.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

9 सितंबर 2017

मायाबा गढवी नी रचना

ढाळ : ( दादा द्दयो ने अंगरेजी चोपडी रे )

  " दादा दिकरी ने सासरे वळावा ना जीद नी वात ना थोळा शब्द ना फुल "

रचयता = मायाबा गढवी
गाम = राजकोट, जसदण

दादा सुणो ने लाडळी नी वातळी रे (२)
अमे भणसु अने बनसु मोटा साब रे
मेलो मा सासरी नी वाटळी रे

हे बेनी ऐवा ते बोल सुं बोलीया रे (२)
बेनी दादा नी पालखी सुं काम नी रे
बेनी ससराजी नी सुडी उपर सुख रे
जरुर जावु तमारे सासरे..रे

हे बेनी सासर खेतर खोरडा रे (२)
बेनी दादा नी वात राख मनमा रे
बेनी सासरी मा करजो मोटा नाम रे
जरुर जावु तमारे सासरे.. रे

हे बेनी सासु ना बोल तारे जीलवा रे(२)
बेनी नणदि नी वात ना लेजो मनमा रे
बेनी सासरी मा सुख छे तमाम रे
जरुर जावु तमारे सासरे..रे

हे बेनी स्वामी ना बोल तमे पाळ जो रे (२)
बेनी कुळ कपट ना लेजो मनमा रे
बेनी सासरी ना खोरडा नी शान रे
जरुर जावु तमारे सासरे..रे

हे बेनी दादा ना मन ना दुभाव जो रे (२)
बेनी दादा ना हेत नी तु हाटळी रे
बेनी सासरी ना मुल छे अमुल रे
जरुर जाजो ने तमे सासरे..रे

दादा सुणो ने लाडळी नी वातळी रे
अमे भणसु अने बनसु मोटा साब रे
मेलो मा सासरी नी वाटळी रे
मेलो मा सासरी नी वाटळी रे

    🙏जय माताजी🙏

        🌷🌷🌷🌷

🙏भुल चुक होय  तो सुधारवी 🙏

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT