. || रही नई केम खुद्दारी ||
. रचना : जोगीदान गढवी (चडीया)
. गीत : रसावली
. रचना : जोगीदान गढवी (चडीया)
. गीत : रसावली
कळाता कैक भीखारी हजी भारत महीं भमता
छतां ईस्वर सरम कर नाथ कई ने ऐ तने नमता
विंणे छे साव नांना बाळ कचरा मांय कोथळीयो
जगत नो नाथ जोगीदान केवो बाप तुं बळीयो??
छतां ईस्वर सरम कर नाथ कई ने ऐ तने नमता
विंणे छे साव नांना बाळ कचरा मांय कोथळीयो
जगत नो नाथ जोगीदान केवो बाप तुं बळीयो??
हजी बुड्ढी जनेताओ विंणीं ने लाकडां लावे
न सळगे तोय चुल्ला फुंक धुंवे आंख धुंधावे.
धर्या अवतार जे धर पर छतां तुं ना रह्यो साथे
हवे ना आवतो हेठो मर्यो रहेजे सरग माथे.
न सळगे तोय चुल्ला फुंक धुंवे आंख धुंधावे.
धर्या अवतार जे धर पर छतां तुं ना रह्यो साथे
हवे ना आवतो हेठो मर्यो रहेजे सरग माथे.
दीधाता खुब वचनो देव ई चारण कहां चाल्या?
मळ्युं योवन्न, सत्ता धन्न माया मोह मां माल्या ?
नथी चडीया थवातुं आंम लुक्खी वात लखवा थी
सधातो जोग साचो रांक हंदी राज रखवा थी..
मळ्युं योवन्न, सत्ता धन्न माया मोह मां माल्या ?
नथी चडीया थवातुं आंम लुक्खी वात लखवा थी
सधातो जोग साचो रांक हंदी राज रखवा थी..
सवालो छे धणां जडता नथी उत्तर जगत दाता
वळी क्यारेक चडती रींह तो आ गीतडां गाता
जुवो ना मानता खोटुं अमे साचुं सुणाव्युं छे.
धर्युं छे ध्यान तारुं कांय ना ढांक्युं धुणाव्युं छे.
वळी क्यारेक चडती रींह तो आ गीतडां गाता
जुवो ना मानता खोटुं अमे साचुं सुणाव्युं छे.
धर्युं छे ध्यान तारुं कांय ना ढांक्युं धुणाव्युं छे.
हजारो लोक भुखे पेट कां फुटपाथ पर सोवे??
सहीदो नी जनेताओ रझळती राह पर रोवे??
जनम सा काज जोगी दान तमने आपीयो जगमा??
रही नई केम खुद्दारी तमरा रक्त के रगमां??
सहीदो नी जनेताओ रझळती राह पर रोवे??
जनम सा काज जोगी दान तमने आपीयो जगमा??
रही नई केम खुद्दारी तमरा रक्त के रगमां??
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