समाज सेवक श्री किरीटभाई नांधु ने श्रध्धाजंली
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30 अप्रैल 2017
सूर्य वंदना
*चडिया जळ चारण चरण,पुजत पांच परज्ज*
*जवां मरे नइ जोगडा, अरक स्विकार अरज्ज*
हे भगवान सुरज नारायण हुं चडियो चारण आप ना चरणो मां जळ चडावी नित्य वंदना करु छुं तथा आप ने पांचेय परज्युं पुजे छे (नव मांथी) अने हे अरक्क अमारी आपना चरणो मां अरज्ज छे के हे नाथ अमारो कोई जवान जण अकस्माते न मरे प्रभु एवि अमारी अरज स्विकारी आशिस आपो आप ने मारा नित्य वंदन छे.
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29 अप्रैल 2017
चारण समाज माटे आधातजनक समाचार
चारण समाज माटे आधातजनक समाचार.
सोनल विसामाना आघारस्तंभ ऐक नेक अने विरल व्यकित श्री किरीटभाई रविदानजी नोंधुनुं मागॅ अकस्मातमां निघन थयुं छे.
चारण समाजना ऐक महान सेवाभावी व्यकित जेओऐ गंभीर बीमारीथी पिडाता ददीॅओनी सारसंभाळ राखी केटलायने जीवन आप्यां छेे.
चारण समाजने न पूरी शकाय तेवी खोट पडी छे.
परमकृपाळु परमात्मा ऐमना दिवंगत आत्माने चिर शांति अपेॅ. तेमना परिवारने दु:ख सहन करवानी शकित आपे.
अखात्रीज ता.28-04-2017 ना रोज कच्छमां योजायेल समूह लग्नोनुं अहेवाल
28 अप्रैल 2017
चारण समाजनुं गौरव नीलमबेन गढवी
25 अप्रैल 2017
चारण समाजनुं गौरव
चारण समाजनुं गौरव
आजे (ता.25-04-2017) ना रोज IAS अधिकारीश्रीओनी बदली करवामां आवेल छे जेमां चारण-गढवी समाजना अधिकारीश्रीओनुं नीचे मुजब पोस्टीग आपवामां आवेल छे
(1) श्री ऐस.के.लांगा साहेब -कलेकटरश्री पंचमहाल-गोधरा
(2) श्री डी.ऐस. गढवी साहेब - managing director,gscwb,Gandhinagar
*खूब खूब अभीनंदन*
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समाजनो विकास...! प्रस्तुति कवि चकमक
समाजनो विकास...!
जो आपणे आपणां समाजनो विकास साघवो होय तो आजनी वास्तविकतानो स्वीकार करीने लग्न पाछळ करवामां आवता बीनजरुरी खचाॅ अने उत्तरक्रिया-कारज भोजन पाछळ थता बेफाम खचाॅ बंघ करवां जोईऐ.
आपणा पोताना बनावेला खोटा वहेवारो वघारीने आपणे समाजमां देखादेखीथी करवामां आवता मोटा वराने कारणे समाज आथिॅक पछात रहयो छे.
आथिॅक पछात समाज कयारेय सामाजिक अने शैक्षणिक विकास करी शकतो नथी.
परम पू. आई श्री सोनलमांऐ पण आ माटे जबरी जेहाद जगावेल जे आपणे सौ जाणीऐ छीऐ.
मोटाभागना वहेवारो देखादेखीथी अने खोटा धमंडमांथी ज जन्मया छे.
दा. त. ऐक ज धरमां जुदा जुदा धरनी दिकरीयुं परणीने आवे छे तेमां बघाना मावतरनी स्थिति सारी नथी होती. बघी वहुओ ऐकसरखो करियावर नथी लावी शकवानी, त्यारे ओछो करियावर-दायजो लावनार साघारण धरनी दिकरीने तमारो दायजो शाप बनी जाय छे अने तेमांथी धरकंकास जन्मे छे.
खोटा खचाॅ न करता पैसानो सदुपयोग अापणां बाळकोना शिक्षण कायॅमां अने पोतानी स्थिति सुघारवामां तेमज आपणी ज्ञातिहितनां कायॅमां करी पोतानो अने समाजनो विकास साघीये तेम अत्यारनी स्थिति जोता जणाय छे.
समाजनो आथिॅक अने सामाजिक विकास करवामां सौ ज्ञातिबंघुओना सहकारनी जरुर छे अने आवा परिवतॅनशील विचारो ज आवती पेढी माटे आशीवाॅदरुप बनी रहेशे.
तो कवि चकमकनी विनंती के आवो आजथी ज आपणा सामाजिक उत्थाननां विचारने अमलमां मुकवा दढ निणॅय करीऐ.
जय माँ सोनल.
प्रस्तुति कवि चकमक.
||सिद्धाश्रम महात्म्य || ||कर्ता-मितेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||
*|| सिद्धाश्रम की कथा ||*
*|| वामन अवतार ||*
*|| छंद रेणंकी ||*
*||कर्ता-मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च)||*
समकाल वीते सत परबळ धर पर नरपळ बली एक दैत्य हुए,
वृद्धि कज बल बहु पावत जग भय इन्दर मती मन चैत्य जुए,
अनुठान जगावण यग्न मगन बली सर्व श्रेष्ठ दानीय गणे,
अवतार अळ्ये धर सकळ धुरंधर दैव तार वामन बणे,(1-81)
चिंतातुर भय भर भीतर अनुसर जल मही दैेवन गमन किते,
अळ अज भगवन तव कष्ट निकट दट कज अही सव याचत हिते,
थर थर थावत तन मन भय इंन्दर परभंजण
प्रति पल दमणे,
अवतार अळ्ये धर सकळ धुरंधर दैव तार वामन बणे,(2-82)
,(परभंजण-पवन)
भाखत मुख शब्द विराट महा वीर दानीय दैत उदार भयो,
जावत नहीं याचक दान विहोणो मन धर टेक अपार रयो,
यज्ञादि तपस्या तेज कार इति कारण दैवन मन फ़फ़णे,
अवतार अळ्ये धर सकळ धुरंधर दैव तार वामन बणे,(3-83)
रक्षण कज विष्णु सकळ भ्रमांड सबळ मनु दुति लघु देह धरे,
तेजस मय कीरत नयन मुख दरसत उच्चळ बली तद हरख भरे,
निरख़त लघु विप्र त्वरित बली भासत नमन सु लागत हरी चरणे,
अवतार अळ्ये धर सकळ धुरंधर दैव तार वामन बणे,(4-84)
त्रय पद धर याचत विप्र कथित कज गावन गुण हरी नाथ तणा,
सुण बात बटुक रूप हरी सम याचत उच्चळ मनु मुंझाय घणा,
दानी दन धरम धरावत धर महा दैवत दानम रखण प्रणे,
अवतार अळ्ये धर सकळ धुरंधर दैव तार वामन बणे,(5-85)
तद कद वैराट विप्र कर वरख़म नभ धरतल अड़ख़म बण्यो,
द्रख दैव अचंबन निरख़त रूप वीर लघु बाल विष्णु गण्यो,
नमने नव लोक नाथ कर जोड़ण नारायण दैतन दणे,
अवतार अळ्ये धर सकळ धुरंधर दैव तार वामन बणे(6-86)
गति वंत धर्यो नभ परथम धर तर सृस्टि तणो एक भाग गीयो,
द्वितीय धर्यो पाताल तले अळ नभ सह लोकन नाप लीयो,
उदार बली उछरंजण भासत तृत्तीय पद मु मथ्थ व्रणे,
अवतार अळ्ये धर सकळ धुरंधर दैव तार वामन बणे(7-87)
वरदान दिनों जस गावन परसन्न पावत दानीय शील बली,
सिद्धाश्रम थापन तय सिद्धि सब पामत ऋषि अही पाप जली,
जय जय हरी नाथन नारायण तव गुण *मीत* ध्यावत जगत जणे,
अवतार अळ्ये धर सकळ धुरंधर दैव तार वामन बणे(8-88)
*(बली की दानशीलता देखके श्री हरी बली पर प्रसन्न हुए,और कहा यहाँ तपस्या करने वाले को शीघ्र ही समस्त सिद्धियाँ प्राप्त होंगी,उसी समय से यह स्थान सिद्धाश्रम के नाम से विख्यात हे)*
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
24 अप्रैल 2017
स्पर्धात्मक परीक्षाओ माटे उपयोगी मटीरीयल्स
स्पर्धात्मक परीक्षाओ माटे उपयोगी गुजरात नुं ईतिहास, भूगोळ, संस्कृति नी 40 जेटली PDF फाईलो
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राजकोट थी सोनलधाम मढडा बस सेवा शरू
राजकोट - मढड़ा (आई श्री सोनलधाम) डायरेक्ट बस सेवा शरू-
राजकोट ऐस.टी विभागमा फरज बजावता चारण ( गढवी ) समाज ना सर्व भाईओ बहेनो नी रजुआतथी
अने अथाग प्रयत्नों पछी राजकोट थी मढड़ा डायरेक्ट बस सेवा नो प्रारंभ थता समग्र चारण (गढ़वी) समाज तथा आई श्री सोनल माँ ना भक्तगणो माँ आनंद नी लागणी व्यापी गई छे।
आ बस सेवाथी सौराष्ट्र तेमज कच्छ, गुजरात -राजस्थान ना भक्तो ने माताजी दर्शन माटे खूब ज सरळता रहेसे।
आ बस दररोज सवारे 5.45 कलाके राजकोट
थी रवाना थसे।
ऐस.टी. नीगममां फरज बजावता तमाम चारण बंधुओ नो आभार अने अभीनंदन
जय माँ सोनल।
क्रांतिकारी केसरीसिंह तथा शहीद प्रतापसिंह बारहट्ट (चारण) ना तैल चित्रोना अनावरण कार्यक्रमनो अहेवाल
23 अप्रैल 2017
22 अप्रैल 2017
||शस्त्र प्रदान|| ||कर्ता मितेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||
|| शस्त्र प्रदान,रामायण महागाथा माथी,,,,||
||रचना प्रकार : छप्पय ||
||कर्ता:मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||
{जब विश्वामित्र ऋषि राम को अपने साथ मारीच और सुबाहु का वध करने के लिए ले गए तब वन में ताड़का का भी राम ने वध किया तो उसके वध पश्च्यात ऋषि राम से प्रसन्न होकर अलभ्य शस्त्रो का प्रदान करते है)
दिया शस्त्र कर दान,मान खूब रामा तुज पर,
किया सज्ज सनमान,ध्यान दिनकर कोधरकर,
वरण रूप धर श्याम, राम रघुनंद आया,
धरण भूप मरजाद,याद अज करण द्रसाया,
असुरा मारण हाथमें, शस्त्र धरे रघुराम,
धरणीधर वंदन वारणा, मीत रटेतव नाम(1)
मन मुख धारण स्मित,हेत रामा दरसावे,
शस्त्र प्रहारण रीत,ऋषिवर सत समजावे,
शक्ति साथ सह भेद,वेद सब ज्ञान जणावन,
सदा राख नित टेक,एक मरजाद निभावन,
असुरा मारण हाथमें, शस्त्र धरे रघुराम,
धरणीधर वंदन वारणा, मीत रटेतव नाम(2)
परत शस्त्र फरताय ,दिया कर दान प्रजाणं,
हणण दैत हरताय, किया वर दान सुजाणं,
काट काट कर नष्ट, दैत को पंथ हटावण,
मती दैत कर भ्रष्ट, जगत को पाप रटावण,
असुरा मारण हाथमें, शस्त्र धरे रघुराम,
धरणीधर वंदन वारणा, मीत रटेतव नाम(3)
सत्यवान शूल अस्त्र, शस्त्र धर जूठ निवारण,
सत्यकीर्ति उपलक्ष्य,लक्ष्य सर कष्ट विदारण,
पराड मुख प्रतिहार,दैत मुंडन छेदन तू,
अवान्मुख हथियार, द्वार अजरा भेदन तू,
असुरा मारण हाथमें, शस्त्र धरे रघुराम,
धरणीधर वंदन वारणा, मीत रटेतव नाम(4)
🙏----मितेशदान(सिंहढाय्च)----🙏
*कवि मीत*
21 अप्रैल 2017
20 अप्रैल 2017
श्री झरपरा चारण समाज आयोजीत द्रितीय समूहलग्न महोत्सव आमंत्रणपत्रिका
चारणो ना प्रमाणो
श्रीमद भागवत मां
वाल्मीकी रामायण मां
महाभारत मां
श्री गढवी (चारण) समाज आदिपुर आयोजीत पांचमो समूह लग्नोत्सव आमंत्रणपत्रिका
19 अप्रैल 2017
श्री काठडा चारण समाज आयोजीत पाँचमा समूह लग्नोत्सव आमंत्रणपत्रिका
*श्री काठडा चारण समाज आयोजीत पाँचमा समूह लग्नोत्सव आमंत्रणपत्रिका*
कलाकार
खीमराज गढवी
भोजराज गढवी
मांडवो सवारे 9-15 कलाके
भोजन समारंभ बपोरे 12-15 कलाके
हस्त मेळाप सवारे 02-15 कलाके
कन्या विदाय सांजे 6-39 कलाके
श्री काठडा चारण समाज तथा
श्री सोनल शकित समूह लग्न समिति
मस्काना क्रांतितीर्थ खाते वीर शहीद पिता पुत्रना तैलचित्रोनुं अनावरण कच्छमित्रमां करशनभाई गढवीनो अहेवाल
मस्काना क्रांतितीर्थ खाते वीर शहीद पिता पुत्रना तैलचित्रोनुं अनावरण कच्छमित्रमां करशनभाई गढवीनो अहेवाल
चारण समाचार मासिक मुखपत्रनुं विमोचन
तंत्री, प्रकाशक, मालीक
विजयभाई के.गढवी
(पूर्व पोलीस ईन्सपेकटर)
नाराण भारमल गढवी
मो- 9825935596
3 वर्ष रू. 450 /-
5 वर्ष रू. 1000 /-
चारण समाचार
हरि नगर-1, मांडवी नलिया रोड, मांडवी कच्छ
मो :- 9825935596
charansamachar@gmail.com
श्री अखिल कच्छ चारण सभा तथा समूह लग्न समिति आयोजीत 23 मो समूहलग्न महोत्सव आमंत्रणपत्रिका
18 अप्रैल 2017
जगतमां त्रण प्रकारना माणसो होय छे...!
जगतमां त्रण प्रकारना माणसो होय छे...!
ऐक गुलाबना छोड जेवा.
बीजा आंबाना वृक्ष जेवा.
त्रीजा फणसना छोड जेवा.
* गुलाबना छोडने फूल ज आवे, फळ न आवे.
समाजमां केटलाक लोको ऐवा होय छे. जे बोलता होय छे, कांई करता नथी.
केवळ फूल, फळ नहि. ''
* आंबाने मोर आवे ने फळ पण आवे.
समाजमां केटलाक लोको ऐवा होय छे. जे बोले ऐ करी बतावे छे. ''
* फणसना वृक्षने फूल नथी आवतां, सीघा फळ आवे छे.
समाजमां अमुक माणसो ऐवा होय छे. जे बोलता नथी, कायॅ द्रारा समाजने सीघुं परिणाम आपे छे.
जय माताजी.
प्रस्तुति कवि चकमक.
राजस्थान केसरी केसरीसिंह बारहट्ट (चारण) जीवन अने कवन परिसंवाद
चारण गढवी ईन्टरनेशनल फाउंडेशन(CGIF) तथा
अखिल कच्छ चारण सभा (मांडवी कच्छ) ना संयुकत उपक्रमे आयोजीत परिसंवाद
अध्यक्ष : श्री रविदान.जी. मोड (चेरमेनश्री CGIF)
मुख्य महेमान : डॉ. चन्द्रसिंह जाडेजा (कुलपतिश्री श्यामजी कृष्णवर्मा कच्छ यूनिवर्सिटी, भुज)
अतिथि विशेष
(1) श्री अश्विनीकुमार फतेहसिंह मानव
(2) श्री कैलाशदान जाडावत
(3) श्री प्रविण गढवी (IAS निवृत)
श्री प्रविण गढवी
श्री प्रविण गढवी - केसरीसिंह बारहट्टनुं पध
श्री कैलाशदान जाडावत -केसरीसिंह बारहट्टनुं गध
श्री विजयभाई गढवी (प्रमुखश्री अखिल कच्छ चारण सभा)
झवेरचंद मेघाणी लोकसाहित्य केन्द्र, सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी, राजकोट)