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12 जून 2019

|| सूर्यवंदना छप्पय || || कर्ता मितेशदान(सिंहढाय्च) ||

*||🌞रचना : सूर्यवंदना🌞 ||*
*||कर्ता : मितेशदान(सिंहढाय्च) ||*

*(01-06-2019)*

*परोप कार पुर्णाथ,पूण्य पर जीत पखावे*
*परोपकार पुर्णाथ,नित्य निस्वार्थ नखावे,*
*परोपकार पुर्णाथ,दानरो तात तु दिनकर*
*परोपकार पुर्णाथ,सुमन सुध फोरम सुरवर*
*विज्ञान विजय पर आप विरा,दल दानी गुणवन देव*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,सुख करण सुरा मित सेव*

*(02-06-2019)*

*समरण भेर सभान,भक्ति गुण भरता भेरण,*
*समरण भेर सभान,विश्व संस्कार तु वेरण,*
*समरण भेर सभान,उपाडत मन विचार  अम,*
*समरण भेर सभान,तोड़ चकचुर विख्ख तम*
*दाखत अम भावे दिनकरा,नित समरण मनसा नीर*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,वंदन मित नर सुर वीर*

*(03-06-2019)*

*केशर काल कृपाल,नाथ निम न्याल नवींतम,*
*केशर काल कृपाल,सदा तप्यो सुर शितम,*
*केशर काल कृपाल,अवन चरिताल उभारे ,*
*केशर काल कृपाल,खोट नय जीवन खारे,*
*अरु जल  विशाल तट भर अगन,थल महि भरेय जल ठार*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,शीत मित गुण सुरज सार*

*(04-06-2019)*

*परमजीत परमेश,अगन बल आप अनेरु,*
*परमजीत परमेश,गगन संध्या कर गेरू,*
*परमजीत परमेश,चंद्र शितम ठारण चल*
*परमजीत परमेश,टहक लय तारक बन तल*
*कर्ता अजब्ब करनार कृपा,भावी पदे एक ज भाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रसीया मित रन्नाराण*

*(05-06-2019)*

*आज ईद पण आप,उग्या अविभेद उजागर,*
*कदे धर्म नय काप,सदा समधर्म सरासर,*
*चार धर्म चकडोळ,नित्य फरता धरती नत*
*पण सुरज परीमाण,अजा धरणी थी अवगत*
*भले धर्म तणा धर भेदहो,भव  भेद    न  राखत  भाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,पवितर मित गुण परित्राण*

*(06-06-2019)*

*त्रिकम तेज तोखार,वेग वरताय विरासन,*
*त्रिकम तेज तोखार,मुरत झाखेय गगन मन*
*त्रिकम तेज तोखार,किरण लट केश कुमारा*
*त्रिकम तेज तोखार,धीर वहती तप धारा*
*वहता सदाय तप वरहो वरह,सब तारया जीवन सुर*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,नवनीत मित करणा नुर*

*(07-06-2019)*

*समय जुगे समराण,प्रहर निरवाण प्रसन्नो,*
*समय जुगे समराण,ऊभो मैदान आसन्नो,*
*समय जुगे समराण,दैत द्रशता नय दिशे*
*समय जुगे समराण,राण घट रहे न रिशे*
*समय भले वित जाय सुरण,वित जाय भले आ वीत,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,मित  रह्यो एक ज सुरमीत*

*(08-06-2019)*

*दिव्य ज्योत दरबान,प्रकट परिधान पुजाणा,*
*दिव्य ज्योत दरबान,राज रैयत नभ राणा,*
*दिव्य ज्योत दरबान,दैव दर्शन तुज दाता,*
*दिव्य ज्योत दरबान,विरल तुही इल्म विधाता,*
*आदि अनाध पद नमन अमो,सुर नाथ समो नही साथ,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अमणो मित अविचल आथ*

*(09-06-2019)*

*विश्वरूप वैराट,गजब काया तुज गरजे,*
*विश्वरूप वैराट,सकळ संसार कु सरजे,*
*विश्वरूप वैराट,बिंन्द नभ आप बिराजे,*
*विश्वरूप वैराट,कृपा नित निरखण काजे,*
*सुर आप शाख सर्वे सदाय,महा भारत विश्व मुरार,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,सरखो मित सुर सम सार*

*(10-06-2019)*

*आप धरो अवतार,अजरमर परम उजारो,*
*आप धरो अवतार,अवन अभिषेक उतारो,*
*आप धरो अवतार,वंदु धर हेम व्रसावो,*
*आप धरो अवतार,कस्ट धर ताप कसावो,*
*हर एक जुग हर पळ हयात,कीर्ति पद सु किरतार,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अब धरोय मित अवतार*

*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*

*कवि मित*

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