.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

11 अक्तूबर 2015

भुलुं क्यांथी भाल रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

.          || भुलुं क्यांथी भाल ||

.                   राग: माढ
.      रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

दोहो

वतन तणीं आ वातडी, गळके आंहुं गाल
जरीये मनथी जोगडा, भुलुं क्यांथी भाल

गीत
जेने निरखी मनखो न्याल रे ..तने भुलुं क्यांथी भाल रे 

नेक अनेको ना पाळीया पोढ्या..खोटा न ऐना ख्याल रे..

साबर मती ने वात्रक सेढी, माझुम भोळी मात

हाथ मती ने खारी हेताळी..मेश्वो त्यां मलकात
सात नदी ना संगम वाळां..वौठा माथेय व्हाल रे..
जेने निरखी मनखो न्याल रे ..तने भुलुं क्यांथी भाल रे

घेघुर लीलका उतावळी घेलो..गौतमी काळु भार

भोगावा पर भाव छे भारी...रांणक नो रखवार
गढरे ईडर गजवी ने थ्योतो..संघ कावठीयो साल रे..
जेने निरखी मनखो न्याल रे ..तने भुलुं क्यांथी भाल रे

रैयत बोल्युं पाळेलुं राजे..खस्ता कर्युं तुं खेर

गांफ धणी गजमार उजाळ्यो ..वट्ट थी वाका नेर
कामण गारां काळज घेलां..मानव साचां मराल रे
जेने निरखी मनखो न्याल रे ..तने भुलुं क्यांथी भाल रे

मात समांणी ने नेहडी सांई..लाखेणी वात लखाई

मालीक केरां माथां लीयावे.,चारण नी च..तुराई
चडीयो माढ ने आज चितारे..गातां मुख गुलाल रे..
जेने निरखी मनखो न्याल रे ..तने भुलुं क्यांथी भाल रे

भीम रसोडु ने पांडव शाळा..मध्ये मळाव तलाव

देख्यां जोगी दान दीलावर.. भोळा जण नां भाव
धणींयांणी थउं धोळकानी कई..नारीयुं थाय निहाल रे..
जेने निरखी मनखो न्याल रे ..तने भुलुं क्यांथी भाल रे ..

लोथल पासे गाम लीलुडूं....सुरग वाळा सोहाय

भायुं मळे नवरात्युं मा भेळा..उरमां उजांणी थाय..
बाळपणुं जांणे कानमां बोले..धिंगा मस्ती धमाल रे..
जेने निरखी मनखो न्याल रे ..तने भुलुं क्यांथी भाल रे ..



कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT