नाट्य क्षेत्रे राष्ट्रीय तखतो गजवती मांडवीनी चारण कन्या - पुजाबेन राजेश कानाणी
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28 फ़रवरी 2017
27 फ़रवरी 2017
चारण समाजनुं गौरव :- दर्शनाबेन जीवराज गढवी
चारण समाजनुं गौरव :- दर्शनाबेन जीवराज गढवी
राज्य कक्षानी भौतिक विज्ञान प्रयोग हरिफाई मां राज्यमां त्रीजो नंबर प्राप्त करेल छे
दर्शनाबेन जीवराज गढवी(पत्रकार कच्छमित्र) कोडाय
खूब खूब अभिनंदन
26 फ़रवरी 2017
|| गरबो - लोबळीयाळी वंदना || ||
*|| लोबळीयाळी नी वंदना ||*
*|| गरबो ||*
*||कर्ता ~ मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||*
हे माँ लोबळीयाळी माँ तू नेजाळी,
आवड दुःख हरनारी,(टेक.)
माडी रव गाम बेठी दयाळी,
तु तो दु:खिया ना दुःख हरनारी,
नमो वीसा भुजाळी अमारी
तु माडी बेठी रवराय रवेची,
हो माँ आवड दुःख हरनारी (१)
माडी माटेल तारो वास,
पुरी करजो माँ सहु नी आस,
ते तो वांझिया ना वांझपणा,
भांगया खपराळी,
खोडल माँ ख़मकारी,
हो माँ आवड दुःख हरनारी (२)
ते तो चंड मुंड दैत्य ने चोळ्यो,
एने रण मा लइ जइ ने ते रोळ्यो,
माँ चोटीला डुंगरावाड़ी
दयाळी चामूंड माँ हेताळी,
हो माँ आवड दुःख हरनारी (३)
माडी मढ़डा मा तू छो कृपाळी,
सौ ना रुदिया मा तु वसनारी,
ते तो चारण कुळ ने तारयु
कृपाळी सोनल माँ सुखकारी,
हो माँ आवड दुःख हरनारी (४)
माडी ओखा भगुडे तू बेठी,
सुख आपे तू कष्ट ने वेठी,
ते तो भीमराणा पावन किधु,
परचाडी मोगल माँ मछराळी,
हो माँ आवड दुःख हरनारी (५)
माडी भक्तो नी तु रखवाड़ी,
शुंभ नीशुंभ ने हणनारी,
तेतो सौ ने सुखापणा दीधा
बिरदाळी आवड माँ हरसाळी,
हो माँ आवड दुःख हरनारी (६)
हे मामडीयारी बाळ,
तूने वंदु हु वारम वार,
माडी *मितेश* नी अरजीने
सुणीने आवो ने लोबळीयाळी,
हो माँ आवड दुःख हरनारी (७)
*🙏~~~~~मितेशदान(सिंहढाय्च)~~~~~🙏*
*कवि मीत*
श्री कच्छ गढवी समाज समूह लग्न समिति (गांधीधाम) द्रारा आयोजीत 28 मां समूह लग्ननुं अहेवाल
||चरज - सोनल वंदना || ||कर्ता - मितेशदान (सिंहढाय्च)||
*||चरज - सोनल वंदना ||*
*||ढाळ - भजा तोय भेळीयावाडी ||*
*||कर्ता - मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च्) ||*
चारणों नी मात कृपाळी,सोनल माँ मढ़डा वाडी,(टेक)
पावन कारी धरती ऊपर, वधी गया ता भार,
हे भार ने हरवा आव्या माडी,
साक्षात सोनल मात दयाळी,
चारणों नी मात कृपाळी (१)
चाराण कुळ ने तारयु माँ ए,अमर राखी शाख,
हे मनडा मोटा राखी ने माँ ए,
दोष कीधा अम माफ़ दयाळी
चारणों नी मात कृपाळी (२)
भव नदी नव ग्रह ने आई, अनेक वेद वेद पुराण,
हे नाम तारा चाले माडी,
अखिल आ ब्रह्मांड दयाळी,
चारणों नी मात कृपाळी (३)
सुखडा आपो दुःखडा कापो,करजो लीला लेर,
हे भेळीया वाड़ी आवजो माडी,
काढ़जो कुळा वेर दयाळी,
चारणों नी मात कृपाळी,(४)
शुभ वेणो थी चेतवी माँ ते,चाराण जात ने आज,
हे आदेश तारा विचरे जेओ,
पामे सुख संसार दयाळी,
चारणों नी मात कृपाळी (५)
सांभडी तारा परचा माडी,मन थया हवे साफ़,
हे सदाय कृपा राखजो माडी,
*मितेश* विनवे वीसभुजाळी,
चारणों नी मात कृपाळी (६)
*🙏~~~~~ मितेशदान (सिंहढाय्च)~~~~~🙏*
*कवि मीत*
श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ प्रसंगे जाहेर निमंत्रण
*श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ प्रसंगे जाहेर निमंत्रण*
कथा प्रारंभ :- ता.27-02-2017
कथा विराम :- ता.05-03-2017
कथा श्रवण समय :-
सवारे :- 9-00 थी 12-00 कलाके
बपोरे :- 3-00 थी 6-00 कलाके
वकताश्री :- श्री भीमसेनभाई जोषी (मोटा भाडिया)
मुख्य यजमान ऐवम् दाताश्रीओ
गं.स्व.देवश्रीबेन रामभाई गेलवा परिवार (मोटी खाखर) हस्ते प्रभुभाई रामभाई गेलवा
सुमराजी उमरावजी जाडेजा - रावळपीर दादा मंदिरना पुजारी परिवार - गंगोण
*स्थळ :- श्री रावळपीर दादानुं मंदिर, नानी गंगोण, ता. नखत्राणा कच्छ*
*निमंत्रक*
श्री रावळपीर दादा मंदिर भागवत सप्ताह समिति तेमज
नानी-मोटी गंगोण, विभापर, मोसुणा,सुखपर, नाराणपरना ग्रामजनो
जय रावळपीर दादा
CGUCO DRARA MEDICAL CAMP :- PARTHAMPURA
CGUCO DWARA Date 25-2-17 ROJ PARTHAMPURA CHARAN NA GAM MA MEDICAL CAMP NU AYOJAN RAHULBHAI LILA , DR PINKY, VITGHALBHAI GADHAVI DWARA KARVAMA AVEL HATU
Harish Gadhavi, CHIRAG GADHAVI DWARA KARVAMA AVIYU,DR KUNTAL BHATT,DR VIRENDRA PANDYA, DR VIRBHADRASINH, DR KETAN DAMOR , DR VIDYUT PARMAR , DR CHETAN RATHVA VIGERE DRS AE SEVA API , A CAMP MA 600 PATIENTS NU CHACUP KARVAMA AVIYU, 400 LOKO NU EAY CHEKUP KARI CHASHAMA FREE MA VITRAN KARVAMA AVIYU. MEDICINE FREE VITRAN KARVAMA AVIYU. HEARTILY THX TO RAHUL LILA , Dr PINKY GADHAVI AND TEAM . REALY VERY BIG CAMP AND VERY GOOD WORK FOR OUR SOCITY.
HARTLY THX TO SARDABEN GADHAVI OUR SPONSOR . 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
चारण समाजनुं गौरव
*चारण समाजनुं गौरव*
जीगरदान अजीतदानभाई रोहडीया
मूळ गाम :- जामथडा मांडवी कच्छ
हाले :- कुकमा कच्छ
CS (कंपनी सेक्रेटरी) कोर्ष पूर्ण करवा बदल खूब खूब अभिनंदन
💐💐💐💐
वीर शहीद चारण माणशी गढवी ना पिताश्री नी व्यथा
25 फ़रवरी 2017
|| जीवा माँ नो परचो || || कर्ता- मितेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च्) ||
*|| जीवा आई नो परचो ||*
*||छंद - सारसी ||*
*|| कर्ता - मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च्) ||*
*( कच्छ नी पावन धरती पर आवेल लाख्यारवीरा गाम मा एक समये एवा क्रूर दुष्ट रा खेंगार बीजा नो त्रास होवा थी अने चारणों नी रक्षा काजे आई जीवा माँ इ साक्षात समडी बनी ने राव तथा एना आखा लश्कर ने भळके बाळी ने राख करी नाख्यु हतु, एवी साक्षात जगदंबा रूपी मावडी ने वंदन, रूपी आ सारसी छंद रजु करु छु,)*
साक्षात रुपे आई जीवा कच्छ धरा मा अवतरी,
अवतार लीधो आई ए दिताजी चारण घर धरी,
संकट विकट ने दुःख दर्दो टाळवा मा आविया,
महिया ना कूळ माँ विपत समये आइ जीवा अवतर्या,(1)
शामळ साखे आई जीवा लालोजी ने परणीया,
थोडा समय तणे आई कुखे बाई दीपा जनमिया,
कै काळ ने अकाळ मा लालोजी जीवन वश थया,
शामळ कुळ मा विपत समये आई जीवा अवतर्या,(2)
संसार ने त्यागी ने माँ जिंदाय गामें आविया,
दीपा ने संगे आई ए ब्रह्मचर्य व्रत धारण कार्या,
जे शरण आवे बाळ एना कष्ट सघडा कापिया,
शामळ कुळ मा विपत समये आई जीवा अवतर्या,(3)
जिंदाय छोरु आस लै ने आई पासे आवियो,
छोरु कहे माडी तमे आ अधम थी उगारजो,
माडी तणा उपाय थी छोरु सौवे राजी थया,
शामळ कुळ मा विपत समये आई जीवा अवतर्या,(4)
चारण आई गाम आवि राव ने समजावियो,
नहीं मानता रा' आई नु ते अड़ग मन मा थै रह्यो,
इ रा' ने मारग लाववा आई इ त्या जमहर कर्या,
शामळ कुळ मा विपत समये आई जीवा अवतर्या,(5)
समडी बनी ने धोळी माए रा ने परचो आपियो,
चिंधता आंगळी रा' ने तम्बू साथे बाळीयो,
मितेश गावे भाव थी माँ आज तारा गुणला,
शामळ कुळ माँ विपत समये आई जीवा अवतर्या(6)
*🙏------मितेशदान(सिंहढाय्च्)------🙏*
*कवि मीत*
24 फ़रवरी 2017
चारण ऐक धारण ग्रुप मां जोडाववा माटे
जय माताजी
चारण ऐक धारण नामनुं 2013 मां Whatsapp ग्रुप बनावेल जो आप आ ग्रुपमां जोडाववा मांगता होय तो नीचे मुजबनुं मेसेज आ नंबर 9913051642 पर मोकलवा विनंती
पुरु नाम :-
गाम :-
काम :-
आ नंबर 9913051642 पर मेसेज करशो ऐटले ऐड करवामां आवशे
*नोंध :- ग्रुपना नियमनुं पालन नहीं करे ऐने रिमूव करवामां आवशे*
|| शिव सारसी || रचना : जोगीदान गढवी (चडीया)
*सनातन ईष्ट भगवान शंकर ना चरणो मां हजारो वंदन सह.....*
. *|| शिव सारसी ||*
. *रचना : जोगीदान गढवी (चडीया)*
कैलास पर माळा कपोली फेर बेठत फंकडो
डम डडम डमरु नाद डमके बोल बंम बंम बंकडो
परजा पती ने जपट पींख्यो धाह सुंणतां धावशे
जपीयें अलख जप जोगडा तो आज शंकर आवशे.. ||01||
परजा चुकी छे पुन्य मारग मोह मां मंडाई छे
उजवळ हती जे आर्य नी ए रीत पण रंडाई छे
धखता तीखारा धरमना लई गीत चारण गावसे
जपीयें अलख जप जोगडा तो आज शंकर आवशे.. ||02||
उपनीसदो वेदो पुरांणो अमर साहीत आपणुं
पस्चिम नी ज्वाळा प्रजळतां तेह नुं थ्युं तापणुं
कर सुद्ध नरसी समो कोई लगीर बस लंबावसे
जपीयें अलख जप जोगडा तो आज शंकर आवशे.. ||03||
अंतरां नादे असुर आवी गांण तांडव गावतो
वर दसक माथा वाढ नारो पाप चारी पावतो
मेली जटा ने मोकळी ऐ खलक दाढे खावशे
जपीयें अलख जप जोगडा तो आजशंकर आवशे.. ||04||
दरसे दीगंबर चर्म चंबर अलख अंबर अंचरे
कठेय काळा वीस वाळा सीस माळा सांचरे
भावे भरेला शबद भुज बळ भोळीया ने भावसे
जपीयें अलख जप जोगडा तो आज शंकर आवशे.. ||05||
🐚🌞🙏🏼🐚🌞🙏🏼🐚🌞🙏🏼🐚
||शीव सरणम् || रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)
*शिव रात्री ना पावन पर्वे भगवान शीव ना सरण नी आस्था सह वंदना....*
. *||शीव सरणम् ||*
. *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
. *छंद: भूजंग प्रयात*
नमो भूत नाथम् भभूतम् भूजंगी, नमो चंद्र वाहन अरी चर्म अंगी
नमो विश्व नाथाय नागेन्द्र नामी, शरण शंकरा ले सगत्तीय स्वामी,.||01||
नमो भस्म अंगी जटा बंध गंगा,नमो निल कंठम सदा भूत संगा
नमो हस्त पिन्नांक दैतांण डामी, शरण शंकरा ले सगत्तीय स्वामी,.||02||
नमो सर्प कंठा सुरेशम् महेशम्, नमो मुंड मालाय वैदर्भ वेशम्
नमो कामदम् ध्यावतम् योग धामी,शरण शंकरा ले सगत्तीय स्वामी,.||03||
नमो नृत्य नायक अजन्माय योगी, नमो जग्त हन्ता जपे दान जोगी,
नमो सुर्य चक्षा कीनो भस्म कामी, शरण शंकरा ले सगत्तीय स्वामी,.||04||
नमौ हिंगळा ब्रह्म रंध्राय बासी, नमो काळ काळेश हे नाथ कासी
नमो स्कंध ताता गणेसानुं गामी, शरण शंकरा ले सगत्तीय स्वामी,.||05||
नमो सोम ईसम् भीमा वैध नाथम्, नमो मल्लीकार्जुन श्री शैल साथम्
नमौ त्रंबकेदार भोळा भजामी, शरण शंकरा ले सगत्तीय स्वामी,.||06||
नमो राम रामेश गौरेश गाथा,नमौ हर प्रिया सोहणां वाम हाथा
नमो नाथ नारेशरा कैक नामी, शरण शंकरा ले सगत्तीय स्वामी,.||07||
नमो औम कारम् धरूं नित्य ध्यानम्, नमौ मोक्ष कारम् जपुं जोगी दानम्
नमो पाप हन्ता प्रणामी प्रणामी, शरण शंकरा ले सगत्तीय स्वामी,.||08||,
🙏🏼🐚🌞🙏🏼🌞🐚🙏🏼🐚🌞🙏🏼
लाभ जण लोटेश्वरा - रचना: दोलतदान अलराजजी बाटी
