*मितेशदान कृत रामायण गाथा माँथी,,,,,,*
*||पिनाक धनुष ||*
*||कर्ता-मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च)||*
*||(छंद-गोषो)||*
घोर नाद घुघवाट,
काळझाळ कोप काट,
शोभनिय सज्जवाट,
मेघ तोड तोड़ घाट,
तीर लेव टंकराट,
शक्ति *मीत* सुरसराट,
दाळवे असुर दाट,
हे पिनाक हे विराट,हे पिनाक हे विराट(1-105)
बखाण वेग धार बट्ट,
स्वर्ग पे तीराय सट्ट,
दैव लोक ढाक दट्ट,
काट दैत मार कट्ट,
प्राछटे पछाड पट्ट,
घुघवे तिखार घट्ट,
झारवे अगन्न झट्ट,
वारणा पिनाक वट्ट,वारणा पिनाक वट्ट(2-106)
विकट पे दटक वट्ट,
आँधिये अटक अट्ट,
ध्येय पे दुकाळ दट्ट,
फ़ेण जो फैलावे फट्ट,
झट पट के झपट्ट,
खोरवे खेलाण खट्ट,
त्राड दे तोमर तट्ट,
हाकोटे पिनाक हट्ट,हाकोटे पिनाक हट्ट (3-107)
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
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