.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

2 मार्च 2017

|| कंठ मयूरी काग || रचना : जोगीदान गढवी (चडीया)

.            *|| कंठ मयूरी काग ||*
.   *रचना : जोगीदान गढवी (चडीया)*

धन धन माता धानबा,भाया ना बड़ भाग
जगमां पाछो जोगडा, क्यारे जनमे काग.१

मळे न आखा मलकमा, तव कविता नो ताग
जायें वाटु जोगडा, (हवे) क्यारे जनमे काग.२

खाइ खुखाारो खेहता, खतरी हथमा खाग
जोम भरंडो जोगडा,(हवे) क्यारे जनमे काग.३

देव समो ई दीपतो, पेरी सिर पर पाग
जोगी रुप सो जोगडा, क्यारे जनमे काग.४

काग वांणी ये कोळव्यां, बावन फुलडां बाग
जबर कवि ई जोगडा,(हवे) क्यारे जनमे काग.५

कलम थकी कंडारियो, राज पुतांणी राग
जगवे ऐवो जोगडा, (हवे) क्यारे जनमे काग.६

छटा अटंक छपाखरे, रुषी समोवड राग
जपट करंदो जोगडा, क्यारे जनमे काग.७

जळक्यो चारण जातमां ,आतम रखी अदाग
जपतो राघव जोगडा,(हवे) क्यारे जनमे काग.८

छँद दुहा नोखी छटा, रसभर मिठडो राग
जीवने अरघे जोगडा, कंठ मयुरी काग.९

🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT