छंद - सारसी ।
करा धरा धरसो फेर हरसो असो परचो ईश्रवरी दैतान डरसो ऐक फरसो नाव तरसो वपू धरी अणकडा भजबळ दैत सो अणसमे तू धर आकडे
सोनल समाढा व्योम बाढा खपरखाडा खडखडै
करा धरा धरसो फेर हरसो असो परचो ईश्रवरी दैतान डरसो ऐक फरसो नाव तरसो वपू धरी अणकडा भजबळ दैत सो अणसमे तू धर आकडे
सोनल समाढा व्योम बाढा खपरखाडा खडखडै
उठी अमरमे कस कमरमे तु समरमे चारणी देता डमरमे खडग करमे रण नगरमे डारणी होते हमरमे नहि गरमे ते वमरमे तडखडे सोनल समाठा व्योम बाढा खपर खाडा खडखडे
ऐकी अखंडी मही मंडी पाप खंडी अणकळी देतान दंडी मान चंडी धु विखंडी परजळी कोपे कमंडी धर चहंडी आदि चंडी आकडे सोनल समाढा व्योम .......
धकमार धडडड होत हडडड गडडड नादे गडगडी कमठ कडडड थंभ थडडड चोपथी सिधे चडी
फरकंत फडडड केक नेजा हडड नारद हडहडे सोनल समाढा
फरकंत फडडड केक नेजा हडड नारद हडहडे सोनल समाढा
वानेय काळाय जोर वाळाय केक दैता हूक्डया पडतेय पाछट बाण खागड साभवा धाये मळ्या कर कोप रणमा रुप भेकर कडड दातड कडकडे
सोनल समाढा .........
सोनल समाढा .........
करडाई होठड लोह दातड आभ माथु आकडे वीराण वाढक कोप डाढड भोम हलबल भाटके
भभकी भयकर खडग लई कर भेळीयाळी जो भजे
सोनल समाढा ........
भभकी भयकर खडग लई कर भेळीयाळी जो भजे
सोनल समाढा ........
बोतेर कोडा महा बऴीया जेम मळीया भारथे अणसमे धू धड धुण धुजड कोप अंबा कारथे परगंट झटपट होत शकत्यु कोड मोढे गडगडे सोनल समाढा .....
ऐसे अवथडा साथ सथडा रुप रथडा के धरा साथेय सथडा काढ हथडा त्रोड मथडा दैतरा
धोकार दे धस महारण मच केक राखण तडखडे
सोनल सभाढा ...
धोकार दे धस महारण मच केक राखण तडखडे
सोनल सभाढा ...
काधेय जाडा सो सभाढा पीत पाडा चारणी असरा अवगता जुध जगता पीत रगता पालणी
तव काग सोनल हेक चंडी अरि दमणी ताडके सोनल समाढा ..
तव काग सोनल हेक चंडी अरि दमणी ताडके सोनल समाढा ..
रचयता :- कविश्री दुला भाया काग
टाईप :- गढवी प्रकाश खेंगारभाई सिंधोडी मोटी, कच्छ आईश्री सोनल युवक मंडण मो:-9687098087
वंदे सोनल मातरम्
वंदे सोनल मातरम्
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