मैया गुण तारा हुं गावु रै.
सोनल मां शीश झुंकावु रै,
सूरज उग्यो,त्या रात खसी ने आप्यु तेज़ अपार(2)
मठडा वाली आवजे वैली(2)
ऐक तोरो आधार,मांडी हा ऐक तोरो आधार...
मैया गुण तारा हुं,,,,,
जगदंबा मां जागती देवी
थल ते बाध्या स्थिर...(2)
मढडा गामे देव अमणी...(2)
मोटु छे मंदिर मांड़ी हा मोटु छे मंदिर....
मैया गुण तारा......
तीरथ अमणु मढडा मां नू मोटु धर मनाई,..(2)
उगमणा छे ओरडा मांडी (2)
जगोमगो जनाई मांडी हा जणोमणो जनाई,...
मैया गुण तारा,,,,,,
कलियुग कालो केर वरताणो
परगट पारावार.(2)
आवजे अंम्बा आई अमारी
भूमि उतारण भार...
मांडी हा भूमि उतारण...
मैया गुण तारा.....
नोधारा ना नेडा मांडी, परभव नि प्रीत...( 2)
जनम मरण मांवडी मारी,जग नि जुदी रीत. माडी हा जग नि जुदी रीत
मैया गुण तारा ...
आतम रूवे आई अमारो,नैन रूवे चौधार...(2)
जगदीश तुंने साद दिए मां(2)
आवो लई अवतार....
मांड़ी हा आवो लई अवतार....
मैया गुण तारा.....
(🖍जगदीश कवल )(वडोदरा )
(m)9727555504
<<<<<>>>>>><<<<<<>>>>>>
Buy Now Kagvani
Sponsored Ads
.
Sponsored Ads
24 अगस्त 2016
मैया गुण तारा हुं गावु रै - जगदीश कवल (वडोदरा )
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें