आवडमानो भाव
(राग) सुना समदरनी पाले
ए. आवडने आसरे जाये रे, जईने मा नमीये पाये रे
माथे ओढी भेड़ियो माडी, खबरु लेसे मात खमकारी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
ए. खलकमा ख्यात छे बानु रे, अटकाव्यो आभमा भानु रे
बांध्यो बाई लोबडी छेडे। वीर उगायोँ वीख विदारी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
ए. शोभे तेज टीलडी भाले रे,
आभा जाणे प्रसरी हाले रे
रमवा रास नीशरी अंबा, शोलशजी मा राज़ राजेश्वरी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
ए. दयाभरी दीलमा माजी रे, रेजे तु अमपर राज़ी रे
आजो छे एक तीहारो समरता देजे साद सुखकारी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
ए. जनमी जग प्रसीध्ध मादानी रे
उजाळी नात कुल अवनी
रे
कीशोर भाव भावथी गावे, आपजे आशीष मात अविकारी रे
आवडमा अनंत उपकारी रे
रचना कीशोरदान सुरु
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