धरम चारण धीखतो,एनो,रांण समो रखवाळ
जेनी आंण्युं जोगडा, लोपे नई लाजाळ
हे भगवान सुर्य नारायण जो चारणो ना धर्म नो धुंणो हजी धखी रह्यो होय तो एनुं कारण छे आप एना रखेवाळ छो, अमारी दीकरी आपने आंण दीये अने आप ए आंण नी आमन्या राखी उगो नई,एथी मोटी आपनी प्रिति अमारा पर शुं होई सके ?
मारा आप ने नित्य वंदन छे
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