. जय माताजी
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पग तमे धोवा द्यो रघुरायजी
प्रभु मने शक पडयो मनमांय, पग मने धोवा द्यो... टेक
राम लखमण जानकी ऐ, तीर गंगाने जाय जी...(2)
नाव मांगी नीर तरवा (2)
गृह बोल्यो गम खाई... पग मने....
रज तमारी कामणगारी, नाव नारी थई जाय जी (2)
तो अमारी रंक-जन नी (2)
आजीविका टळी जाय,... पग मने....
जोई चतुरता भील जननी, जानकी मुसकाय जी (2)
अभण केवू याद राखे (2)
भणेल भूली जाय ! ...पग मने
आ जगतमां दिनदयाळु ! गरज केवी गणाय जी (2)
उभा राखी आपने पछी (2)
पग पखाळी जाय... पग मने
नावडीमां बावड़ी झाली, रामनी भीलराय जी (2)
पार उतरी पुछीयु तमे (2)
शूं लेशो उतराई... पग मने..
नायीनी कदी नायी ल्ये नई,आपणे धंधाभाई जी (2)
"काग" ल्ये नहि खारवानी (2)
खारवो उतराई... पग मने
रचियता :-कविश्री दुला भाया काग (भगत बापू)
टाईप :- www.charanisahity.in
सहकार माटे आभार
वंदे सोनल मातरम्
2 टिप्पणियां:
wah jay mataji
jay mataji
aapno khub khub aabhar
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