.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

15 फ़रवरी 2016

|| खोड़ल तारा खेल || . रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

.             || खोड़ल तारा खेल ||
.    रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)
पोगेय तुं  पताळमां,  गगने करती गेल.
जोया चारण जोगडे, खोडल तारा खेल.||01||
(हे मा खोडल..तुं पलक मां पाताळे पोगे तो बीजी क्षणे गगन मां गेल करती होय..तारा खेल ने अमे जोई शकीये पण एनो पार न पामी सकीये)
मामडीया मादा तणी, आठेक सदीये आई
जो वढीयारे जोगडा, राज थळां नी राई.||02||
(हे मामडीया मादा चारण नी दीकरी मां खोडल.. राजस्थान नी धरती परथी तुं वढीयार नी धरा पर आशरे आठमी सदी मां दरसाई )
आवड खोडल आवियुं, सातेय बेनड साथ
जननी जायो जोगडा, हाड मेरखियो हाथ.||03||
(मां खोडल ने आवड वगेरे सातेय बेनुं अने साथे हाड वालो भाई मेरखीयो पण हारे हतो..)
डसीयो वीर ने डोकरी, नफ्फट काळो नाग
जानल हाली जोगडा, ताण लियां घर ताग.||04||
(ज्यारे ते धरती पर वीर मेरखिया ने सर्प दंश थयो त्यारे हे मां खोडल त्यारे तारुं नाम जानल हतुं तुं घरणी नो ताग लेवा पाताळे पोगी..)
आवड वीर अहांगळे, (थोडु) मांठुंय बोली मां
जानल पग मां जोगडा,(के )कर खोडी थई कां.||05||
(वीर मेरखीया नो घरती पर ढळेलो देह जोई ने विर नो अहांगळो करती मां आवड जानबाई ने आवतां वार लागेल जोई ने थोडुं मांठुं बोल्यां..के जानल खोडी थई के शुं??)
आँयां सूरज उगशे, (ऐवी) जो थई आवड जांण
(त्यारे)जटक्यो छेडो जोगडा, भोंय गरीग्यो भांण. ||06||
(हमणां सूरज उगशे अने भाई ने भारे पडशे ई जोगमाया आवडने जांण थतां भेळीया नो छेडो झटक्यो अने सुरज पाछो भुमी मां गर्त थयो..)
अमियल कुंपो आंणीयो , व्रांणा धर वढीयार
जानल त्यांथी जोगडा, खोड थतां खोडीयार.||07||
(अमिनो कुंप लई ने मां जानल आव्यां पण मां आवड ना वेंण हतां के क्यांय खोडी थई के शुं?? माटे मां जानल ने खोड थई अने त्यारथी ते खोडीयार तरीके (हालना वरांणां वढीयार थी) प्रसिद्ध थयां..)
आवड खोडल उरथी, वड़ दियुं वरदान
मोटी खोडल मावडी, जग पर जोगीदान.||08||
( त्यारे मां खोडीयार ने भगवती आवडे वरदान आप्युं के भले जन्मे हुं मोटी छुं..पण जगत तने मोटी मानशे..)
नई दउं आवड नाम हुं, धीडीयुं मामड धार
जानल खोडल जोगडा, वर आंणा वढीयार.||09||
( मां आवडे खोडल ने वरदान आप्युं के हुं ज्यां पण रहीश मारुं नाम आवड तरीके नही आपुं..जेथी जगत मां मारी बेन खोडीयार नुं नाम मोटुं थाय...जेना द्रस्टांत रुप आप जोई शको छो के राजस्थान मां जेटलां पण आवड ना मंदीर छे..तेनां नाम आवड नही पण..भादरीयाजी..तनोट राय..तेमडाराय..बेडाराय...चाळकनेसी ..वगेरे थी पुजाय छे..आ वर(वरदान)आंणा (मेळव्युं) ते धरती ऐटले वरांणा(वरआंणा)..)
अमरत खातां उठीयो, मेरखीयो दई मट्ट
जेर उतरतां जोगडा, तोगड दे तलवट्ट.||10||
(अमि कुंपा थी उठी ने वीर मेरखीयाये.आंख खोली..त्यारे नानी बेन तोगडे तलवट्ट लावी ने भाई ने खवराव्या...आ प्रसंग नी यादी मां आजे पण माताजी ने (भाई मेरखीया माटे) तलवट धराववा मां आवे छे जेने ते लोको घांणी कहे छे..जेमां तल अने गोळ खांडेला होय छे...आ स्थळ सिवाय बिजे कोई मंदीरे खोडीयार ने तलवट नथी देवाता..)
फरती भाळी फुनडे, भोळ गोवाळे भोर
जोगण खोडल जोगडा, दुधड नेहे दोर.||11||
(नजीक ना  दुधड नेह ना भोळ गवाळ फुनडा ने पोते त्यां होवानी खात्री आपी अने भोळ गवाळ  फुनडाये माताजी खोडल ने अहीयां भाळी ..पछी माताजी नुं तथा माताजी ना भाई मेरखिया क्षेत्रपाळ नुं त्यां स्थापन करायुं ईस.1365 ने आसो सुद अस्टमी ने रविवारे...)
आंम मॉं जानल  नुं नाम खोडीयार थवुं, मॉं आवड नुं वरदान, तथा उगता सुरज ने रोकवा नी घटना ना साक्षी ऐवा वरांणा नी धरती ने मारां वंदन छे..
रचना: जोगीदान गढवी (चडीया) मो.नं. 9898 360 102

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT