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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

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30 सितंबर 2017

कच्छ चारण समाजनो सामाजीक मेळावडा

कच्छ चारण समाजनो सामाजीक मेळावडा
ता. 02-10-2017
समय :- सवारे 10 - 00 थी 5 - 00 कलाके 
स्थळ :- विश्रांति भवन, भानुशाली नगर भुज कच्छ 


|| नवरात्र छंद || || कर्ता मितेशदान गढवी(सिंहढाय्च) ||

*||रचना: नवरात्र छंद ||*
     *|| छंद : दुर्मिळा ||*
*||कर्ता :मितेशदान महेशदान गढवी(सिंहढाय्च) ||*

घुमरी नभ हाथ हिंडोल छबि सुर बाजत मेघ मल्हार तणा,
दिप जाचत रुप सु भाण जिन्हा गुण राचत तेज अपार घणा,
चकडॉळ चढ़े नव खंड नेजाळीय नेह प्रमेह सु गोख भमे,
महमाय मनोरम आध्य शक्तिय वीस भुजाळीयु रास रमे,(1)

अनिल सलिल गुलाल अबिल  सुगंधीय फूल फॉरम लगे,
झळकाट झळ्यो कुम्भ जार उगा बीज थापण वाड़ीय स्थिर जगे,
प्रथमें नीर छंटण ड़ट्टण पाप सु काट्टण फंद दुताय दमे,
महमाय मनोरम आद्य शकत्तीय वीस भुजाळीयु रास रमे,(2)

भरखे भंड भोम का भार हुता  भर के निश वित्त भू चित्त चरे,
अरु रीत की जीत दीपावण मावण छल पे छित की भीत भरे,
महके धर मल्लक छोहन क्रीत न होइ पलित कु कम कमे,
महमाय मनोरम आद्य शक्तिय वीस भुजाळीय रास रमे,(3)

रपटे जद राजल रीझ रखे नह को भूपते रझवाट रोळी,
किये भोम थपाटीय वेगळी क्रोधित राज कियो छिन्न भिन्न खोळी,
इहित किये दैवी वार लिए सिंहमोय समी जग आण समे,
महमाय मनोरम आद्य शकत्तीय वीस भुजाळीय रास रमे,(4)

वरणी नील आभ धरी टिलडी झळकी  भाल तेजन मुख परे,
नवे ग्रह लिया सज बांध करे चूड़ला खणकावत ताल धरे,
धृबांग धृजावत नाद मृदंग बजावत मेघन घोम धमे,
महमाय मनोरम आद्य शकत्तीय वीस भुजाळीय रास रमे,(5)

परिमाण प्रगट्ट प्रभंजण रंजण रेख ज्यूँ दंभण घोर घटे,
अळ अंतर मंतर काट निरंतर जंतर जाप जदु  झपटे,
अद्य णिन्धार सार सुधार अरीदल पार उतार जगत नमे,
महमाय मनोरम आद्य शकत्तीय वीस भुजाळीय रास रमे,(6)

द्रुतकाल पछाड नगाड़ बजे कट कट सो फंदन काट कटे,
झट झाटक विकट पाठ पठे दळ त्राटक मारण शब्द रटे,
हुहुकार श्री कंठ गुंजावत गावत छंदय नाद वैभव जमे,
महमाय मनोरम आद्य शकत्तीय वीस भुजाळीय रास रमे,(7)

महिमाय तोळा कथू जाण अजाण जपु जगमात नमु करणी,
करणी शरणा तुज पाय लगा वर याचत *मीत* सूखा शरणी,
शरणी धरणी धर वंदन वंदन गेल प्रमेशरी चित्त समे,
महमाय मनोरम आद्य शकत्तीय वीस भुजाळीय  रास रमे,(8)

*🙏~~~मितेशदान(सिंहढाय्च)~~~🙏*

*कवि मीत*

29 सितंबर 2017

હે માળી ગુણ ગાઉ દિન રાત

હે માળી ગુણ ગાઉ દિન રાત
ઢાળ : (હે નામ રે સબસે બડા તેરા નામ )
હે માળી ગુણ ગાઉ દિન રાત ભવાની માં , હોરે ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત મૈયા.
૧) પ્રથમ શક્તિ રૂપે માં તુ પ્રગટી પ્રગટી આપો આપ,
હે માળી ત્રિદેવો ની તુ છો જનનાર.
ભવાની માં હોરે ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત...
૨) મહિષાસુર હરણી અસુર સંહારણી કાળીકા તુ માત,
હે માળી અધર્મ નો કરે પ્રતિકાર .
ભવાની માં હોરે ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત.....
૩) કચ્છ ધણીયાણી આશાપુરા માળી ભીડ ભાંગો માત,
માળી ભક્તો ની તુ છો તારણહાર
ભવાની માં હોરે ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત..
૪) અરણેજ વાળી બુટભવાની માં ભેળે રહેજો માત,
હે નવેખંડ માં તારો જયજયકાર.
ભવાની માં હોરે ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત...
૫) આઈ જીવણી તે બાકર માર્યો સરધાર ની માંય,
હે તને નમણુ કરે છે નર-નાર .
૬) રતડિયા માં હાંસબાઈ ભુતનાથ ભજતી કરતી નિત નિત પાઠ,
હે તારો જીવન માં હરીરસ નો સાર.
ભવાની માં હોરે ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત...
૭) ચારણ પબુ ઘેર જન્મી દેવલ
ઉજળી કરી માં નાત,
હે માળી ભાડુ સોનલ નો અવતાર.
ભવાની માં હોરે ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત...
૮) ચારણ કુળ માં જન્મી ખોડીયાર  કરણી તુ રે માત,
હે માળી કિધો છોરુ પર ઉપકાર.
ભવાની માં હોરે ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત...
૯) ચારણ દેવાંધ ગુણલા ગાય છે શરણે રહી ને માત,
હે મારા કુળ ને માં તારો રે આધાર
ભવાની માં હોરે ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત માળી.
હે માળી ગુણ ગાઉ દિન રાત
   ભવાની માં ગુણલા ગાઉ દિન રાત માળી
રચના : દેવાંધ મેધરાજ મૌવર.
            ( મોટા ભાડીયા )

मोटा भाडिया चारण समाज आयोजीत नवरात्री-2017

मोटा भाडिया चारण समाज आयोजीत नवरात्री-2017
ता.28-09-2017
कलाकारश्री :- रविभाई बारोट


Video ::- Click Here

विडीयो बाय :- कनैया स्टूडियो

चारण जोगमाया आईश्री देवल मां

चारण जोगमाया आईश्री देवल मां  सौराष्ट्रक्रांति नो अहेवाल
सौराष्ट्रक्रांति समाचार द्रारा अमूल्य प्रयास नोरता निमिते चारण जोगमायाओ विशे माहिती
अशोकभाई अने समग्र टीम नुं खूब खूब आभार

चारण जोगमाया आईश्री कंकुकेशर मां

*चारण जोगमाया आईश्री कंकुकेशर मां आलेखन श्री शांतुभाई फुनडा सौराष्ट्रक्रांति नो अहेवाल*

सौराष्ट्रक्रांति समाचार द्रारा अमूल्य प्रयास नोरता निमिते चारण जोगमायाओ विशे माहिती

*अशोकभाई अने समग्र टीम नुं खूब खूब आभार*

27 सितंबर 2017

चारण जोगमाया आईश्री हांसबाई मां (मोटा रतडीया) लेखक श्री आशानंद गढवी सौराष्ट्रक्रांति नो अहेवाल

चारण जोगमाया आईश्री हांसबाई मां (मोटा रतडीया) लेखक श्री आशानंद गढवी सौराष्ट्रक्रांति नो अहेवाल*
सौराष्ट्रक्रांति समाचार द्रारा अमूल्य प्रयास नोरता निमिते चारण जोगमायाओ विशे माहिती
अशोकभाई अने समग्र टीम नुं खूब खूब आभार

26 सितंबर 2017

काठडा नवरात्री अहेवाल

काठडा नवरात्री अहेवाल

श्रध्धाजंली डॉ. मिनलबेन (मुद्राबेन) सामतदानजी वरसडा नुं दुःखद अवसान

डॉ. मिनलबेन (मुद्राबेन) सामतदानजी वरसडा नुं दुःखद अवसान थयेल छे

चारण समाजने कयारेय ना पुराय तेवी खूब मोटी खोट पडी छे. सीवील हॉस्पीटल अमदावाद मां ऐडमीट थनार दरेक चारण भाई बहेनोनी अंगत देखरेख राखता हता.

परमकृपाळु परमात्मा ऐमना दिवंगत आत्माने  शांति आपे

चारण जोगमाया आईश्री जीवणी मां सौराष्ट्रक्रांति नो अहेवाल

*चारण जोगमाया आईश्री जीवणी मां सौराष्ट्रक्रांति नो अहेवाल*

सौराष्ट्रक्रांति समाचार द्रारा अमूल्य प्रयास नोरता निमिते चारण जोगमायाओ विशे माहिती

*अशोकभाई अने समग्र टीम नुं खूब खूब आभार*

मोटा भाडिया चारण समाज आयोजीत नवरात्री-2017

मोटा भाडिया चारण समाज आयोजीत नवरात्री-2017
पांचमो नोरतो
कलाकारश्री रविभाई बारोट अने पालु गढवी (मोटी खाखर)
ओरगन :-भीमशी गढवी (मोटा भाडिया)
पेड़ मास्तर :- गोविंद गढवी (समाघोघा)
ढोल :- मोहन हरजी गढवी & परेश गोस्वामी (मोटा भाडिया)
साउन्ड :- आर.वी.साउन्ड मोटा भाडिया
विजेताआने ईनामना दाता लक्ष्मी केबल नेटवर्क मोटा भाडिया

24 सितंबर 2017

नवरात्री पूजन अने उजवणी प.पू.आईश्री सोनल मां

*नवरात्री पूजन अने उजवणी माटे प.पू.आईश्री सोनल मां कह्यु छे के,*
                 *भाग-2*

"नवरात्री ऐ नवदुर्गाओनुं पर्व छे. चंडीपाठना देवी कवचमां नव दुर्गाओना नाम आप्या छे (1)शैलपुत्री, (2) ब्रह्मचारिणी, (3) चंद्रघटा, (4) कुष्मांडा, (5) स्कंदमाता, (6) कात्यायनी, (7) कालरात्रि, (8) महागौरी, (9) सिद्धिदात्री.

     आ नव दुर्गाओ ऐटले भगवतीनां जुदां जुदां नव रूप बने. नवरात्रीमां दररोज ऐक ऐक रूपे भगवतीनी पूजा करवामां आवे छे. झीणवटथी जोईऐ तो आ नवे रूपमां बाईउना जीवननी टूंकी रूपरेखा प्रतिबिंब खेंचवामां आवेल छे,

(1) शैलपुत्री ऐटले हिमालयना दीकरी पार्वती. ऐनुं पूजन ऐटले नानपणथी पर्वतमां वसवा जेवी कठोर तालीम अने सहन शकित केळववी.
(2) ब्रह्मचारिणी ऐटले कुमारी अवस्थामां मन, वचन, कर्मथी पूर्ण ब्रह्मचर्य.
(3) चंद्रघटा ऐटले चंद्र जेनी घंटडीमां छे. ऐटले जेनी वाणीमां चंद्रनुं अमृत, अवाजमां घंटडीनो रणकार, घरेणां कपडा, खानपानमां चंद्रनी शीतळता
(4) कुष्मांडा - दुनियाना त्रणे ताप, आधि, व्याधिने पचावे, संसार वहेवारमां झेर जीरवे ते कुष्मांडा.
(5) स्कंदमाता - देव सेनापति कार्तिकय जेवा पराक्रमी दीकराओनी मां.
(6) कात्यायनी - यज्ञ, दान, पुन्यनां दैवी कामो करवा माटे ऋषिकुळनी परंपरा चलावनारी.
(7) कालरात्रि - र्दुष्टो, अत्याचारीओने काळरात्री जेवी भयंकर.
(8) महागौरी - व्रत, नियम, तपथी  शुद्ध अने उजळी.
(9) सिद्धिदात्री - रिद्ध सिद्ध देवाने शकितमान पावनमूर्ति.

*आपणा आईओ सिध्धिदात्रीओ बनेला, बाळपणाथी बुढापा सुधीमां नवदुर्गाना नवे रूपनी परीक्षामांथी पास थयेला. आपणी बाई, बहेनो, दीकरीओ जो ऊपर प्रमाणे नानपणथी ज नवदुर्गानी रहेणी करणी पाताना जीवनमां उतारे, तो भेळीयाळीओनी खोट न रहे ने साचुं चारणपणु प्रगटे.*

                              *पूर्ण*
*संदर्भ :- मातृदर्शन लेखकश्री पिंगळशीभाई पायक

*टाईप बाय* :- www.charanisahity.in

        *वंदे सोनल मातरम्*

मोटा भाडिया चारण समाज आयोजीत नवरात्री-2017

मोटा भाडिया चारण समाज आयोजीत नवरात्री-2017

आयल पधारो मारे आंगणे रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

आजे त्रिजा नोरते परोढीये सहज रीते मोगल स्मरण मां बनेल एक भावगीत..आप सौ मोगल उपासको ने जय मोगल सह भावस्वाद हेतु...

.         *आयल पधारो मारे आंगणे*
.     *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
.     *ढाळ: कच्छ मा अंजार रुडा शेर छे*

आयल पधारो मारे आंगणे होजीरे
मारे आसो ना तारा उपवास मां..हो मात
मोगल आवो ने मारे आंगणे होजीरे..टेक

पडवे प्रथवी नो जांणे पाटलो होजीरे..
माडी आसन जमाव्या अखीयात मा..हो मात
मोगल आवो ने मारे आंगणे होजीरे..01

बिज ना चांदा नुं करी कोडीयुं हो जीरे..
माये जिंणी प्रगटावी छे ज्योत मा..हो मात
मोगल आवो ने मारे आंगणे होजीरे..02

तिज नां तरहूर त्रण लोक मां होजीरे..
जेना भलके जबुके आभे भांण मां..हो मात
मोगल आवो ने मारे आंगणे होजीरे..03

चारे दिशायुं आवि चोथ नां होजी रे..
माडी पडीयुं आवि ने तारे पाय मां..हो मात
मोगल आवो ने मारे आंगणे होजीरे..04

पाचे नदीयुं ये धोयां पावलां होजीरे..
तारुं सरणामृत समंदर सात मां..हो मात
मोगल आवो ने मारे आंगणे होजीरे..05

छठ्य मांडी ने तमे सोगठां होजीरे..
माडी रमीयां आ जग आखीरात मां, हो मात
मोगल आवो ने मारे आंगणे होजीरे..06

सातेय पाताळ नभ सातमे होजीरे..
माडी मधरां ने मिठां मलकाय मां.. हो मात
मोगल आवो ने मारे आंगणे होजीरे..07

आठे आ योग आवी आठमे होजीरे
माडी पावन ऐ थीया परसाद मा..हो मात
मोगल आवो ने मारे आंगणे होजीरे..08

नुम ना निवेद धर्या नेहडे होजी रे..
तुने जमवे आ बाळ जोगीदान मा..हो मात
मोगल आव्या छे मारे आंगणे होजीरे..09

(नोंध: मारे पांचमे पांचेय नदीयुंये पग पखाळ्या लखवुं हतुं.. पण धोया शब्द ए भाव धारा मां वेहतो उतरेल हतो पछी बुद्धि नो चंचुपात न करतां जेमनुं तेम आयल ना चरणे अने आप सौ मी नजरे धरी दिधु..)

🙏🏻🔱🙏🏻🔱🙏🏻🔱🙏🏻🔱🙏🏻

22 सितंबर 2017

चारण जोगमाया आई करणीजी -सौराष्ट्रक्रांति अहेवाल

चारण जोगमाया आई करणीजी -सौराष्ट्रक्रांति अहेवाल

चारण वीर शहीद माणशी गढवीना पिताश्री राजदेभाई नी व्यथा

सोनल_स्वमान_अभियान
चारण वीर शहीद माणशी गढवीना पिताश्री राजदेभाई नी व्यथा


वीर शहीद माणशी गढवी

वीर शहीद माणशी गढवी  ता.22-09-2004 ना रोज माणशी गढवी शहीद थया हता. तो आजे तेमना विशे टूंकमां माहिती आपवानो नानकडो प्रयास करेल छे.

वीर शहीद माणशी गढवीनुं टुंकमां परिचय

नाम :- गढवी माणशी
पितानुं नाम :- गढवी राजदेभाई
मातानुं नाम :- सुमाबाई
शाखा :- सेडा
जन्म तारीख :- 14-02-1979
जन्म स्थळ :- झरपरा-कच्छ
पत्त्नीनुं नाम :- सोनलबेन
शहीद तारीख :- 22-09-2004
स्थळ :- पुंच सरहद जम्मू काश्मीर

VEER SHAHID MANSHI GADHAVI

वीर शहीदनी वधारे माहिती  (PDF File) :- Click Here

वीर शहीद माणशी गढवीने कोटी कोटी वंदन





संदर्भ :- कच्छना चारण रत्नों मांथी

      

लेखकश्री :- आशानंद गढवी झरपरा-कच्छ

(आ पुस्तकनुं विमोचन थयेल नथी तेम छतां आ माहिती आपवा बदल श्री आशानंदभाईनो खूब खूब आभार)

*टाईप अने पोस्ट बाय :-www.charanisahity.in*



  * वंदे सोनल मातरम् *

आईश्री मोगल मांनो प्रागट्य महोत्सव पीपोदरा मोगलधाम सुरत

आईश्री मोगल मांनो प्रागट्य महोत्सव पीपोदरा मोगलधाम सुरत


21 सितंबर 2017

रंग रवेचीय रास रचे रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

नवरात्रि नी नवेय दुर्गा एक एक अंतरो लई ने भगवती रवेची साथे रास मां केवि सोहे...

.                 *|| रंग रवेचीय रास रचे ||*
.          *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
.                  *छंद: गीरधारी त्रोटक*
.   ( गीरधारी= स,न,य,स./ त्रोटक= स,स,स,स)

.     प्रसन हिये परमेहरी, मारकंड हंदी माय
.     जोगण संगे जोगडा, रमत  रास रवराय.

सध *सैलजा* साधवी मात सती सणगार सजी पड़वे पड़मे
भवनाथ प्रीया सह आज भळी रंग ताळीय खैबर घाट खमे
कमला विमला प्रबला सबला तबला धीन थाट पे नाट मचे
नव रात रमे नव लाख नेजाळी य रंग रवेची य रास रचे. ||01||

*ब्रह्म चारणी* तुं जग तारणी चंडीय दंडीय हाथ सुगाथ दमे
गणणाट ग्रजी दुय मात दया नव खंड अखंड भ्रुमंड भमे
जळणाट करी कर कंकण मोगल हाक उदोह उदोह अचे
नव रात रमे नव लाख नेजाळी य रंग रवेची य रास रचे. ||02||

कडेडाट करी वळके विजळी देवी *चंद्र घंटा* चहु दीस चमे
सणेणाट सकंभर अंबर से धणेणाट तीं केहर ध्रांण धमे
थडेडाट पट्टंबर पाट मया जद वेद पुरांणीय वात वचे
नव रात रमे नव लाख नेजाळी य रंग रवेची य रास रचे. ||03||

*कुषमांड* ब्रमांड उपांड भवानीय भोळीय नाथ भभुत्त भमे
कर धार कमंडल तुं सूर मंडल ताळी पडे जग तेज जमे
करतां चत जाग्रत कुंडलीया मत चक्कअनाहत नाद मचे
नव रात रमे नव लाख नेजाळी य रंग रवेची य रास रचे. ||04||

जोय रासमहा नभ खंडनवे अकबंध सुबंध हे *स्कंध* मया
गीरजा प्रकट्यो घर पंचम को महमाय धर्यो रुप नाम नया
दारा शिव क्रतिकेय मात सुणो लीये हींच हींडोळीय लांक लचे
नव रात रमे नव लाख नेजाळी य रंग रवेची य रास रचे. ||05||

ऋषी कात परे किरपा करणी धरणी वरणी नित देव नमे
कर रेम भवां *कात यायनी* तुं व्रज मंडळ भुंवण चौद भमे
महीसासूर मारण काज मया सगती रुप भैंकर थाय सचे
नव रात रमे नव लाख नेजाळी य रंग रवेची य रास रचे. ||06||

धरीयुं हथ खप्पर ने खडगा धगिया ध्रम लोचण अाग झरे
गण आसण मांय गदेभ गणी कटीयां रण तुंड नी माळ करे
करतुंड महा *कालरात्रीय* तु महादेव पड्या पग धुम मचे
नव रात रमे नव लाख नेजाळी य रंग रवेची य रास रचे. ||07||

कहीयुं जद काळुंय रुप शिवे रखी हाम हीवे तपसा तसीयुं
धधक्यो महा तेजोय धोध धरा परमेश परा शगती पसीयु
महादेव कहेय *महा गवरी* जीभ जोगडा चारण जाप जचे
नव रात रमे नव लाख नेजाळी य रंग रवेची य रास रचे. ||08||

नवमींय *नवे दुरगा* नमीये सघळी सिधीयां कीय दान सधी
अणीमा गरीमा महीमा लधीमा ईशिता वशिता सबे जाय वधी
जननी जग जोगीय दान जपो लख वंदन राहड जाय लचे.
नव रात रमे नव लाख नेजाळी य रंग रवेची य रास रचे. ||09||..

🙏🏻🔱🙏🏻🔱🙏🏻🔱🙏🏻

हाल्यो सिमाळे माणशी रे लोल रचना :- राजभा गढवी (गीर)


*हाल्यो सिमाळे माणशी रे लोल....*

*रचना :- राजभा गढवी (गीर)*

के..... दिधुं छे. कांई (2)
         आ आखुं उजळु चारण कुळ जो...
आ मरवा हाल्यो छे. हिमाळे माणसी रे....लोल.....1

हे ऐने नहोतो मांडवडे मिंडोड बाध्या रे लोल
       मरवा हाल्यो विर जो आ मरवा
हाल्यो सिमाळे माणसी रे लोल....(2)...2

हे ऐणे काश्मिर धिंगाणे सोपीयो रे लोल.....
सरहदे कांई डणकयो साचो विर जो आ...
      मरवा हाल्यो सिमाळे माणसी रे लोल.....(3)

हे.... ऐणे माता धरती ऐ... तेळा मोकल्या रे...लोल
हवे साचवी लेजे माणसी आपणी शान जो आ
      मरवा हाल्यो सिमाळे माणसी रे...लोल...(4)

हे... ऐणे भलकारा देती कच्छनी भोमीयुं रे..लोल
वधेरशे जाजरे मात जो आ मरवा
     हाल्यो सिमाळे माणसी रे..लोल (5)

हे....माता धरतीनो नानोशेरा पोर छे रे... लोल
सौथी हरख्यो डाडो शिव जो आ मरवा हाल्यो
       सिमाळे माणसी रे...लोल...(6)

सौंनी सलामुं तुंने साभळी रे...लोल
रुदिये जो वंदे चारण "राज" जो आ मरण
      हाल्यो सिमाळे माणसी रे...लोल ...(7)

रचना :- राजभा गढवी

टाइप :- www.charanisahity.in

टाइप मां भूल होय तो माफ़ करजो अने सुधारी ने वांचवा विनंती

चारण जोगमाया आईश्री खोडियार - सौराष्ट्रक्रांति मां प्रथम नोरता निमिते अहेवाल

चारण जोगमाया आईश्री खोडियार - सौराष्ट्रक्रांति मां प्रथम नोरता निमिते अहेवाल

नवरात्री पूजन अने उजवणी - प.पू.आईश्री सोनल मां

नवरात्री पूजन अने उजवणी माटे प.पू.आईश्री सोनल मां ऐ कह्यु छे के,

"आसो महिनामां आपणु नवरात्री पर्व आवे छे. आम तो दरेक महिनाना पहेला नव दिवस ऐक नवरात्री छे, पण चैत्र अने आसो महिनानुं महिमा वधारे गणाय छे फागण-चैत्रमां वैदक र्दष्टिऐ कफनो वधारो अने आसोमां पितनो वधारे उपद्रव थाय छे. ऐटले ऐ महिनामां व्रत, नियम राखवानी जरूर होय छे. ऐना थी शरीर साजु-ताजु रहे अने पुजन भकितथी मन पवित्र थाय. वळी ऐ महिनाओ ऐटले ठंडी अने गरमीनी संधिनो वखत ऐटले उत्सव पुजानी अनुकूळता होय छे. फागण चैत्रमां शियाळु पाक आवे अने आसोमां वर्षाळु पाकनी मोसम होय, ऐटले ऐ उजवणीमां वधारे उत्साह रहे छे. अने ज्यारे कुदरत आपणने पाक आपे, संपति आपे त्यारे आपणे नम्र बनीने ऐनी विशेष उपासना करीऐ ऐ जरूर छे."
                                                                                        क्रमश

संदर्भ :- मातृदर्शन लेखकश्री पिंगळशीभाई पायक

टाईप बाय :- www.charanisahity.in

                                                वंदे सोनल मातरम्

19 सितंबर 2017

पू.आई श्री सोनल मां

पोतानी उन्नति सौऐ पोते करवानी होय छे. चारणोने पोतानी उन्नति करवी छे पण तेना माटे तप करवुं. परिश्रम उठाववो, पुरूषार्थ खेडवो नथी. ऐटले उन्नति कयां थी थाय ?

- पू.आई श्री सोनल मां

संदर्भ :- सोनल संजीवनी मांथी

     *वंदे सोनल मातरम्*

आर्मी माटे विनामूल्ये लेखित तालीम वर्ग - कच्छ

आर्मी माटे विनामूल्ये लेखित तालीम वर्ग - कच्छ

अडीखम गुजरात अमारी - रचना करशन गढवी मोटा भाडिया

अडीखम गुजरात अमारी - रचना करशन गढवी मोटा भाडिया


भीखुदानभाई गढवी नो जन्म दिवस

भीखुदानभाई गढवी नो जन्म दिवस

नाम :- भीखुदानभाई गढवी
जन्म :- 19-09-1948
सन्मान :- भारत सरकार द्रारा पह्मश्री ऐवोर्ड तथा काग ऐवोर्ड, तुलसी ऐवोर्ड वगेरे


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                 वंदे सोनल मातरम् 


18 सितंबर 2017

प्रभु ने पूज्या थी शु थाय रचयिता: राजकवि पिंगलशीभाई पाताभाई नरेला. भावनगर

प्रभु ने पूज्या थी शु थाय

रचयिता:  राजकवि पिंगलशीभाई पाताभाई नरेला. भावनगर

               राग: धन्या श्री... त्रिताल

प्रभु ने पूज्या थी शु थाय, मेल भर्यो मनमाय.... प्रभु ने.. टेक

शीयाला मा नित्य  सवारे, नीर ठंडा थी नाय,
भ्रात सगा नु सारू भाले तो, लागे ऊरमा लाय.....प्रभु ने. टेक...1

चोखा  कंकु  निवेद  साकर, ठाकर सेवा थाय,
चाकर थय ने  धणी नु चोरे,  खोटु बोली खाय......प्रभु ने. टेक...2

भेळा  थय ने राते भजनों,  गांजो  पिने गाय,
ध्यान धरे खोटा धंधा मां,  ललनामा ललचाय.......प्रभु ने. टेक...3

जुवो प्रभु  छे अंतरयामी, छेतर्यो नव छेतराय,
पिंगलसी कहे पाखंडीनो, जीव असुर गति जाय..... प्रभु ने. टेक..4

अनिरुद्ध जे. नरेला ना जय माताजी

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