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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

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11 अगस्त 2016

केळवणीनुं महत्व...! प्रस्तुति कवि चकमक

केळवणीनुं महत्व...!

आजना विज्ञानयुगमां प्रगति अने विकास माटे सौथी वघारे आवश्यक कोई चीज होय तो ते  शिक्षण छे.
उच्च शिक्षण प्राप्त कयाॅ वगर आजना जमानामां कोईपण व्यकित के समाज विकास करवा असमॅथ छे. तेमां पण आपणा चारण समाज जेवा रुढीचुस्त अने हजु पण सामाजिक रीते पछात गणाता समाजनी प्रगति- विकास माटे तो शिक्षण अत्यंत आवश्यक छे.
आपणा समाजना महान ज्ञाति रत्नो आई श्री सोनलमां, श्री कागबापु, श्री मेरुभाबापु वगेरेऐ समाजममां शिक्षणनो व्याप वघारवा आजीवन प्रयत्नो कयाॅ. परंतु आ महान आत्माओ ऐ जे कायॅनी शरुआत करी छे तेमां हजु धणुं करवानुं बाकी छे.
हजुपण आपणा समाजमां उच्च शिक्षण प्रत्ये जरुरी जागृतिनो अभाव देखाय छे.
समाजना युवान भाई-बहेनो के जेमणे उच्च शिक्षण प्राप्त कयुॅ छे तेओ पोताना ज्ञाननो अनुभवनो लाभ समाजना विघाथीॅओने आपे ते हाल जरुरी छे. जेथी तेमना पगले चाली समाजनी भावि पेढी पण उज्जवळ कारकिदीॅ बनावी शके.
चारण समाज मात्र ने मात्र लोकसाहित्यकार तेवी संकुचित व्याख्या समाजमां प्रचलित छे पण मा शारदानी साथे मा लक्ष्मीने आराघवानो समय पाकी गयो छे. अाथिॅक सघ्घरता समाज विकासना पथ पर जरुरी छे.
उच्च शिक्षण ज समाजमां व्यापत अनेक कुरिवाजो अने रुढिओ दूर करवामां मददरुप निवडशे.
सचीव, कलेकटर, पोलीस अघिकारी जेवा उच्च होदा घरावता ज्ञातिबंघुओ नवयुवानोने माहिती मागॅदशॅन द्रारा उपयोगी थई शके छे.
शिक्षणनो दिपक मनुष्य जीवनना तमाम अंघकार दुर करे छे.
तो आवो महान गौरववंतो चारण समाज शिक्षण अने ज्ञानना तेजथी दैदिप्यमान थई जळहळी उठे तेवी अाशा अने प्राथना...जय माँ सोनल.

जय माताजी.

वडीलोना कथनमांथी.

प्रस्तुति कवि चकमक.

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