.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

15 जनवरी 2016

पतंग दोर नी प्रित रचना : जोगीदान गढवी (चडीया )

.         || पतंग दोर नी प्रित ||
.    राग : कागडा कदीये कारहे नावे....
.     रचना : जोगीदान गढवी (चडीया )
.                        दोहो
.    बनवुं साचुं बापला , ऐक बीजा ना आंत
.    जुदा न थावुं जोगडा, सिखवे छे सकरांत
.                         गीत
पतंग नी दोर थी  प्रितडी पुराणी......(०२)
सउ ने जोने सिखवी जाती, उतरायण नी उजाणी..
साथे उडवा सोगंद लेईने,  बेउ नी  गोठडी बंधाणी..
कंठ कोरी ने कोटे लगावी(०२) किनिया बंध केहवाणी..
पतंग नी दोर थी प्रितडी पुरांणी...||01||
दल थी दोरीये साथ दीधो त्यां, मोज्युं आकास नी मांणी
ईरसा पेच मां ढील ना आपतां, (०२)काया दोर नी कपाणी..
पतंग नी दोर थी प्रितडी पुरांणी...||02||
साथ पतंग नो छुटतां भेळी,  पडती थईन पटकाणीं
नोखाय थाता निरखी जात ने(०२)धणीं विना धुळ धाणी
पतंग नी दोर थी प्रितडी पुरांणी...||03||
पतंग एकलो भाळी पवन पण, तुरत लई जाय  तांणी
लोक बधा ऐने मांड्या लुंटवा(०२)करुंण थई ती कहांणी
पतंग नी दोर थी प्रितडी पुरांणी...||04||
उजळां बेय छे ऐक बीजा थी, जोगी दान ल्यो जांणी..
ऐकलां ईतो साव अधुरा..(०२)राजा होय के रांणी...
पतंग नी दोर थी प्रितडी पुरांणी...||05||
⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT