*कमलासनी दुय कालिका,प्रेमे हो परशन्न*
*जुवो अमावस जोगडा, दिपावली दरशन्न*
बेय कमलासनी एटले के सरस्वती पण कमल पर आसन करनार,अने लक्ष्मी पण कमल पर आसन करनार..अने त्रीजी कालीका..एटले के...
*वाक (वांणी) बारस* ...महा सरस्वती नी उपासना नो दीवस (जेने खबर नथी ए वाघ बारस कहे छे)
*धन (लक्ष्मी) तेरस* महालक्ष्मी नी उपासना नो दिवस
*काली(कालीका) चौदश* महाकालीका नी उपासनानो दिवस...कालीका मां छे..अने बाळक ने तो मां काळी होय तोय रुडी लागे तेथी रुप चौदश पण कहीये
एम त्रण दीवसो...वाक बारस सरस्वती,धनतेरश,लक्ष्मी,अने चौदश मां कालीका...त्रणेय महादेवी नी उपासना करो पछी जिवन मां जे आवे तेने दिवाळी केहवाय...ई अमावस्या नो अंधकार होय तोय दिवडा जळहळी ने प्रकाश नो तेहवार थई जाय
*रुपचौदश नी हार्दीक शुभः कामनाओ*
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