जय माताजी
आप बधाने जणावता आनंद थाय छे के आप बधाना सहकार थी नीचे मुजब ना पुस्तको ई-बुक (PDF) स्वरूपे टुंक समय मां मुकववानो नानकडो प्रयास करीश.
(1) चारणनी अस्मिता
लेखक :- लक्ष्मणभाई पिंगळशीभाई गढवी - जामनगर
कुल पेज :- 553
(अप्राप्य बुक 1983 मां प्रकाशन थयेल )
लेखक :- लक्ष्मणभाई पिंगळशीभाई गढवी - जामनगर
कुल पेज :- 553
(अप्राप्य बुक 1983 मां प्रकाशन थयेल )
(2) चारण महात्मा ईसरदासजी रचित हरिरस
संपादक :- लक्ष्मणभाई पिंगळशीभाई गढवी - जामनगर
कुल पेज :- 225
(अप्राप्य बुक 1993 मां प्रकाशन थयेल )
कुल पेज :- 225
(अप्राप्य बुक 1993 मां प्रकाशन थयेल )
ऊपर मुजबना पुस्तको ई-बुक (PDF) बनाववानी मंजुरी आपवा तथा आ अप्राप्य पुस्तकोनी सी.डी कुरियर मारफते मोकलाववा बदल श्री लक्ष्मणभाई पिंगळशीभाई गढवी नो खूब खूब आभार
सहकार बदल आपनो पण आभार
आप पासे पण कोई चारणी साहित्यना अप्राप्य पुस्तको होय तो ई-बूक स्वरुपे मुकववा माटे मोकली शको छो ( जेम के अवतार चरित्र , मातृदर्शन वगेरे पुस्तको )
Whatsapp / call :- 9913051642
Email :- vejandh@gmail.com
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वंदे सोनल मातरम्
2 टिप्पणियां:
aapke prayas bahot hi nek hai.
aapki iss safalta par aapko badhai.
aap aage bhi pragti karte rhe.
JAY MATAJI
AABHAR
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