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17 जनवरी 2016

श्री सोनल स्तुति वरदान गढवी

✨श्री सोनल स्तुति✨

(रागः विश्वभरी अखील िवश्व...)

हे, सोनल सुखकारणी मात मारी,
अम,चारणो पर छे, कृपा ज तारी.
उधारवा तुज चारण, अवतार लीधु,
आपेल वचन ते, चरितार्थ कीधु,
हटावी ते, अंधकार नी झाळी......हे सोनल..
हे, सरस्वती ग्यान नो भंडारतुं माडी,
आपी, अमोने अमीवाणी तमारी,
गाइ्यें सदा कविता ज तारी.......हे सोनल...
तपावी जात खुदनी, ते प्रकाश कीधु,
खेडी परिश्रम ते, कदी न थाक लिधु,
दिपी उठी चारणज्ञाती सारी......हे सोनल..
फरी नेहडे - नेहडे मात तु सारे,
आपीयु चारणो ने ते, ज्ञान वधारे,
हण्या व्यसनो ज्ञानतीर मारी.....हे सोनल..
महेनत अने पुरुषार्थ नो मार्ग बताव्यो,
मनावी ने मानव थवानो भेद समजाव्यो,
किधु सदा चालवा निती सारी....हे सोनल..
कह्युजे ते, न समज्या माडी बाळ तारा,
तोली दिधा मातने , समजी ने बाळा,
'वरदान'माफ करजो  भुल अमारी....हे सोनल.....
                  वरदान गढवी

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