भीतर थी भजन करा,मुं,गावां नित नित गांण,
भाचळीयो रवि भणे,मोळो,भव सुधारीये भांण,
हे भगवान सूर्य नारायण देव कायम हुं आपनुं भीतर थी भजन करुं नें कायम जीव्हा पर तारुं रटण रहे नित्य तमारा गुण गान गाव नें हरि समरण करुं नें सद् मारगे चालुं कोई नुं मनथी के करमो थी मारा हाथे खराब नो थाय.....कायम सुक्रत करावज्यो ने भव सुधारज्यो ऐवी मारी आपने कर जोडी ने रदय थी अरज छे.... हे आभ अटारी ऐ उगनारा सूर्य नारायण देव आप ने मारा नित्य क्रम मुजब हजारो हेत वंदन हो प्रभु.... 🙏🏼🌹🙇🏻🌞🙇🏻🌹🙏🏼
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