नवरात्री पूजन अने उजवणी माटे प.पू.आईश्री सोनल मां ऐ कह्यु छे के,
"आसो महिनामां आपणु नवरात्री पर्व आवे छे. आम तो दरेक महिनाना पहेला नव दिवस ऐक नवरात्री छे, पण चैत्र अने आसो महिनानुं महिमा वधारे गणाय छे फागण-चैत्रमां वैदक र्दष्टिऐ कफनो वधारो अने आसोमां पितनो वधारे उपद्रव थाय छे. ऐटले ऐ महिनामां व्रत, नियम राखवानी जरूर होय छे. ऐना थी शरीर साजु-ताजु रहे अने पुजन भकितथी मन पवित्र थाय. वळी ऐ महिनाओ ऐटले ठंडी अने गरमीनी संधिनो वखत ऐटले उत्सव पुजानी अनुकूळता होय छे. फागण चैत्रमां शियाळु पाक आवे अने आसोमां वर्षाळु पाकनी मोसम होय, ऐटले ऐ उजवणीमां वधारे उत्साह रहे छे. अने ज्यारे कुदरत आपणने पाक आपे, संपति आपे त्यारे आपणे नम्र बनीने ऐनी विशेष उपासना करीऐ ऐ जरूर छे."
क्रमश
संदर्भ :- मातृदर्शन लेखकश्री पिंगळशीभाई पायक
टाईप बाय :- www.charanisahity.in
वंदे सोनल मातरम्
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