ता.14-01-2017 अने मकरसंक्रांतिना दिवस आई श्री देवलमां नुं जन्म दिवस सवनी-वेरावळ खाते उजववामां आवेल टूंकमां अहेवाल
सवारे सेवा पूजन करवामां आवेल. त्यारबाद आईश्री देवल मां प्रेरीत चारण कुमार छात्रालय (तलाला गीर) ना विधार्थीओ द्रारा समाजने शिक्षित राहे लई जवा माटे वर्त्तमान समय प्रमाणे अंग्रेजी, संस्कृत, चारणी साहित्य , सुविचारो, पीरामीट, वगेरे रजु करेल (हाल छात्रालयमां नेसड़ामां वसता मालधारी चारणोना 50 जेटला विधार्थीओ अभ्यास करे छे)
चारण छात्रालयना विधार्थीओ द्रारा रजु थयेल कार्यक्रमनी टूंकमां विगत
स्वागत प्रवचन राजेशभाईऐ करेल जेमां शिक्षण, संस्कृति, ऐकता नो महिमा खूब ज सारी रीते रजु करेल तथा संगठन शकितनुं पण महिमा रजु करेल.
राजेशभाई तथा बिजलभाई ऐ दुहा-छंद रजु करेल.
ओडियो डाउनलोड ::- Click Here
संस्कृत भाषामां उत्तरायण पर्वनो महिमा
आजना आ डीझीटल युगमां बाळको ट्वींकल ट्वींकल लीटल स्टार तो शिखी जाय छे तथा मांने मधर ने बापने फाधर तो कई देशे पण आपणा वेदो तथा शास्त्रोनी भाषानी भाषा जाणे खोवाई रही होय तेवुं लागे छे ज्यारे गोपालभाई द्रारा रजू थयेल संस्कृत प्रवचने आपणेने शास्त्रोनुं भान कराव्यू.
अंग्रेजी भाषामां बोर्डिंग शु छे ? अने बोर्डिंग शिक्षणनी ज़रूरीयात शा माटे छे ? प्रवचन पुंजाभाई द्रारा करवामां आवेल.
सुविचार :-
समाजमां सद विचारोनुं सिंचन थाय तथा आपणे हकारात्मक विचारसरणी अपनावीऐ ऐवा सुविचारो गुजरीया माणसुर तथा विरम माणसुरऐ रजु करेल.
ओडियो डाउनलोड ::- Click Here
खुमारी अने विरताना प्रतिकरूपी छात्रालयना बाळकोऐ लाकडीना दाव रजु करेल
पीरामीड
छात्रालयना विधार्थीओ द्रारा संगठनमां शकित रहेली छे अने संगठन द्रारा गढनुं निर्माण थई शके छे ऐवुं पीरामीट द्रारा समाजने संदेशो आपेल
धुळनी ऐकताथी ईट बने छे.
ईटनी ऐकताथी दीवाल बने छे.
दीवालनी ऐकताथी गढ बने छे
जो आ निर्जीव वस्तुओ ऐक थई गढ बनावी शकती होय तो भला माणस आपणे तो माणस छीये विचारो के आपणो चारण समाज ऐक थाय तो शुं शुं करी शके ??
छात्रालयना विधार्थीओ द्रारा समाजने शिक्षण, संस्कार , संस्कृति , संगठन , नुं महिमा अने फ़ायदाओ अंगेना संदेशाओ आपेल
आईमां ना भकतो तथा सेवको बहोळी संख्यामां हाजर रहेल.
उजवणी अने छात्रालयना विधार्थीओ द्रारा रजु थयेल सांस्कृतिक कार्यक्रमना फोटोग्राफ तथा ऑडियो
आई श्री देवलमां
छात्रालयना विधार्थीओ द्रारा रजु थयेल सांस्कृतिक कार्यक्रम
छात्रालयना विधार्थीओ
आईमां ना भकतो तथा सेवको
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें