कच्छ चारण समाजना सेना मां फरज बजावता सैनिकोनी माहिती
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30 नवंबर 2017
29 नवंबर 2017
जयदेव बचुभाई गढवी
ॐ शांति....
*छंद छटा ने सपाखरां, हुती सादुळी हेव*
*जिव ने घ्रहको जोगडा, जातां तुं जयदेव*
हे जयदेव छंद अने छपाखरां नी छटा अजोड हुती तमणां कंठ मां..ए कंठ अने केहणी नो कसब आज फानी दुनिया त्यजी जतां जीव ने ध्रहको पड्यो छे...भगवान ए चेतना ने चिर शांति आपे...
*ॐ शांती...*
28 नवंबर 2017
Application for searching your name in voter list
Application for searching your name in voter list
General Assmbly Election-2017
An application for searching your name in voter list is prepared by chief Electoral Officer,Gandhinagar
Please Download the app for searching your name in voter list and forward this link in all your group. so that they can search their name in voter list.
Download App ::- Click Here
27 नवंबर 2017
26 नवंबर 2017
25 नवंबर 2017
कवि काग वंदना रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)
. *कवि काग वंदना*
. *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने, धऩ्य मां धाना ने धन्य भाया बड भाग्य रे...
कुळ वंत कोडीला....
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...टेक
कलम तिरे विंधाय अमांणाय काळजां.
साद मां जांणे घुघवे सायर सात रे...सावज सादुळा...
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...01
चार चारे परज्युं ना चाहेय चारणो...
मांनतां सगा विर सुं सोनल मात रे...देवरूप दूलारा...
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...02
मोभ हिपो हो के हो मोहन मात्यमा...
वात विनोबा नी विहरे नई विदवान रे....मजादर ना मोभी...
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...03
क्रोड गुना आखी नात्य खातेय जे कीधा
जीव ऋषी भड़ ज्वारीयें जोगीदान रे..धान बाई ना धावण..
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...04
🙏🏻🌞🙏🏻🌞🙏🏻🌞🙏🏻🌞🙏🏻
कर्ण नी वेदना
. *कर्ण नी वेदना*
. *रचना: जोगीदान चडीया*
कुंता आवुं सिखव्युं कूने...माडी केम त्याजीयो मुंने ...टेक
खुब हेते थी खोलतो ज्यां हुं, मां केहवा ने मूख
त्यागीयो जांणींन तुटतुं हैयुं, दोयलुं थातुं दूख
आंख्युं नाय आंहुडे उने, माडी केम त्याजीयो मुंने 01
नीर व्हेता मां नाखतां मुंने, हैयु हाल्युं केम हें..
जरुर हती मारे जननी तारी,तोय, तरतो मेल्यो तें
केने तें भरोंहे कुने, माडी तेदी त्याजीयो मूने..02
हुतो एवो शुं बोल हेताळी, व्हालसोई मुज वांक
बोलवा ना मुंने होंश नोता बा, मारी, उघडी नोती आंख
तोये हवे शुं कहुं तूने, माडी केम त्याजीयो मुंने 03
आखरी टांणे तुं आंगणे आवी, मोत देवा सीद मात
जोखमाशे जोगीदान जनेता, वांचशे जो कोई वात
गती कीध आम शुं गूने, माडी केम त्याजीयो मुंने.04
रचना: जोगीदान गढवी (चडीया) 9898 360 102
आंगणा
. *|| आंगणा ||*
. *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
अमने याद आव्यां ए आंगणां रे....(02)
हे रमता भमता ज्यां दन रात,
व्हाली लागे ई वतन वात...अमने याद आव्यां घर आंगणारे..टेक
आंगणे गार गोरमटी नो ओटलो रे..
मावडी ना हाथनो उनो उनो रोटलो रे
शिळी ओली ढळती लिंबडा नी छांय
कोई मने वढतूं ना जियां कांय...अमने याद आव्यां ए आंगणां रे...01
भात लई हालती ए भतवारीयुं रे
चार नुं हारे दातरडुं ने चारीयुं रे..
लाव लई कर्यां गलुडीयां ने लाड
विहरुं केम ई थोरीया नी वाड...अमने याद आव्यां ए आंगणां रे...02
ओहरी नी गेर्य पर बेही ने गावता रे
पाडरु ने भेहुं ने ढाळीया मां पावता
पाघडी जेनीते बगला नी पांख
याद एनी आवतां भिंजाणी आंख...अमने याद आव्यां ए आंगणां रे...03
डेलीये डाया मांणह ना डायरा रे
वातडी सांभळे थोभी ने वायरा रे
छोकरां समजे वात नीय सान
जीव ने व्हालां ई जोगी दान ...अमने याद आव्यां ए आंगणां रे...04
मोगल तारो आशरो
. *|| मोगल तारो आसरो||*
. *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
. *ढाळ: ठाकर अमुं मेल्य मां ठेली*
लोबडीयाळी पाय हुं लागुं, पाळे मां उतारीये पागु,
जोगण नां जाप थी जागुं, मोगल तारो आशरो मागुं....टेक,,.
लाख गुना तारा लाल ना माडी, लेखती नई लाजाळ
जाय तारा वींण जोगडो क्यां मां, बाई हुं नानो बाळ
भेळीया नी ओथ मां भागुं, मोगल तारो आसरो मागुं...०१
सामटा वेरी आवता छो ने, थडको ना उर थाय
भरोहे तारो भेळीयो भाळ्यो, कंपती वेरी नी काय
खेधाळीय खेलती खागुं, मोगल तारो आसरो मागुं...०२
रेम जाया पर राखजे रूडी, पाप मां दउं नई पाय
चुकींये नई मां ध्रम चारण नो, जीव भले आ जाय
तुंने जोई देह आ त्यागुं,मोगल तारो आसरो मागुं...०३
गाम गोकळ ने गोंदरे माडी, कोक दी थाजे कान
महा रासो मारी मावडी मंडे, जोउं हुं जोगी दान
वांसलडी जेम हुं वागुं, मोगल तारो आसरो मागुं...०४
रचना : जोगीदान गढवी (चडीया) 9898 360 102
सरवाळो
. *सरवाळो*
. *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
करम नव कोय ने मेले..सरवाळो ई मांडतु छेले....
वात डायो वन हालीयो मोभी, संग मां सीता सेंण
अंधा अंधी ना ई अंत वेळाये , विर सांभरीयां वेंण
दशरथ ने राज ने डेले...सरवाळो वागीयो छेले..01
पग झालीने पछाडीयां भींते, जे बेनडी केरा बाळ
ऐ देवकी कुंखे देव पधार्यो, कंस नो थावा ने काळ
वासुदेव वंश ने वेले..सरवाळो मांडीयो छेले..02
पोगीयां प्रांचीने पिंपळे पापो, कृष्ण ने रूप किरात
भव वित्या तोय विंधती भाले, वाली मार्यो ई वात
ठाकर पाछी केमनी ठेले..सरवाळो आवतो छेले..03
निकळे जे कंई नांभीये थी ई.. आतमामा अथडाय
जुग जातां जोगीदान न जातां, होय आशिस के हाय
खोटा शिव खेल न खेले, सरवाळो मांडता छेले..04
*रचना: जोगीदान गढवी (चडीया) मो.नं. 9898 360 102*
23 नवंबर 2017
मोटा भाडिया चारण समाज जोग संदेश
*मोटा भाडिया चारण समाज जोग संदेश*
*प.पू. आईश्री सोनल मां 95 मो प्रागट्य पर्व सोनल बीज ना दिवसे सरस्वती सन्मान राखवामां आवेल छे*
*शिष्यवृति मेळववा माटे लायकात*
*--------------------------------------*
🔹S.S.C मां 65 %
🔸H.S.C सामान्य प्रवाह मां 65 %
🔹H.S.C विज्ञान प्रवाह मां 60 %
🔸कोलेज/मास्टर डीर्गी/अन्य कोर्ष मां वर्षना अंतिम सेमेस्टरमां - 60 %
🔹अन्य क्षेत्रे विशेष उपलब्धी (रमत, के अन्य)
*ऊपर मुजब नी लायकात धरावता विधार्थीओ ता.10-12-2017 सुधी मां परीणामनी प्रमाणित नक़ल नीचेना सरनामे आपी जवी*
सरनामुं
(1) श्री सोनल जनरल स्टोर मोटा भाडिया
(2) श्री लक्ष्मी ट्रेडर्स मोटा भाडिया
*मोटा भाडिया चारण समाज*
*🙏वंदे सोनल मातरम् 🙏*
21 नवंबर 2017
कच्छ चारण समाज जोग संदेश
20 नवंबर 2017
सोनल युवक मंडल बनासकांठा
जय सोनल करणी
सोनल युवक मंडल बनासकांठा का वार्षिक स्नेहमिलन समारोह दिसम्बर 2017 को हे तो सभी स्व जातीय बंधु ओ को सूचित किया जाता हे की हर शाल की तरह ये शाल भी जिन स्व जातीय बंधू को जनवरी 2017 के बाद सरकारी नौकरी लगी हो वे और कोई विशेष उपलब्धि हासिल की हे वो और स्टैण्डर्ड 7 से ग्रेजुशन तक 70% और इनसे ज्यादा अंक प्राप्त किया हो वो अपना सर्टिफिकेट की ज़ेरॉक्स कॉपी और पूरा बायोडेटा निचे दिए गए पते पर दिनाक 15-12-17 तक बाय पोस्ट भेजे स्नेहमिलन समारोह के दिन कोई डॉक्यूमेंट स्वीकार नहीं किया जायेगा और समारोह के दिन हाजर रहना अनिवार्य होगा
अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए फ़ोन पर संपर्क करे
Address : जे .डी.गढ़वी
कर्णावती शॉपिंग सेण्टर ,भरमाणी रेस्टोरंट के ऊपर , अमदावाद हाईवे ,पालनपुर 385001 बनासकांठा गुजरात
9426704475
(2) ऐम.डी.गढ़वी (advocate)
9 , करणी कृपा ,सोनल सोसाइटी , सुखबाग रोड , पालनपुर 385001 बनासकांठा गुजरात
9979744788
9408279366, 9426066415,9723815467, 9825098755, 9414609192,7737095071,9426595351, 9413502047
मोटी खाखर चारण समाज आयोजीत सोनलबीज निमिते रमतोत्सव-2017
मोटी खाखर चारण समाज आयोजीत सोनलबीज निमिते रमतोत्सव-2017
मोटी खाखर चारण समाज नी युवा टीम द्रारा उमदा अने प्रेरणादाई प्रयास
19 नवंबर 2017
वरदाळी ने वंदना - संकलन - संपादन चारण नामलबाई राणाभाई गामणा (वाचा)
कच्छ जील्ला कक्षानुं युवा महोत्सव-2017
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जाडवा जुकी नित केछे रे रचना कीशोरदान सुरु
जाडवा जुकी नित केछे रे
(राग) माताजी कहे बीवे मारो
जाडवा जुलीने जुकी नित केछे रे नमे ई गमे नाथने रेजी
जाणवा जेवु छे जाडे। मन राखी माळे रे
एजी. द्रष्टीमा राखो दाडे दाडे रे नमेई गमे नाथने रेजी
शीतल आपेछे छांयो, आंगणे गमेते आयो रे
एजी. भेद भीतर कदी नव भाळ्यो रे नमेई गमे नाथने रेजी
उभा कोई अडीने आभे, मेरु सम मपाई ना वांभे
एजी. छता खलक सरखो छे एने खांभे रे नमेई गमे नाथने रेजी
खंत राखी हाडथी खीले, भावना ई सौनी जीले रे
एजी. रागद्वेश लवलेश नही दीले रे नमेई गमे नाथने रेजी
उंच नीच शुछे आमा, आडोने अवळो थामा रे
एजी कालजे कीशोर के रटय नीत रामा रे नमेई गमे नाथने रेजी
रचना कीशोरदान सुरु
18 नवंबर 2017
|| रवेची प्रशस्ति || कवि धार्मिक जासिल "मयूख" रचित
कुलदेवी गावै कुकवि, रिझो पद्य रवराय
रख्ख रती
अळ कंथ अनंत हथी कथ मंत्र तुरंत हरंत बिकट्ट खती
कुळदेवि नराकिय पुज्य पराकिय हाक बुराकिय बाक कडी
रवराय रमम्मम् पाल परम्मम् बाल बरंगिय द्रग्ग बडी
व्रत भंग अमंगल तंग तरत्त विकार दुकारणको विफरे
नहि एक तरफ्फिय सर्व सरफ्फिय मात मुरब्बिय पीड लडी
रवराय रमम्मम् पाल परम्मम् बाल बरंगिय द्रग्ग बडी
लगि अंग उमंग समान तुरंग जुधारण जंग बजाय तुई
वरदायक संकट आय कपायक पाय उपायक जाय पडी
रवराय रम्म मम पाल परम्मम् बाल बरंगिय द्रग्ग बडी
रवआलय कालय ईम कटे ग्रह सर्व लगे जिम जाय वटी
अब आखर चाड सुणावत आपत जाय हवे हण चाड चडी
रवराय रम्म मम पाल परम्मम् बाल बरंगिय द्रग्ग बडी
17 नवंबर 2017
आवडमानो भाव रचना कीशोरदान सुरु
आवडमानो भाव
(राग) सुना समदरनी पाले
ए. आवडने आसरे जाये रे, जईने मा नमीये पाये रे
माथे ओढी भेड़ियो माडी, खबरु लेसे मात खमकारी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
ए. खलकमा ख्यात छे बानु रे, अटकाव्यो आभमा भानु रे
बांध्यो बाई लोबडी छेडे। वीर उगायोँ वीख विदारी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
ए. शोभे तेज टीलडी भाले रे,
आभा जाणे प्रसरी हाले रे
रमवा रास नीशरी अंबा, शोलशजी मा राज़ राजेश्वरी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
ए. दयाभरी दीलमा माजी रे, रेजे तु अमपर राज़ी रे
आजो छे एक तीहारो समरता देजे साद सुखकारी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
ए. जनमी जग प्रसीध्ध मादानी रे
उजाळी नात कुल अवनी
रे
कीशोर भाव भावथी गावे, आपजे आशीष मात अविकारी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
रचना कीशोरदान सुरु
16 नवंबर 2017
Digital Gujarat Online Scholarship Registration-2017
Digital Gujarat Online Scholarship Registration-2017
15 नवंबर 2017
14 नवंबर 2017
चारण समाजनो गौरव :- राष्ट्रीय कक्षानी कबड्डी कन्या टीम मां पसंदगी
चारण समाजनो गौरव :- राष्ट्रीय कक्षानी कबड्डी कन्या टीम मां पसंदगी
राष्ट्रीय कक्षा नी कबड्डी कन्या गुजरात नी टीम मां कच्छ जील्ला मांथी मोटा भाडिया प्रा.शाळा (ता.मांडवी-कच्छ) नी 2 विधार्थीओनी राष्ट्रीय कक्षानी रमत माटे पसंगदी थयेल छे
(1) सभाईबेन वाछीया गढवी (बांढा)
(2) जयश्रीबेन खेंगार गढवी (तुरीया)
राष्ट्रीय लेवलनी रमत रमवा माटे राज्यनी टीम मां पसंद थयु ऐ बहु ज मोटी उपलब्धी छे
खूब खूब शुभेच्छाओ
मोटा भाडिया प्राथमिक शाळाना समग्र स्टाफ ने खूब खूब अभिनंदन
13 नवंबर 2017
चारण परीवार
चारण परीवार ना दरेक सभ्य ने
आ लेख खास वाचवा विनंती
चारण परीवार नी ऐक संस्था बनावी छे
( वृध्धा आश्रम ) पण आ नाम न सारु लागे ऐटले आपणे
" चारण परीवार " नाम थी ओडखीये
" चारण परीवार " संस्था मा
निराधार,
निसहाय ,
वृध्ध मावतर,
निसहाय, बाळको,
त्यकता (विधवा बहेनो)
निसहाय भाई ओ नो पण समावेश करशु
पण आ बधु अधुरु छे आप सव ना साथ,सहकार,सहमती,अने मदद विना
आपणा समाज मा ऐवा घणा घर छे
जयां आथीँक तकलीफ होय।
घर ना सभ्यो वधु होय।
अने
कमावनार ऐकज होय समाज ना घणा घर दुबडा छे।
ऐवा दुबडा घर ने सहमत करीये। संस्था मा जोडावा।
आप सव ने ऐम नथी लाग तु के
ऐ लोको पण सध्धर थाय
सुखी थाय
बाळको ने सारु भणावी शके ,
परीवार ने सुख आपी शके।
पण दरेक व्यकती ऐमज विचारे छे के अमारा मावतर। भाई बहेन।
निराधार आश्रम मा न जाय।
आपणे आज विचार ने मन मांथी ने समाज मांथी नाबूद करवो छे।
ने आगळ आवु छे।
आपणे ऐक संस्था बनावीये जेमा आपणा समाज माथी सव जोडाय।
आपणे ऐम मानीये छी के आपणा समाज माथी कोय दिकरा दिकरी मावतर ने निराधार आश्रम मा मुकवा नो जाय।
पण आपणे कया सवेँ कयोँ छे ?
