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2 अक्तूबर 2015

|| मोहन नामे मातमा || रचना :- जोगीदान गढवी(चडीया)

.     || मोहन नामे मातमा ||
रचना :- जोगीदान गढवी(चडीया)
मोहन नामे मातमा, गांधी थ्या गुजरात
जग आखा मां जोगडा, वातुं छे विखीयात
गांधी माथे गोडसे, नाथु धरीयुं नाळ
जोतां पडीयुं जोगडा, फलक धरा ने फाळ
पेरी ऐकज पोतडी, राख्यो रुडो रंग
जायो पुतळी जोगडा, गांधी निरमळ गंग
स्तय उपास्युं सर्वदा, वालां गण्यां न वस्त्र
जुलमी अागळ जोगडा, सामो थ्यो विण सस्त्र
आफळीयो अंग्रेस सुं, वणीक रख्यो तें वट्ट
जांण्यो मोहन जोगडा, परम विर परगट्ट
मुकवी आखा मलक नी, तुला धरा तरवार
जुक्यो कबु ना जोगडा, पोग्यो जुध थी पार
हे तुला (त्राजवां पकडनार ) ते मलक आखा ना हाकेम अंग्रेज नी तरवार नीची मुकावी...विण हथीयारे जुक्या वगर तुं जुद्ध नी पार पोग्यो
प्रयोग सत्ये पामीया, ऐक सितत्तर आप
जे तप कारण जोगडा, बनीया भारत बाप.
ऐकसो ने सित्तोतेर प्रकरण नी सत्य ना प्रयोगो पछी सत्य नो जय थाव करनार हे महात्मा ऐ सत्य ना प्रतापे आप भारत (रास्ट्र) ना बाप (पिता) बन्या...सत्य मेव जयते
भण्या विदेसे भाई ने, बापु भारत बोल
जे गांधी थी जोगडा, दुनिया जाती डोल
दक्षीण आफ्रीकाये भाई ना संबोधन थी ओळख्या अने.भारते बापु ना बोल थी नवाज्या
करम तणां केवां करम, (जे) बापु नो पण बाप
जेणे सत नी जोगडा,    छोडी जग पर छाप
करमचंद गांधी ना केवां उजळा करम हशे...जेने आखुं रास्ट्र पिता कहे छे...ऐनाय पिता बन्या नुं सद भाग्य मळ्युं
रमत सिख्यो घर राजनी, दादा बाप दीवान
जुदुं लड्यो के जोगडो, वकिल राज विदवान
गांधीजी ना पिता करमचंद पण राजकोट वांकानेर अने छेल्ले पोरबंदर स्टेट ना दीवान होई राजकारण तो नानपण थीज रहेल पण हे वकिलराज  महात्मा तमे कंईक जुदी रीते लड्या
पडघायो प्रथमी परे, सत्य अहींसा साद
जे पथ जाता जोगडा, युगे युगे ऐक आद.
बुद्धत्व पामेल सिवाय ना लगभग ते मारगे कोई चाल्या नथी पण हे
महात्मा तमे सत्य अने अहींसा नो हेवो साद पाड्यो के तेना पडघा आखी प्रथमी पर पडघाया..जे रस्ते आखा युग मां कोई ऐकाद जण जाय ते मारगे आप चाल्या
रचना :- जोगीदान गढवी(चडीया)
      वंदे सोनल मातरम् 

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