जन्मआष्टमी नीमीते नंदबावा ने वधामणी मा कागबापु नी रचना
{> नंदने नेसडे <}
गोकुऴ मां भगवान श्री कृष्णना जन्मनी वधामणी,.,.
¢• रचना :- कवि श्री दुला भाया काग {भगतबापु}
टाइपीग:- कल्याण पी गढवी,
¢• रचना :- कवि श्री दुला भाया काग {भगतबापु}
टाइपीग:- कल्याण पी गढवी,
आजे वाग्या छे वधायुं केरा पावा रे
नंद बावाजीना नेसमां जी --
नंद बावाजीना नेसमां जी --
आज वाहुलीआ मधुरा लाग्या पावा रे.,.,. नंद बावाजीना,
आज गांधर्व लाग्या गुण गावा रे.,., नंद बावाजीना.,।
आज गांधर्व लाग्या गुण गावा रे.,., नंद बावाजीना.,।
व्रज हरखातो जातो, फणी फडकातो ;
उठ्या अणदीठा उत्पातो रे-दानवकेरा देशमां जी,.,.,आज ,.,.१
उठ्या अणदीठा उत्पातो रे-दानवकेरा देशमां जी,.,.,आज ,.,.१
फूलडे वेरी छे रूडी, गोकुड शेरी
कंपी उठी कंसनी कचेरी रे, वेरी छे बाऴा वेशमां जी,., आज .,२
कंपी उठी कंसनी कचेरी रे, वेरी छे बाऴा वेशमां जी,., आज .,२
अडसठ तीरथ, बेठां पाणीआरे;
गंगाजीनां ञबक्यां वारि रे, जमनाना केऴां केशमां जी., आज --३
गंगाजीनां ञबक्यां वारि रे, जमनाना केऴां केशमां जी., आज --३
"काग" जोगमांथी जागी, छोडीने समधि ;
मा'देवे आवीने भिक्षा मागी रे, वेरागीकेरा वेशमां जी,.,.४
मा'देवे आवीने भिक्षा मागी रे, वेरागीकेरा वेशमां जी,.,.४
जन्मआष्टमी नी हार्दिक शुभकामना
धर्म उपर ज्यारे कंस जेवा राक्षसो अत्याचार करी रहेला छेत्यारे आपणे भगवान श्री कृष्ण चरित्र अपनावी कंस नो नास करिए ।
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वधु वृक्षो वावी ने आपणा प्रदेश ने नंदनवंन बनावीये,अने गायो नो रक्षण करिये जेथी भगवान श्री कृष्ण आपणा प्रदेश मा गायो चरावे.,.,
धर्म उपर ज्यारे कंस जेवा राक्षसो अत्याचार करी रहेला छेत्यारे आपणे भगवान श्री कृष्ण चरित्र अपनावी कंस नो नास करिए ।
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वधु वृक्षो वावी ने आपणा प्रदेश ने नंदनवंन बनावीये,अने गायो नो रक्षण करिये जेथी भगवान श्री कृष्ण आपणा प्रदेश मा गायो चरावे.,.,
कल्याण पी ,.,.
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