, *रचना: दोलतदान अलराजजी बाटी*
. *छंद: हरगीत*
झालरां घंटण नाद झणणे,पनंग फणिदर सुरपूरे
ॐकार रुपा सृस्टी आभ्रण,अचल योग उमेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..01
भवनाथ वै जा नाथ भोळा, महा षड सत्रु मटे
मन वचन सेवक बणीं समरे, घण दिंयण घूस्मेस्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..02
जळळाट जळीयो विश्व जांणे, राख भरथारो रती
देवां निवाजक दैव कालम, कूट पींण कालेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..03
अण मास भाद्रव अमा वस्या, वरण मळ जोयो वडो
देसात्र जग घुरजट्ट दाता, भजो घण भुवनेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..04
प्रज पाळ प्रिति धर्म पुदगळ,क्रुर खळ पर कोपतो
ऋषी मारतंडे राम रटीयो, पार ब्रह्म परमेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..05
जय जयती राघव संत जपीया स्रुत पथ सुद्धारवा
त्रय कोट ग्रामा मुंज पर तट, हर प्रगट माहेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..06
दिन बंधु भगतां धन्य दौलत दान जण दरशण दियो
काशी अजोधा तणों महीमा, राखीयो रामेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..07
वंदंत्य मेटे हत्थ वामे, आय जण बण आतूरे
परियां उधारे पतीत पामर, सामटा सोमेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..08
वैताळ डाकण रहै वेगळ, प्रेत पीशक पर हरे
आणंद जण घण टळे आव्रण, मृत्यु जय माहेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..09
रतपीत त्रय दोषा रहेना, महा मारण जड मटे
नारायणां नर निकट निवसे, कसें केदारेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..10
जस धर्म जापे थीर थापे, द्वार डेली डायरा
अंन्जळां आलय वास आपे, ईशरा अभरेश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..11
जळ कमळ जग अनुराग हरजस, राग बागा सिद्ध रहे
जनमे सुकुळ हर राग जागे, अराधे आर्येश्वरा
वढियार धर काशी तडोवड,लाभ जण लोटेश्वरा..12
||शिवा सप्तक||-||कर्ता-मितेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च्)||
*रचना -शिवा सप्तक*
*छंद - त्रिभंगी*
*कर्ता-मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च्)*
महानाथ महेशर,अजय उमेशर,गिरी गजेश्वर,गरवासी,
गुण पत्त गुणेश्वर,सकळ सुरेश्वर,अनध अजेशर,वनवासी,
भळके भळवंकर,भीम भयंकर,रूप रसंकर,जट धारी,
नमह नीलकंठ श्रीकंठ दिगंबर कृपा करो करुणा कारी,(1)
व्याघाम्बर धारण,कष्ट विदारण,गंग जटाधर कामारी
सेवक मन भावण,ध्यान लगावण,धुन जगावण,मनवारी
देवा धि देवं,नमन भु देवं,पंच मुखा,भो भयहारी,
नमह नीलकंठ श्री कंठ दिगंबर कृपा करो करुणा कारी,(2)
परमेश्वर काळं,भयो विकराळं बनी महांकाळं नाच रियो,
विरहे विफ़रियो,दक्ष वधरियो,यज्ञ रोळीयो,हूंफरियो,
भटक्यो वनवंकर,राख झटंकर,भुत अघंकर,बलकारी
नमह नीलकंठ श्री कंठ दिगंबर कृपा करो करुणा कारी,(3)
तप ब्रह्म लगायो,खलक सजायो,जाप जपायो गान करे,
वेदा वखणायो,सोम बणायो,अध नारीश्वर रूप धरे,
श्रुष्टि सर्जनकर,महा मयंकर,त्रिपुरान्तक मंगलकारी,
नमह नीलकंठ श्री कंठ दिगंबर कृपा करो करुणा कारी,(4)
जय सुर सूदन मन हरख अदन कर वदन नमन भय हरलिन्ना,
वीरभद्र जदन ,रूप लगन जदन,अज शांत अगन,मन भरलिन्ना,
मृत्युंजय तारक,भुजंग धारक,धर्म सवारक,संसारी
नमह नीलकंठ श्री कंठ दिगंबर कृपा करी करुणा कारी,(5)
भाले चंदरधर,टिको तिलक कर,भभूत छटंकर,निरंतर,
टोळी संगभमकर,मगन मनंखर,नाद गजंतर नमहर हर,
नंदी असवारम त्रिशुळ धारम सेवक तारम विषधारी,
नमह नीलकंठ श्री कंठ दिगंबर कृपा करो करुणा कारी,(6)
मित मन गुणगायो,नाद लगायो,छंद गवायो,चरण पड़ी,
तेजन प्रसायो,पाठ पढ़ायो,सुण गणरायो लरण लड़ी,
शरणे तूज आयो,मन महकायो,जय हनुमंता अवतारी,
नमह नीलकंठ श्री कंठ दिगंबर कृपा करो करुणा कारी,(7)
*🙏------मितेशदान(सिंहढाय्च्)------🙏*
*कवि मीत*
|| शिव अष्टपदी || रचना : जोगीदान गढवी (चडिया )
*शिवरात्री ना महा पर्व ना दिवेसे भगवान शिवनी वंदना करतो*
*चारणी शिव तांडव*
. 🍃 *|| शिव अष्टपदी ||* 🍃
. *रचना : जोगीदान गढवी (चडिया )*
. *छंद : अष्ट पदी नाराच*
डिमडिमाक डिमडिमााक डिमडिमाक डम डमा
बजंत डाक शिव का धरा पडांय धम धमा
तणंत घोम तिरहूरा त्वरीत्त वेग लै तमा
उठंत नाद घोर त्राड प्हाड देत पड़ घमा
धगंत लाल लोचनाय तेज सूर टमटमा
अनाधी देव ईश तुं निकुल्ल नाथ निरगमा
प्रचंड जोम जड़ घराय जोगीदांन को जमा
जीभे करंत हे रमा खमा खमा खमा खमा..||01||,
चडे चबांन चारणांय छंद शी करी छटा
कीया प्रकट्ट काळशाय जड्धरा खुली जटा
धडं धडा धडक धडक धरा धमंक घुर्जटा
कडड थडड फडड फटाक फेण शेष का फटा
किलक्क किलक्क भेरूकाळ बोलतोल बंम्बमा
नटाट रंग नाच शुं सकंभरी करे समा
प्रचंड जोम जड़ घराय जोगीदांन को जमा
जीभे करंत हे रमा खमा खमा खमा खमा..||02||
धरा पडंत गंग धार धोध शीश पे धर्यो
खुली जटा लटा कटाय भद्र विर सुं भर्यो
फरर फरर फरर फड़ाक फेर फूरदडी फर्यो
हर्यो है दक्ष हाम धाम ठाम ध्वंस के ठर्यो
डडम् डडम् डडम् डडम्ब डाक बोल डमडमा
ततत्त् ताक थाक थैय नाट राज ना थमा
प्रचंड जोम जड़ घराय जोगीदांन को जमा
जीभे करंत हे रमा खमा खमा खमा खमा..||03||
बबंम्ब बबंम्ब बंम्ब बंम्ब बंम्ब नाद बज्जीया
शिवंम प्रकट्ट संग विर सैन्य प्रेत सज्जीया
हडड हडड हडड हुकंत भूत नाथ भज्जीया
कीये भ्रकुंड नैंण काळ रुप क्रोध कज्जीया
अघोर घोर नाद मे चले फुकंत चिल्लमां
कपोल कांघ शिश कट्ट भूत प्रेत सा भमा
प्रचंड जोम जड़ घराय जोगीदांन को जमा
जीभे करंत हे रमा खमा खमा खमा खमा..||04||
घुमी उमड घुमड जटा घने घुमंड घोरीयां
गड़ड हड़ड कड़ड कड़ेड फट्ट आभ फोरीयां
सुट्यो सड़ाफ डांफ नंदी हांफ राव होरीया
धमा धमाक देत धींह धाक दक्ष धोरीयां
जली सती अती कलीक् काळ हाड कमकमा
बजंत पाय पयजणां छनन छनन छमा छमा
प्रचंड जोम जड़ घराय जोगीदांन को जमा
जीभे करंत हे रमा खमा खमा खमा खमा..||05||
दीयंत त्राड प्हाड फाड़ पांण भौम जा पडा
करंत शिव काल कोप जोप धोप जोगडा
दीखंत्त रौद्र रुप दक्ष तांडवम तडम तडा
भगे कहां भवां पिताय जग्ग राह नव जडा
थरर थरर थरर थयल्ल काय ध्रुज कमकमा
मनस्वी पुत्र ब्रह्म मान नाथ पाव मे नमा
प्रचंड जोम जड़ घराय जोगीदांन को जमा
जीभे करंत हे रमा खमा खमा खमा खमा..||06||
खडड भडड खड्यो खलक्क खंड द्विप खंडीया
जली कहंत जोगडो चिता विहीन्न चंडीया
रुके न रौद्र रुप शीश मुंड काट मंडीया
भ्रकुंडी नाथ भोळीयाये दक्ष राज दंडीया
हरी गये हरर तदे तमस्वी देख कर तमा
चल्यो हे चक्र वक्र हस्त देह टुक्क कर दमा
प्रचंड जोम जड़ घराय जोगीदांन को जमा
जीभे करंत हे रमा खमा खमा खमा खमा..||07||
विसो खटा खटा विसोय पिंड देह परगमा
सति हती हती नती य झीक नेंण से झमा
हयात हिम जोड्य हाथ शिस झुक्क के क्षमा
सती पति जपे जती अरप्पीयुं सूता उमा
करत्त सेव देव हेव रंज मन्न नई रमा
पवित्त चित्त हीत्त मात पार वत्तीयां पमा
प्रचंड जोम जड़ घराय जोगीदांन को जमा
जीभे करंत हे रमा खमा खमा खमा खमा..||08||
(अथः श्री शिव किर्तन अष्टपदी नाराच अष्टक संपुर्णम् )
(विसो खटा = 26 + खटा विसो = 26
ऐटले के 26+26= 52 टुक मां सति नो देह थयेल (खट =6))
(भगवान शिव दक्ष नो ध्वंस करवा हेतुज यग्न स्थाने आवेल
अने ते पछी हीमालय के महाराजा हिमावन अने मैनावती नी
भक्ती वान पुत्री पार्वती साथे लग्न हेतु कैलास पर रोकांण थयुं
अने माता पार्वती ना मेळाप थी अतः अष्टक ने अंतिम चरण
आपवा नो प्रयास आप सहुने गमशे ऐवी आशा व्यक्त करुं छुं)
🙏🙏🍃🍃 *ऊँ नमः शिवाय* 🍃🍃🙏🙏.
महा शिवरात्री
चारण कविओ नी भगवान शिव अंगे रचनाओ PDF FILE Download :- Click Here
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શિવ ને ભજો જીવ દિન રાત (શિવ-સ્તુતિ)
શિવ ને ભજો જીવ દિન રાત...
શિવ ને ભજો જીવ દિન રાત...
શિવરાત્રી શિવ મહી બને અને ભોલેનાથ ની દયા હમેશાં તમારા ઉપર રહે એવી શુભેચ્છા સહ તમામ ને જય માતાજી જય સોનલ.
- BHOLA SHAMBHU - VARJANG GADHAVI MOTA BHADIYA
- STUTI
- MAN MERA MANDIR
- SHIV SHANKAR KO JIS NE
- SHIV STUTI SHIV NE BHAJO DIN NE RAT - PRADIP GADHAVI
- SHIV TANDAV