.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

16 दिसंबर 2016

व्यसन : प्रसतूति :- कवि श्री चकमक, जीलुभाई सिल्गा

व्यसन...!

व्यसन ऐटले...

व्य : आथिॅक अने मानसिक
        शकितनो व्यय.
स : सत्यनाश.
न : नरकनो मागॅ.

आम व्यसननी व्याख्या खुद कहे छे के साचे ज व्यसनो 'सायलेन्ट किलर ' छे.
आपणे जाणीऐ छीऐ के व्यसनो सात प्रकारना होय छे. तेमांथी तमाकु, दारुं, ड्रग्स अने मांसाहार सवोॅपरी छे.
गांघीजीऐ पण पोताना रचनात्मक कायॅक्रममां दारुबंघीने महत्वपूणॅ स्थान आप्युं हतुं.
दारुना सेवनथी मनुष्यनुं शरीर चेतनाशून्य बनी जाय छे. तेनी निणॅयशकित, बुद्घी, ईच्छाशकित, विवेकबुद्घी ओछी थई जाय छे पण साथे साथे नीति, प्रेम, करुणा जेवी भावनाओनो हास थाय छे.

नसीला पदाथोॅ आपणा शरीरमां मित्रना रुपमां प्रवेशे छे अने आपणा शरीरमां प्रवेशी दुश्मन बनी शरीरनो दाट वाळे छे.
कौटुंबिक असरो

* व्यसनी व्यकितनुं कुटुंब वेरविखेर थई जाय छे.
* व्यसनी व्यकितना संतानोनुं भविष्य जोखमाय छे अने तेना धरमां प्रेम, भावनानुं तंदुरस्त वातावरण जोवा मळतुं नथी.
* केटलीकवार लग्नविच्छेद अने पत्नीनी आत्महत्या जेवा किस्साओ पण बने छे.
* व्यसनी व्यकति पोताना अने कुटुंबीजनोना सवॅनाशने नोतरे छे.
* जुगारनुं व्यसन जुगारीने बघुं दाव पर लगाववा प्रेरे छे. अंते तो तेने पस्तावुं पडे छे.
दा. त. युघिष्ठिर जुगार माटे न ललचाया होत तो महाभारत न थयुं होत.
* कुटुंबनी संपति, मकान, दरदागीना बघुं ज व्यसन पाछळ वेडफाई जाय छे.

चारण समाज व्यसनमुकत सोनल बीज उजववा जई रहयो छे त्यारे सौ चारणो पोतानो सहयोग आपे ऐवी कवि चकमकनी नम्र विनंती.

जय माताजी.

प्रस्तुति कवि चकमक.

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT