.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

9 मई 2017

जरा विचारो...!प्रस्तुति कवि चकमक.

जरा विचारो...!

शिखर उपर उभेली चारण कोम अघोगतिनी पडेली जोई शकाय छे. तेना उपर अज्ञानताना गीघो पांखो फफडावे छे.

जागृत अवस्थामां तेओ ईतिहासमां हता तेवा माने छे. तेमना बापदादा गाता तेम गाय छे. कविताओ करता तेम आजे पण करे छे. तेमणे आगेकूच टकावी राखी छे तेम माने छे आ आजना चारणोनो बचाव भ्रामक छे. वघु वखत आ स्थित रहे तो चारणो वतॅमानमांथी भूंसाई जाय.

आपणा युवानो अने शिक्षित वगेॅ आ काम उपाडी लेवुं जोईऐ. चारणो देव हता के दानव ऐने बाजुऐ मूकीने मानव बनवा प्रयत्न करवो जोईऐ.

चारणोमां घरमूळना फेरफारो  शिक्षित युवानो ज करी शके.

दरेक भाईओ विघा प्राप्त करी विद्वान बने. स्त्री केळवणी द्रारा सूतेली ज्ञातिने ढंढोळी जाग्रत करशे.

संस्कार सभर केळवणी मेळवी समाजना विकासमां पोतानुं योगदान आपशे. मा सोनल सौने सदबुद्घी आपे ऐवी प्राथना.

जय माताजी.

प्रस्तुति कवि चकमक.

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT