*बाप अही बदलायके, क्रशन द्रसावे कूळ*
*मामो निजनां मूळ, जांणे नई कां जोगडा*
घणा आहीरो पोताने कृष्ण ना वंसज कहेवडावे छे..आहिर ने चारण नो मामा भांणेज नो सबंध छे..कृष्ण ने कोई चारणे मामो नथी कह्यो...अने बळदेवजीये तो चारण हत्या नुं पाप पण ओरेल...
कृष्ण ना पिता वासुदेव नागकुळ ना भांणेज हता...एटले आहिरोये ए नाते कृष्ण ने उछेर्यो...आहिरो कृष्ण ना वंसज होवानुं गौरव ल्ये ए करतां एवुं गौरव लेवुं जोईये के अमारा हईन कृष्ण अने एनो वंश.....दिकरा थवाने बदले आश्रयदाता थवु जोईये..
*दि चारण ने दानमें, जोटडीयुंय जमल्ल*
*अही फिंण दैन अमल्ल, जवतल होम्या जोगडा*
चारण ने अही नागे अहीफिंण.. (अफीण) तथा जोटडीयुं (भेंस्यु) करियावर मां कन्या दान साथे दई ने जवतल होमनार अही ना वंसजो चारणो ने मामा थाय जे नातो आजेय चारणो अने आहिरो नीभावे छे..कृष्ण ने चारणे क्यारेय मामो नथी कह्यो...
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