- चारण भकत कवि श्री सांयाजी झूलाना जीवन चरित्र माटे Click Here
आजे भादरवा वद-9 ऐटले चारण भकत कविश्री सांयाजी झूलानी आजे 521 मी जन्म जयंती छे तो तेमनो टुंकमां परिचय
नाम :- सांयाजी झूला
पितानु नाम :- स्वामीदासजी
जन्म :- भादरवा वद-9 सवंत-1632
गाम :- कुवावा
राजकवि :- ईडर
भाईनुं नाम :- भायाजी
पुत्रो :- 4 पुत्रो
पितानु नाम :- स्वामीदासजी
जन्म :- भादरवा वद-9 सवंत-1632
गाम :- कुवावा
राजकवि :- ईडर
भाईनुं नाम :- भायाजी
पुत्रो :- 4 पुत्रो
नागदमण अने रुकमणी हरणना रचियता
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तेमना जीवनमां अनेक घटनाओ बनेल ते मांथी ऐक बहु प्रचलित घटना
ऐक वखत सांजे राव कल्याणजीनी कचेरीमां बेठेला सांयाजी
अकस्माते स्थिर थई गया अने जोर थी पोताना बंने हाथ भेगा करी घसवा लाग्या. सांयाजीनी आ विचित्र चेष्टा जोई सभा सहित राजा आश्वर्य चकित थया. थोड़ी वार रही हाथ घसता बंध पड़या. सांयाजी हाथ जुड़ा कर्या तो तेमना हाथ काळा थई गया अने तेमां छळेला देखाणा. आथी राजा तथा सर्व सभाजनो ने अत्यंत ताजुब थयुं.त्यारे राव कल्याणजी ऐ सांयाजीने पुछ्यु.
आपे ऐक घड़ी सुधी स्तब्ध थई शुं कर्युं तथा आपनी हथेली काडी पडी गई छे अने छाळा पड़ेला देखाय छे तेनुं शु कारण ? ते कृपा करी कह्यो.
सांयाजी बोल्या हे रावजी ! कहेवामां मने कोई पण प्रकारनी हरकत नथी तथा आमां आश्वर्य पामवा जेवुं कांई नथी. द्रारिकामां श्री रणछोड़रायनी आरती उतारता पुजारीना हाथमां रहेली आरतीनी बतीमांथी पड़ेला तणखाथी वाघा सळग्या ऐने आ सेवकनी दृष्टि गोचर थवाथी बे हाथथी बुझावता हाथ काळा पडी तेमां छाळा उपड़या छे.
आ बनाव पर राजाने विश्वास न बेठो बीजे दिवसे पोताना विश्वासु राठोड चांदाजीने द्रारिका आ हकीकतनी सत्य तपास करवा मोकल्या.
चांदोजी द्रारिका पहोंची भगवानना दर्शन करी पोते जे काम माटे आव्या हता. तेनी तपास करवा माटे पूजारीने मळया अने पूछ्युं के 'गत मार्गशीर्ष मासनी सुद-11 नी सांजे रणछोड़जीना मंदिरमां कांई बनाव बन्यो हतो ?
त्यारे पुजारी जवाब आप्यो के हुं तो शुं पण आखुं शहेर जाणे छे ऐवो बनाव बनेल. श्री रणछोड़जीनी आरतीमां संपूर्ण बतिओ प्रगटावी पड़े छे. तेथी झीणो तणखो उडयो ने भगवानना नवा धरायेल श्रृंगारना वाघा पर पडयो. अने वाघा सळगवा लाग्या आ जोई ईडरना चारण भकत सांयाजी अंदर प्रवेशी आग ओलवी.
आ सांभळी चांदाजी बोली उठया शुं सांयाजी ते दिवसे अहीं हता ? त्यारे गुगळीया महाराज बोल्या.
त्यारे पुजारी जवाब आप्यो के हुं तो शुं पण आखुं शहेर जाणे छे ऐवो बनाव बनेल. श्री रणछोड़जीनी आरतीमां संपूर्ण बतिओ प्रगटावी पड़े छे. तेथी झीणो तणखो उडयो ने भगवानना नवा धरायेल श्रृंगारना वाघा पर पडयो. अने वाघा सळगवा लाग्या आ जोई ईडरना चारण भकत सांयाजी अंदर प्रवेशी आग ओलवी.
आ सांभळी चांदाजी बोली उठया शुं सांयाजी ते दिवसे अहीं हता ? त्यारे गुगळीया महाराज बोल्या.
केम तमे आटला बधा अधीरा थया ? सांयाजी ते दिवसे अहीं हता ऐटलु ज नहि पण दररोज संध्या आरतीना दर्शन करवा सांजे हंमेशा अहीं हाजर होय छे. आ वात सांभळी चांदाजीने आश्वर्यनी सीमा रही नहीं सांयाजी ईडरनी सभामां बेठा हता. छतां बीजा स्वरूपे रणछोड़जीना बळता वाघा ओलववा ऐ कांई साधारण आश्वर्य न हतुं तेमां वळी हंमेशा दर्शन करवा आवे छे. ऐ तो नवी घटना लागी.
सांजे आरतीनो समय थयो. झालरोना अवाज थवा लाग्या. चांदाजी आड़ी अवळी नजर फेरवी जोवा लाग्या के सांयाजी हमेश आवे छे तो आजे पण आवा ज जोईऐ. ऐटलामां द्रारकाधीशना द्रारनी साख पासे सोनानी झाडी पकड़ी उभेला सांयाजीने जोया.
आरती पूरी थई सांयाजी सुवर्ण झारी द्रारकाधीश आगळ धरी रणछोड़जीऐ पोताना हाथ लंबाव्या अने झरीमांथी जळपान करेल. आ प्रत्यक्ष प्रमाण जोई चांदोजी सत्य मानवा लाग्या अने सांयाजीऐ ईडर मां बेसी अहीं वाघा ओळाव्या ऐ तो सत्य ज छे
आरती पूरी थई सांयाजी सुवर्ण झारी द्रारकाधीश आगळ धरी रणछोड़जीऐ पोताना हाथ लंबाव्या अने झरीमांथी जळपान करेल. आ प्रत्यक्ष प्रमाण जोई चांदोजी सत्य मानवा लाग्या अने सांयाजीऐ ईडर मां बेसी अहीं वाघा ओळाव्या ऐ तो सत्य ज छे
आवा महा पुरुषो चारण ज्ञातिमां थया
आजे सांयाजी झुलाना जन्मदिवसे तेमना चरणोंमां कोटी कोटी वंदन
संदर्भ :- श्री प्रविणभाई मंधुडा संकलन करेल नागदमण मांथी
टाईप :- वेजांध गढवी
मोटा भाडिया मांडवी कच्छ
9913051642
www.charanisahity.in
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टाईप मां भूल होय तो सुधारीने वाचवा विनंती छे
टाईप भुल माटे माफी मांगु छु
वंदे सोनल मातरम्
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