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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

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16 सितंबर 2015

राम भजननी रीड पडी

राम भजननी रीड पडी
हरिजन होय ते…हालीनी नीकळजो, रामभजननी रीड पडी…,
साचा होय ते चाली नीकळजो, रामभजननी रीड पडी…
हरिजन. टेक
तृष्णा केरां त्रांसां वाग्यां, लक्ष्मीजीनी फोज चडइ…
झूझवुं होय तो हालो, जुवानो ! घाव झीलो जई एक घडी… 
हरिजन…(१)
सागर जेटला धावण धाव्या, जनारीने पेट पडी…,
झूझवुं होय तो हालो, जुवानो ! घाव झीलो जइ एक घडी…,
हरिजन…(२)
गणी गणीने ऋण चुकावो, लेखण खडगे ल्यो लडी…,
जीवनमरनो छे सरवाळो, रखे जाय नइ भूल पडी…
हरिजन… (३)
आपणो मारग रोकीने ऊभी, आशा, तृष्णा, व्योम अडी…,
बळती आग्युंमां कूदी पडजो, अजरा मारग ल्यो लडी…
हरिजन…(४)
कांइ फिकर नइ केता कहे भले, माथां रणमां जाय पडी…,
' काग ' जीती जाय त्रणे भुवनमां, धड लडे जो एक पडी…
हरिजन…(५)

रचना :- काग बापु
टाइप :- सामरा पी गढवी

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