.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

10 सितंबर 2016

मां मोगल वंदना

*मां मोगल वंदना*
      
           *चरज*
राग..जन्म जन्म का साथ हे...

भजो भगूडा वाळी मोगल मां
मच्छराळी
दर्शन करता दूःखडा भागे आयल छे उपकारी,
भजो भगूडा वाळी..टेक...

मध सागर मा मावडी नावलडी नोधारी,
वेरी थयो छे वावडो आफत आ अणधारी,
तोफानी दरीयेथी माडी तारो ने तत्काळी,
भजो भगूडा वाळी...(1)

धाह सूणीने ध्रोडती आवे धरम धजाळी,
बाळ ने भाळे बावरो त्या
पूगे छे पगपाळी,
हरदम जपीये जाप तिंहारो
नवखंड नेजा वाळी,
भजो भगूडा वाळी...(2)

काळा सर्पो हाथे तेग त्रिशूळ
धरनारी,
दैय्तो ने दळनारी मां रगत मा
रमनारी,
शकित सिंहण रुपे आवी डणंक दई डाढाळी,
भजो भगूडा वाळी...(3)

याद करंता आवती मां धींगी
धाबळीयाळी,
छोरु ने संभाळती परगट परचा वाळी,
चरज सूणी *दिलजीत*नी
कायम राखे छे रखवाळी,
भजो भगूडा वाळी...(4)

   जय मां मोगल

आमतो आ तरज  *देस*राग
ने आधारीत छे
जे तरज रदय ने गमतो राग छे
*दिलजीत*बाटी ना
जय माताजी
     *ढसा जं.*

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT