दुनिया ना डा'या
दुनियाना डा'या रे डा'पणनी वातुं कोणे कीधी ?
वेदने विचार्या जेणे, शिवने रीझवीआ वा'ला ! (2)
(ऐणे) जानकीने केम हरी लीधी ?... ऐ दुनियाना... 1
वेदने विचार्या जेणे, शिवने रीझवीआ वा'ला ! (2)
(ऐणे) जानकीने केम हरी लीधी ?... ऐ दुनियाना... 1
सत्ताना सुहागी बधा, सुभट भारतना वा'ला ! (2)
गर्भमां बाळुडां नाख्यां वींधी ... ऐ दुनियाना... 2
गर्भमां बाळुडां नाख्यां वींधी ... ऐ दुनियाना... 2
ईन्द्रने गमे नहि कोईनुं उगमवुं वा'ला ! (2)
कुड-कपटनी वाटुं लीधी ... ऐ दुनियाना... 3
कुड-कपटनी वाटुं लीधी ... ऐ दुनियाना... 3
जगने रंजाडे ऐवां दळ दानवोनां वा'ला ! (2)
शुकरे जीववानी केडी चींधी ... ऐ दुनियाना... 4
शुकरे जीववानी केडी चींधी ... ऐ दुनियाना... 4
डा'पणे मरे के पाछूं गांडु थईने जन्मे वा'ला ! (2)
पेलांथी घेलपनी भांग्युं पीधी ... ऐ दुनियाना... 5
पेलांथी घेलपनी भांग्युं पीधी ... ऐ दुनियाना... 5
भावार्थ :-
ईतिहासमां लखायेला जेटला डाह्या माणसो छे ऐ बधाना डहापण आ जातना होय तो ऐ डा'पण जगतनो नाश करनारु नीवड़े दाखला तरीके -
रावण जेवो वेद शास्त्रनो जाणकार, सदाशिवने प्रसन्न करनार अने पुलस्त्य कुळ मां जन्मेला ऐने सीता हरण करवानी बुद्रि थई ?
महाभारतना काळना प्रात: स्मरणीय मोटा माणसो तो सत्ता अने पृथ्वीना ज उपासको हता. अश्वत्थामां जेवा उत्तम ब्राह्मणों छेवट उत्तराकुमारीना गर्भमां रहेल बाळक परीक्षीत ने मारवा बाण मुकेलां.
देवताओना राजा ईन्द्र, सर्व पंचशकितओना स्वामी, ऐने कोईनो उत्कर्ष ज न गमे. ऐना आखा जीवनामां बीजो यज्ञ करे अथवा तप तपे के ऐने आग उपदे. लदीने, छळ करीने, बीजानी मदद लईने ऐनो नाश करे त्यारे ज ऐने शांति वळे.
बे महामुनिओ ऐक बृहस्पति अने बीजा शुक्राचार्य. ऐक देवतानां गुरु, बीजा दैत्योंनो गुरुदेव. जगतने त्राहिमाम् पोकरावनारा दैत्योंने कोई मारी नाखे तो शुक्राचार्य ऐने संजीवनी दवाथी जीवता करे. वळी पाछा ऐ दानवो जगतना बाग़ने उधेमूळ करी मुके.
डा'पणनुं मरण ऐ घेलापणानो जन्म, कारण के बधा ज बुद्धिना डा'पण नी गळथुथीमां घेलापणुं पायुं होय छे. श्रद्धा ऐक ज , अहिंसा अने सत्यथी जन्मेल ते साचुं डा'पण छे.
ईतिहासमां लखायेला जेटला डाह्या माणसो छे ऐ बधाना डहापण आ जातना होय तो ऐ डा'पण जगतनो नाश करनारु नीवड़े दाखला तरीके -
रावण जेवो वेद शास्त्रनो जाणकार, सदाशिवने प्रसन्न करनार अने पुलस्त्य कुळ मां जन्मेला ऐने सीता हरण करवानी बुद्रि थई ?
महाभारतना काळना प्रात: स्मरणीय मोटा माणसो तो सत्ता अने पृथ्वीना ज उपासको हता. अश्वत्थामां जेवा उत्तम ब्राह्मणों छेवट उत्तराकुमारीना गर्भमां रहेल बाळक परीक्षीत ने मारवा बाण मुकेलां.
देवताओना राजा ईन्द्र, सर्व पंचशकितओना स्वामी, ऐने कोईनो उत्कर्ष ज न गमे. ऐना आखा जीवनामां बीजो यज्ञ करे अथवा तप तपे के ऐने आग उपदे. लदीने, छळ करीने, बीजानी मदद लईने ऐनो नाश करे त्यारे ज ऐने शांति वळे.
बे महामुनिओ ऐक बृहस्पति अने बीजा शुक्राचार्य. ऐक देवतानां गुरु, बीजा दैत्योंनो गुरुदेव. जगतने त्राहिमाम् पोकरावनारा दैत्योंने कोई मारी नाखे तो शुक्राचार्य ऐने संजीवनी दवाथी जीवता करे. वळी पाछा ऐ दानवो जगतना बाग़ने उधेमूळ करी मुके.
डा'पणनुं मरण ऐ घेलापणानो जन्म, कारण के बधा ज बुद्धिना डा'पण नी गळथुथीमां घेलापणुं पायुं होय छे. श्रद्धा ऐक ज , अहिंसा अने सत्यथी जन्मेल ते साचुं डा'पण छे.
रचियता :- दुला भाया काग (भगत बापू)
टाईप :- www.charanisahity.in
टाईपमां भूल होय तो सुधारीने वाचवा विनंती छे. टाईपमां कोई भूल होय तो माफ़ करजो
वंदे सोनल मातरम्
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