ऐकवार दरेक व्यकती तमारी आस पास ना ,निराधार आश्रम मा तपास करजो 100 मांथी 10 दिकरा ना मावतर तो मळशे ज।
पण आपणे ऐम नय विचार करवा नो के मावतर ने निराधार आश्रम मा मुकवा?
आवोज विचार करशु तो
जे जे व्यकती ने घरना कोय पण व्यकती ने " चारण परीवार " ( निराधार आश्रम )मा मुकवा हसे ते व्यकती आगळ नय आवे।
आपणा मा अहंम ( ईगो )आडो आवे छे
अहंम ने दुर करीये ने सव ने मदद करवा माटे प्रेरणा आपीये ।
ऐटला माटे ज कहिये छी के आपणा समाज माटे।
चारण परीवार ट्रस्ट, ( संस्था निराधार आश्रम ) बनावीये
जे पण व्यकती ने आमा जोडावु होय।
मदद करवी होय।
साथ सहकार आपवो होय। ते लोको आपणी संस्था मा जोडाव।
माफ करशो अमारा थी वधारे लखाय के कहेवातु होय तो
पण आ हकीकत कव छुं आपणे हवे माताजी नी सेवा पुजा
भजन भाव भेळीया
संतवाणी बहु करीया
माताजी ना मंदिर वाडी
घणा बनाव्या छे
कइ केटला विस्तार मा जग्या रोकाण छे
गामे गामे समाज वाडी छे
विसामो छे
बोल्डींग पण छे
पण मंदिर नानु ने जग्या मोटी छे
पण ऐ जग्या मा निराधार निसहाय वृध्ध मावतर ने माटे थई ने समजा सेवा संस्था तरफ थी कोय जग्या नथी
माफ करशो
पण
माताजी ना मंदिर (जग्या) बनावा करता निराधार निसहाय वृध्ध मावतर माटे थई ने ऐक संस्था (आश्रम )बनावा मा आवे तो बव सारु
घणा घर ने आथीँक तकलीफ वाळा ने मदद मळी रेसे
आपणा विचारो थी
आपणे सव ऐक थय ने जोर शोर थी प्रचार करीये ने समाज मा सवँ करीये
साथ सहकार अने सहमत थाय ने ऐकता बनावीये
समाज माटे ऐक नवुज कायँ करीये
संस्था बनावा माटे जग्या
नाणा नी सहाय माटे दाता नी मदद लय
मां अंनपुणाँ भोजनालय व्यवस्था
संस्था माटे जरुरीयात सर सामान माटे सगवडता करवी ऐ बधा माटे सव ने संस्था मा जोडाववा माटे प्रयास करीये
आज अमे ऐक सामान्य ने मीडल क्लास वाळा ने विचार आवे तो
मानो समाज ना मोटा मोटा अग्रणी उध्योग पती
विदेश मा वस्ता समाज ना घणा सभ्य ने आ विचार आवोज जोये
अमारे तो शुन्य माथी सजँन करवा नो विचार छे
जे अधुरु छे आप सव ना साथ सहकार अने मदद विना
खाली वात करवा थी समाज ऐवा घणा लोको ऐ कह्यु
आ संस्था स्थपाय ऐ जरुरी छे
समाज ना घणा लोको नो विचार छे
आपणा समाज मा घणा सध्धर दाता ओ ने आमा जोडावा माटे प्रेरीये ।
चारण समाज ना घणा लोको नो विचार छे आ संस्था स्थपाय ऐमा
पण बोली नथी सकता समाज सुं विचार से?
धिक्कार से ?
नफरत करसे ?
कोय बोली नथी सकता
केम कहेवु ?
कोने कहेवु ?
आवा विचार थी कोय आगळ नथी आवता
चारण परीवार जाग्रत बने
पण समाज सव ना साथ सहकार अने सहमत विना अधुरो छे
मारा लखवा मा काय भुल चुक थाय तो माफ करशो
अमे तो सारु कायँ करवा नु विचारीये छी
आप सव ना साथ विना अधुरो छे
आप सव ना विचारो जणावशो
आपणो " चारण परीवार " निराधार निसहाय वृध्ध मावतर माटे थई ने आश्रम बनावे ते भाव थी आगळ आवो
आपणा चारण समाज ना ज ऐक परीवार ना विचारो 💐💐💐💐💐
जय माताजी चारण समाज ने 🙏🏻🙏🏻
Mayaben .V. Gadhavi Jasdan
WhatsApp no : 81405 92592
vanraj Bhai gadhvi
Mo : 9574184348
Jasdan , Rajkot