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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

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2 जुलाई 2016

काळा सघळे काग - रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

,      || काळा सघळे काग||
रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

बउ बोले नई बाई तो, रहे कटम मां राग
जांण्युं चारण जोगडा, काळा सघळे काग

मात जण्या थी मागता, भोरिंग थई ने भाग
जगत बधी मां जोगडा, काळा सघळे काग

पारवडां कई पाळीये,ई, निकळे काळा नाग
जोय विचारो जोगडा,अहीं,काळा सघळे काग

मलकी आवे मोढडे,ऐणे, दल मां ढांकेल दाग
ई, जोता मोको जोगडा, काळा सघळे काग

माथा कापे मोर थी, अने, पछी घरे सीर पाग
जुठूं जुके बउ  जोगडा, काळा सघळे काग

सिखवाडो समशीर ई, खेचें सनमुख खाग
जाय भुली गण जोगडा, काळा सघळे काग.

तरक बुधी थी तावियें, तोय मळे नई ताग
जुदान दीसता जोगडा, काळा सघळे काग

फूल न होये फांकडुं, तोय, बधे बतावे बाग
जांण थतां के जोगडो, काळा सघळे काग

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