.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

7 अक्तूबर 2020

|| महाभारत ना अढ़ार दिवसो ना युद्ध वर्णन मांथी || कवि मितेशदान(सिंहढाय्च) रचित पांच दिवस ना सुपंखरा

*||कवि मितेशदान (सिंहढाय्च) रचित,,, कुरुक्षेत्र युद्ध ना अढार दिवसो नु युद्ध वर्णन ||*

*|| सुपंखरो ||*

*|| प्रथम दिवस ना युद्धनु वर्णन ||*

डंडी सामीरा अनंता नखायुधाडा लडंता देवा,
वासुरा  मंडाणा  पंडा  भाराथा  वितळ,
पड्या  प्रथम्मा  पतंगा  कुरु  राजरा गयंदा प्रथी ,
भावीरा  प्रचंड  कंबा  बाजिया  भितळ,

दग़ा डणक्या ग्रिधाण वेरी  ढंकाणा म्रगंका द्रस्सा,
गाजिया विखम्मा  भुल्या तामगा गैतुळ,
दल्ला हालिया हुंकारे बांधी तुरंगा डाबला दाबी,
मरोळी रास हकाल्या कौरवारा मुळ,

लग्गा कंडाणा मेदान मथ्था ददंभा अचंबी लाल,
जम्मरा जोटाणा दिठा रक्त भुखा  जोर,
कोमंडा सज्जिया ध्रम्म  खम्मिया पांडवा केरा,
पंचाळी  लज्जिया वेरी  ललकार्या प्होर,


जुद्ध  ब्रह्मंडे  जोवंता मृतराज उभा बिंब जाया,
भंडारा अध्रम्मा पंडा भांजिया भरम्म,
दुकाळे मंडाया कुरु मोत  ना ऐंधाण दागा,
कम्मिया पांडवो सामा सम्मिया करम्म,

वछुटा कलंबा लगा पारथारा सत्त वाळा,
रच्या रमखाणा मंड्या वज्जरा रथीह,
हट्या हठाळा हमंकी सुत गंगारा जोराळ हठी,
पापीरा दुताळा पंड उछट्टा पथीह,


दट्टा हट्टा ना विखुट्टा जुटा कौरुवा प्रगट्टा दुत,
सामटी संहारी सेना ललकार्या सूर,
त्याही लागही पताका माही बंकटारी त्राड ताकी,
फंटाणा  फांकडा फंदा कुटीरा फितुर,


म्रतकारा न्हाळी युद्धे प्रथमें सु दिन्न मांस,
हाड कटकारा उडया रक्त रा  हमीर,
पंड  श्वेतरा उत्तरा वीर पड्या लहू धरा  परे,
भिष्मरा प्रहार छुट्या मार्या शुरवीर,


कपिधुजारा हकारा वर्या प्रथारा कोमंखीवारा,
पराजे संध्यारा समे वर्या  पंचवीर,
हुंदा हाररा प्रमाण धनु धाररा सुधार हुता,
टंकारे मंडणा *मित* तुणीरारा तीर,



*|| बीजा दिवस ना युद्ध नु वर्णन ||*


मंड्या दुजारे दी आभ मथ्था सांमळा जोवंता मांडी,
दिग्गरा दु झुक्के नता देवरा डणंक,
लगा कंधमें तुणीरा दिव्य रोपा ललकारे लाट,
किन्ना धडे काट  काट कंकटा  कणंक,

म्रघ  फ़ौजरा बरंगी हाल्यो दंभरा कळाप मथे,
तोतरा चमक्का कौरु भेटिया  तराप,
दावासुत रा दम्मक लिना क्रोंचरा मंडाणा दळा,
पांडवो प्रचंडी  हण्या  उछट्टारा पाप,


हरिसिरा बंध  कौरु धरा फुंफाळा शेष हाकोटा,
इलोळा मेदनी  वेळू उड़ाळी सु आभ,
सानुमान रा समान पारथारा जुटा युद्ध सामा,
लासरा आशरा रथी कान कीता लाभ,


गोम त्राफट्टे थडाका प्रतिहारा द्विया फ़ौज  गाढ़ा,
चापरा टंकार धुनि बाज्या दिशे चार,
गुरु द्रोणरा कंबाण छेदी वेरीया पछाड्या गजी,
ध्रुपद्दा गुमान धमरोळ्या धराहार,

कोप्या कंठीरा कुरंगा पंच फंटाणा समीरा काल,
हटाणा कंदळा सभे सबद्दा हूंकार,
कुरुधरारा हैथाट मिळे एकही कुमार कळा,
भीमरा थपाटा मच्या भरख्या भुंखार,


हठी धस्या ही धमंकी रणे हण्या कु हजार हथी,
हुंतिरा निषाद हण्या कलिंगा हजार,
धणी कौरुवा चमंकी द्रशे कणीरा खमीर धरा,
वारीजा फूंकाणा अंते वध्याही वजार,


निसमंडणा गो चुके तुंगी चल्यो न को डग्ग नाही,
इशरा धरम्म तणी भेटी रियो साथ,
यमसुतरा सहाय हैमकरा नाही धरा माही,
उठावे न तम्म कळा क्रम्मरा सु आथ,

जुद्ध अंतरा प्रमाण द्विज पांडवा सु जीत जळा,
रत्तरा हाड़ सु पड्या मैदान रजोट,
पृथीपतिरा फाट सु हैया दुभव्या प्रभात हुंदा,
खावींदा हयाती मित खपावी शु खोट,?





*|| त्रीजा दिवस ना युद्ध नु वर्णन ||*


वडा व्योम रा दुरंग पड्या थडाका कोमंड वाळा
तेजरा जटाळा राणा उठ्या तिहिकाळ,
तीजरा मंडाणा हठा संग्रामे लोहरा तळा,
खळळ खाटक्या सुरा विग्रही खेधाळ,


मृदु छांडीये तातरा तीर बछुटा प्रहार मंडे,
हेतरा बंधाण तुटा वेधीरा हकार,(तिहि)
थड़ाका आभ थु थाट मोरचे मांडाणा मेघ,
पारथा पणंछ खेच्या धनुरा टंकार,


लगा कानही देव समुह जोवंता न चुके लगी,
वृद्ध जुद्ध लड्या जाको यौवना विरांग,
सामा चढ्या पारथारा छडी होवंता मुंजाण समें,
गांडीवारा फीका पड्या टंकारा गोरांग,

मद फोजरा फोतरा कढ़े भीम जो मैदान माथे,
रत्तरी सरिता हणी रँग्यो रसाताळ,
पडा प्राच्यरा पंडसु धरा धस्सीया प्रमाण पुरा,
सौवीरा मालवा खत्री हण्या क्षुद्रसाळ,


अधशशीरा मंडाण कोटी हाड़रा हजार अंशी,
जशी न धराणी वशी वसुधा जराय,
हसी भावीणी भवान धारी डसी कौरु पंड हसी,
रत्तभुखी जीहा हाड़ खसी न खराय,


दुयोधन जो धसाणो हाल्यो सारथी अचेता दिसे,
मांडिया सु चक्र पाछा रथरा मैदान,
दल्ल हस्याता खेखाट नादे पापीरा पीछठ्ठ देखी,
मंडाणा भामणा अळ्या पांडवा महान,


फेरी हालिया कुंतीरा जाया पंचजन्य नाद फोर्या,
संध्या समें युद्ध पुरा पामिया संवाद,
दीन त्रिजरा ऐंधाण जोता बोल्या धृतराज दिसे,
संजया मु कहो मित सुराणा को साद,


*चौथा दिवस ना युद्ध नु वर्णन*

वध्या व्रेमंडे सादुळा काळा जटावाळा वादळासु,
इंद्रभुप सेना बंका जजुम्या अढंग,
धर्या वीजरा चमंका पाण डणंकी निनादधारी,
रणक्या खणंकी पाड्या रत्तरा सु रंग,


डणुक्या वारुधा चढ्या वेमंडा विशाळ डाघा,
नीररा शीरसु पंड  नितर्या नवाण
फोगाळा सु फट्ट केता वादळा फाटिया फल्ला,
छोगाळा मैदान पुगा  भिंजिया छवाण,

कटक्का कंकट खांडा भु मंडाणा त्रिहुराळा,
ग्रज्जिया गदारा नाद सज्जिया ग्रिधाण,
रिझ्झिया गोपाळ किन्ना इशारा दिशारा   रमे,
क्रम रा हिसाब खेल खेलंता क्रिपाण,


धसाव्या धराही रत्त खोपरा उछाळी धर्या
सेना को सुभान भूल्यो स्रजियो सफ़ाळ
जसाया जोर जुटाया पसाया प्रमाण जबे
असहाया हैया मोते  भेटिया अकाळ,

बाणरी सेनारा प्रथि हालिया पुराणा बाणे,
जाणीया सु तात जोड़या पिंजराळा जोड़,
ढंकाणा ढ़ळ्या न धसे कंबाणा छेदीया ढाळ,
मंडाणा नाराच  धनु  उछट्टा मरोड़,


भग्गदत्ता राव हत्थ झलाणा विफर्या भीम,
आंटीया जोरिला केरा थंभाफट अंग,
अड़ग्गा अचुका मित वारा फेरी वारा फेरी,
पारथारा छुटा तात झिल्लियां पनंग,


सुरु अंधारे समाणा कुरु हालिया कुमार सामे,
मेलिया धनुरा टेका मुकिया मैदान,
झुक़्क़ीया प्रणाम किता चुक्कीया धरम कुरु
सुक्कीया अबुद्ध कुरु सजी नको शान,


*पाँचमा दिवस ना युद्ध नु वर्णन*


लोढा ठणंके लटाळा भुजाबल्लजो मैदान लड़े,
पंचसु प्रतापी पृथु द्रस्सिया प्रमाण,
धस्सीया धजाळा कुरु च्यारूंवेद जाणधरा,
काट्या धनुधरा गदाधरारा कंबाण,


उतंगा तोम उड़ेड्या पंखाळा धनु अमोघ,
सिंच्या धनु पाणी गो प्रवाह छूटा सप,
खिंच्या धार विषैला प्रभाव खेड्या कुरु  खाड़े,
खंखेरी सातीके पुर्या बल्लबाहु खप,

लड्या जो लगाया हथ उठ्या वायु बाण लगी,
प्रहारे प्राछट्ट नाद झेलंता पाताल,
वधुळा तड़ीता वेग पावका मेघरा वाण,
द्रसाया हंफीया कुरु मैदाने दुकाल,

जमाबल्ल चित्रभाण व्रहिया जंभसु जोर,
वायुरी गतिरा वीर वछुटो विशाल,
हजारो रथीरे मथे हाटक्यो हठाळ हसी,
हण्या कुरु रथी दस हजारा बे हाल,

मेरु पे मेघ मंडाण भुरीश्रवा जुद्ध मंडो,
सात्यकी संहार जोता हुंकळ्यो सुजान,
घटाजो घेराणी महाजुद्ध रा ऐंधाण घड्या,
पारखा ध्रम्मरा दिये युद्धरा प्रमान,

यमदंड रा उदंड हुंदा वज्जरा प्रहार यळा,
थळा जो ऊखेळा कळा जळारी थपाट,
तळा पे झाटक्या धड़ा काटीया धनुरा तीर,
बाटीया कटक़्क़ मथ्थ दस्सरा बुछाट,


दस्स रे जस्सरा अपजस्स कुरुवस्स देवे,
सात्यकि सुजस्स वीर देखंतो सभान,
पांडवा प्रजसपे सुयस लेवे वीर प्रति,
दस्सरा देह  सु  वीरगति जो दीवान,


पंचमें पुराणा दस्स देहरा प्रमाण पुन,
पांडवारा प्राण लग्ग पुर्या परिधान,
वामंगी वसुधा वदे पुण्यरा रत्तसु वारे,
वंश कुरुवंश तणा  मित सु  विधान,


*🙏कवि मितेशदान गढवी(सिंहढाय्च)🙏*
9558336512

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT