चारण महात्मा स्वरूपदासजी देथा कृत ऐक लाख श्लोक नो महाभारत फक्त त्रण हजार चारणी छंदो मा अंकीत
" पांडव यसेन्दु चन्द्रिका "ग्रन्थ परम पुज्य लींबडी कविराज श्री शंकरदानजी जेठीभाई देथा द्वारा गुजराती अर्थो साथे
आ ग्रंथ मा 25थी वधु बुक ना आगोतरा ग्राहकों बनीने आप आपनु के आपना मित्रों नु नाम प्रकाशित ग्रंथ मा लखावी शको छो
बुक साईज 1/4
पेइज 504
किंमत रूपिया 500
पाकु पुंठु बाइडिंग
आ ग्रंथ नो आर्थिक खर्च 250000 छे
।। जेमा फोर कलर जाहेरात पण स्वीकार्य तेनो रेईट पेईज नंबर 2 ना 100000 अने पेईज नंबर 3 ना 51000 ते शिवाय 25000 नी 21000 नी 11000 नी स्वीकार्य छे
||कोन्टेक||
प्रवीणभा एच मधुडा राजकोट
मोबाइल
0 95109 95109
0 97239 38056 ++++++++++++++++++25 थी वधु बुक ना आगोतरा ग्राहकों ने आ ग्रन्थ 400 रूपीया लेखे आपवामा आवशे
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51151 श्री के बी झाला साहेब d.y.sp राजकोट
(माता पिता ना स्मरणार्थ)
51 बूक श्री किशोरभा राणाभा गामणा वाचा (21000) जलाराम ट्रासपोड राजकोट
51 बुक डॉ श्री रणजीतभाई बी वांक (वांकुना खारचीया)अमदावाद(21000)
30 हरिदानभाई नाजभाई सुरू लीलाखा {11000}
30 बूक योगराजसिंह गंभीरसिंह जाडेजा(11000).
30 बुक राजाभाइ रुडाच अबुधाबी -दुबई (11000)
आ लीस्टने आगळ धपावीअे ......
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