.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Buy Now Kagvani

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

11 जनवरी 2018

जिभ चारण नी जोगडा

.          *जिभ चारणनी जोगडा*
.         *रचना:जोगीदान चडीया*

लाज हिंणो कोई लालची, पगे उछाळे पाग
ए दण झरती आग, जीभ चारण नी जोगडा.01

ध्रम ने मारग जे धणीं, छळ कपट नई छांट
एने
फुलडां केरी फांट, जीभ चारण नी जोगडा.02

खाय जेनुं त्यां खुटता, वांहाम करता वार
एने
ताती ज्यों तरवार, जीभ चारण नी जोगडा.03

खुट्टल थई जे खेलता, दुसमन जेवा दाव
एने
घण ना जांणे  घाव, जीभ चारण नी जोगडा.04

भांगी फौज्य न भागता, रजपुत सुंणता रंग
जितवे हार्यो जंग, जीभ चारण नी जोगडा.05

ईशर हरिरस आपीयो,ई,वाचों जो ईक वार
पोगाडे भव पार, जीभ चारण नी जोगडा.06

दरिया पीर दरगाहथी, कापेय बेडी कट्ट
वांणीं ध्रम नो वट्ट ,जीभ चारण नी जोगडा.07

चोखुज मोढे चोपडे,ई, साचेय साचुं सट्ट
फडका वण बे फट्ट,जीभ चारण नी जोगडा.08

जग पोतानुं जाणके , गाजीन खाय गराह
वेरि मां करती वाह, जीभ चारण नी जोगडा.09

प्रगटे गंग पताळथी , सुंणता लांगा साद
अधमी मांय आबाद,जीभ चारण नी जोगडा.10

अछोय वाना आपता,अने,पालवता नित पास
एने
अमर करे ईतिहास, जीभ चारण नी जोगडा.11

क्रमशः.....

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT