सत्कार ग्रहण कर वे मुनिराज के साथ पुनः मिथिला पुरी को लौट आये।)*
(वाल्मीकि रामायण के इंकावनवें सर्ग के श्लोक क्रंमाक 16 के अनुसारः)
|| - सा हि गौतमवाक्येन दुनिरीक्ष्या बभूव ह।
त्रयाणामपि लोकानां यावद् रामस्य दर्शनम्।
शापस्यान्तमुपागम्य तेषां दर्शनमागता-॥
(अर्थात- .रामचन्द्र के द्वारा देखे जाने के पूर्व, गौतम के शाप के कारण अहल्या का दर्शन तीनों लोकों के किसी भी प्राणी को होना दुर्लभ था। राम का दर्शन मिल जाने से जब उनके शाप का अन्त हो गया, तब वे उन सबको दिखाई देने लगीं)
*🙏~~~मितेशदान(सिंहढाय्च)~~~🙏*
*कवि मीत*
रण सर नृग रत्नाकर बाग बाक ब्रज आस तोळा घोळा हाजी सुमरी 'खेम' माम मेक शाम खास
(कच्छ नी 1 दोहा मां ओणख नो प्रयास रण--सफेदरण. सर--नारायण सरोवर .नृग भुजिया काला डुंगरा. रत्नाकर दरिया. बाग : बागायति खेती. केरी अने काजु नु उत्पादन अने नीला नेशवाली बाक रवेची रवराय (स्वर नी अधिष्ठाता )व्रज- पाठ शाला , आश:आशापुरा , तोळा: तोरांदे जेसल, घोळा : धोलावीरा (वल्ड हेरिटेज) हाजी : गायो माटे शहीदी वहोरनार हाजीपीर, अबडो : सिंधथी आवेल सुमरी बेनो माटे शहीदी वहोरनार शाम : सशस्त्र क्रांति ना प्रणेता सयामजी कृष्णा वर्मा, माम:मामई देव मेक:संत मेकरन खास: तेनाथी प्रख्यात खेेम: खेल कुसल अने खीमराज चारण कवि नु नाम
💐 *चारण कवी आपाभाइ रचित नांगबाइ मां नी रचनाे भाव..* 💐
किर्तीदान गढवीना स्वर मां ऑडियो :- Click Here
नोंधारा गइ छो मेली रे,आंखडीयुं मां खळके हेली..
वळामण करने वेली,बाइ आमारो कोइ न बेली रे...
नांगबाइ केम गइ छो मेली रे...आइ केम गइ छो मेली रे...
माडी नथी मुखडा जोयी, हैया ना हेत रे खोया..
राते आंहे नेणला रोया,तेज वछोया आज ते छोडी रे...
नांगबाइ केम गइ छो मेली रे...आइ केम गइ छो मेली रे...
हेमाळा नी केळीये हाली,नोंति अमे वेल हंकारी...
एना छे ओरतां भारी,भुल अमारे भाग्य् लखेली रे...
नांगबाइ केम गइ छो मेली रे...आइ केम गइ छो मेली रे...
गुनांओनो कर गुजारो,माडी हुंतो बाळ तमारो...
हवे एक आप होंकारो,वात विचारे वणजे वेली रे...
नांगबाइ केम गइ छो मेली रे...आइ केम गइ छो मेली रे...
कहु ओल्या काळ दुकाळे,जुना जेम जाड गुजारे...
हवे वेलाहर आइ विचारे, "आप" कवी नी विंनती छेली रे...
नांगबाइ केम गइ छो मेली रे...आइ केम गइ छो मेली रे...
💐 *रचना --- चारण कवी आपाभाइ* 💐
🌹 *टाइपिंग --- राम बी गढवी* 🌹
*नविनाळ--कच्छ*
*फोन नं ---7383523606*
🙏🏻 *आ रचना किर्तीदानभाइ गढवी नो ओडीयो मांथी टाइप करेल छे भुलचुक सुधारीने वांचवी* 🙏🏻
🙏🏻🙏🏻 *जय नागबाइ मां* 🙏🏻🙏🏻
💐 *वंदे सोनल मातरमं* 💐
🙏🏻🙏🏻 *धन्य धन्य चारण कुळ ने ज्यां नंद नारायण भयो....* 🙏🏻🙏🏻
धन्य धन्य चारण कुळ ने ज्यां नंद नारायण भयो...
भाइ नंद नारायण भयो.....
परमेश्वर नामे जे पुजाणो,इशर आ कुळ मां थयो...
हरिरस लख्यो निज हाथथी,सुणाववो बाकी रह्यो..
इन कारण ए समये,अवतार लइने आवियो...
धन्य धन्य चारण कुळ ने......
महीदान नामे तात जेना,मात जीउबा नाम छे...
चँडीने सन्मुख सदा रहेवुं,रसना मां जेने राम छे...
मोशाळ बाटी कुळ लांगेव,आ पख बेय ऊजाळीयो...
धन्य धन्य चारण कुळ ने.......
हाकल सुणी हरीनामरी,संसार छोडी चालीयो...
हरिहरानंद ना चरण ग्रहीया,अभय पद ने पामियो...
सुरता लागी शिव साथे,भ्रम जगतरो भांगियो...
