.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

10 सितंबर 2016

आई श्री पीठड रचना :- दिलजीत बाटी

*आई श्री पीठड*

           *छंद*

शूध व्रण चारण कूळ बाटी
सोया घीरे अवतर्या,
समस्त चारण बाळ माथे थी
विपत वादळ विंखिया,
अमृत वृष्टी करी तदी आई
तें अंगत गणी,
जाहेर जूगमां मात पीठड
भेर करजे मू भणी..(1)

सेना लईने श्याम सोरठ
आई शरणे आवियो,
जकडी जाहल ने सूमरे ई
शबद काने सांभळ्यो,
साते सायर पी'गई तूं आई
एक अंजळी गणी,
जाहेर जूगमां मात पीठड
भेर करजे मू भणी....(2)

उगारवा आहीर बाळा साथ
सिंधमां  तुं गई,
वरियो विजयने विर नौंघण
वात जाहेर जग थई,
जाहल काजे  जोगमाया
हमीर ने नाख्यो हणी,
जाहेर जूगमां मात पीठड
भेर करजे मू भणी....(3)

जूग चोथामां जगदंबा अनेक
परचा आपिया,
छोरु ने कारण महा शकित
कूळ दैय्तो ना कापिया,
संकट वखते साद करीये तो
धाह सूणजे तूं धणी,
जाहेर जूगमां मात पीठड
भेर करजे मू भणी....(4)

नथी गाम गरास मागतो ना
राब मागू टंकनी,
म्हेर मागू मां हूं तारी तूं राव
सूणजे आ रंकनी,
*दिलजीत* बाटी उभो द्वारे
सहाय कर छोरु गणी,
जाहेर जूगमां मात पीठड
भेर करजे मू भणी....(5)

*आई श्री पीठड वंदना*

*दिलजीत* *बाटी*
*ढसा जं.*ना जै माताजी
    *मो..9925263039*

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT