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18 दिसंबर 2015

अणमोल हा हा अम तणा अे दिवस क्यां जाता रह्या ???

आवो आजे एक कागबापुनी रचना माणीये
(छंद :-  सारसी)
जिण पेट धारी दिव्य काया जोगमाया जनमती.
दमती सकण परिताप अे पग जगत सौ नमती हती .
खमकार करती खोडलीना पथर गुण गाता रह्या,
अणमोल हा हा अम तणा अे दिवस क्यां जाता रह्या ???
उजणा वाणी सधु बापल बुट बलाड बेचरा,
चोराड कुणमां देव चांपल कान सावज कर धरा ,
सुणी साद आवड मातना रवीराज पण थंभी गया ,
अणमोल हा हा अम तणा अे दिवस क्यां जाता रह्या ???
नव लाख दण लई चड्यो नवघण प्रबण पोषीया,
वरमंड ओदर धार वरवड सात सायर शोषिया ,
कणमां ज जणमा पाड केडा लोढ दण समजी गया.,
अणमोल हा हा अम तणा अे दिवस क्यां जाता रह्या ???
जगदंब चारण जीवणी पर जार मनसुबो हतो ,..
थइी सिंहण बाकर शेखने सरधारमां चीर्यो हतो,..
उंधो पछाडी पीर थाप्यो अरण परचा आपीया,,.
अणमोल हा हा अम तणा अे दिवस क्यां जाता रह्या ???
चोरीअे चडियेल मात सोनल कोडीअे रमती हती ,
वरमाण फेंकी वेगणी गैपाणने भजती हती ,,....
जग जाण तोडी जोगणी ब्रह्नचारणी व्रत पाणीयां ...
अणमोल हा हा अम तणा अे दिवस क्यां जाता रह्या ???
अा समय वसमो अम परे सौ आध चंडी आवजो ..,
जिण पेट जन्मे सुध्ध चारण वखत अे वरतावजो ,,..
सत    '' काग '' आदि चारण्यु कणियुगमां वसियुं किया ?
अणमोल हा हा अम तणा अे दिवस क्यां जाता रह्या ???
( दुहो )
देव जातीमां दिपती, जगदंबा घर जोय ;
कहां गये कलीयुगमें , चारण के दिन सोय ?
रचयता :- दुला भाया काग ( भगतबापु )
टाईप :-  मनुदान गढवी

 सर्वे साहित्य रसिक मित्रो अने चारण ज्ञाति जनोंने जनावानु के पद्म श्री भकत कवि दुला भाया काग रचित साहित्यना प्रसार अने प्रचार माटे  तेमना  नामनु  धर्मदीपभाई गढवी द्रारा FACEBOOK पर  पेज बनाववामा आव्यु छे। तो आ पेज LIKE करी आप पण जोड़व एवी विनंती छे।
www.facebook.com/kavikag
     
  वंदे सोनल मातरम् 

1 टिप्पणी:

Narayan Dan ने कहा…

उजला वाली nhi h hukm खरोड़ वाली है 🙏🙏

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