धन्य धन्य चारण कुळ ने.....
भगवा धर्या जेणें अँग वाघा,भष्म त्रिकुंड ताणीयो...
अजर अमर एक नाम एवा,जगतपती ने जाणीयो...
"दीलजीत" शब्दो धरी चरणे,नारायण नीवाजीयो...
धन्य धन्य चारण कुळ ने......
🌼 *रचना --- दीलजीतदान गढवी --- ढसा जंक्षन* 🌼
👏🏻 *आ रचना मढडा सोनलबीज -२००३ नो ओडीयोमांथी टाइप करेल छे भुलचुक सुधारीने वांचवी* 👏🏻
🌹 *टाइपिंग --- राम बी गढवी* 🌹
*नविनाळ कच्छ*
*फोन नं.7383523606*
🙏🏻🙏🏻 *जय नारायण* 🙏🏻🙏🏻
💐 *वंदे सोनल मातरमं* 💐
🙏🏼🙏🏼 *जय माताजी* 🙏🏼🙏🏼
💐 *चारण कवि पिंगळशीभाइ मेघाणंद गढवी नी अदभुत कविता...* 💐
ब्राह्मण नी रसोइ
राजपुत नी रीत
वाणीया नो वेपार
पारसीनी प्रीत
नागरनी मुत्सदी
व्यासनी भवाइ
लोहाणानी हुंसातुंसी
भाटियानी भलाइ
आयर नी रखावट
चारण नी चतुराइ
मेमण नी खेराती
सैयद नी सच्चाइ
कणबीनी खेती
संधीनी उघराणी
पठाणनुं व्याज
घांचीनी घाणी
मेरनो रोटलो
पुजारीनो थाळ
कोळीनी करकसर
भक्तोनी माळ
वहीवंचानी बिरदाळी
ढाढीना वखाण
भाटनी कविता
माणभट्टनी माण
मणीयारानी चुडली
वांझानो वणोट
खवासनी चाकरी
खत्रीनो रंगाट
सीदीनो मसीरो
कागदीनी शाइ
खोजाना डाळीया
कंदोइनी मिठाइ
चुंवाळियानुं पगेरुं
वाघेरनी करडाइ
आडोडियानी झडझपट
तरकनी तोछडाइ
अबोटीना कीर्तन
बजाणियानी ठेक
सोमपुराना मंदिरो
घंटियानो खेप
सरैयानो सुरमो
सुतारनुं घडतर
मोचीनां पगरखां
कडियानुं चणतर
वोरानी नम्रता
वाळंदनो जवाब
पसाधतोनो खुंखारो
दरवाणीनो रुवाब
खारवानुं वहाणवटुं
लोधीनी जाळ
दरजीनो टांको-टेभो
प्रजापतिनो चोफाळ
नाजीआनुं गाडानारण
कायस्थनी कलम
वैधनुं पडीकुं
गंजेरीनी चलम
रामानंदनी आरती
मुल्लानी बांग
भोइनुं रांधणुं
भरवाडोनी डांग
सिपाइनो साफो
नटडानो दोर
काशीना पंडीतो तीरथनो गोर
वाळंदनी हजामत
चामठानी शान
लुहारियानी अटपटी
डफेरनुं निशान
कबाडीनी कुहाडी
भीलनुं तीर
शीखनी उतावळ
धूळधोयानी धीर
माधवियानी के'णी
भवायानो भाग
ढाढीना रामलीला
धूतारानो लाग
मतवानुं मैयारु
रांकानी राब
भीखारीनी झोळी
माळीनी छाब
नाथनो रावणहथ्थो
भांडनो गाल
चोरटानी शियाळी
तस्करनो ख्याल
मल्लनी कुस्ति
बहुरुपीनो वेश
मालधारीनो नेश
जादुगरनी चालाकी
भोपानो भभको
रबारीनी पुंज
भरथरीनो खप्पर
शेताननी सूझ
प्रश्नोरानुं वैदुं
नोंधारानो नातो
साधुनुं सदाव्रत
कसाइनो कातो
लंघाना त्रांसा
तूरीनुं रवाज
कामळीयाना कांसीया
डबगरनुं पखाज
रखेहरनो ढाेल
मीरनी शरणाइ
मारगीनो तंबुरो
धोबीनी धोलाइ
जंगमनो टोकरो
रावळनुं डाक
वादीनी मोरली
बहारवटियानी धाक
लंघीना राजिया
योगीनी मोज
जत्तीनो त्याग
फिरंगीनी फोज
वांसफोडाना वांस
हीजडानी ताळी
गोकळीनो गाेफणियो
राजैयानी थाळी
सलाटनी घंटी
पींजारानी तळाइ
संघाडियानो ढोलियो
मजूरनी कमाइ
संन्यासीनुं मुंडन
जोगीनी धुणी
फकीरनी कदुवा
शराफीना मुंडी
लुहारनी धमण
गांधर्वनुं गाणुं
मुंडानो वांदर्यो
देविपुजकनी वढवेड
वेरीआनी करबत
हिजरतनी हेल्य
💐 *रचना --- चारण कवि पींगळशी भाइ मेघाणंद गढवी* 💐
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🌹 *टाइपिंग --- राम बी. गढवी* 🌹
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