मांड़ी तमारी ममता जुवे...
मागु छू मां आपो ने..
अंतर मारू ऐ आराधे....
अवतार पाछो आपो ने..
मांडी तमारी ममता,,,,
शुभ कर्यु ते सनमुख आवी,,,
बीज थी मां आलखाणी रै,,,,
मढडा आवी देव दशाँणी,,,
हैये हुं हरखाणी रै,,,,
मांडी तमारी ममता,,,
भरपूर मेलो परथम भराणो,,
हिंन्दवाणे दिधी हाकु रै,,,
पूरन कयाँ ते वरा वरवडी,,,
जब्बर थई जग जानी रै,,,
मांडी तमारी ममता,,,,,
कलीकाल मां कपरो काढ़ी,,,
सतयुग पाछो थापो ने,,,
दैत्या वृति दुनिया तणीमां,,
नष्ट करी ने नाथो ने,,,,
मांडी तमारी ममता,,,,,
अनपुणाँ ना अंशे प्रगति,,,
बीज नि रूडी भात्युं रे,,,
जगदीश भूले नई आ जगतमां
बीज नि ऐ प्रभात्यु रे,,,,,
माडी तमारी ममता,,,,,,,,
¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢
[जगदीश कवल ] [वडोदरा ]
(m)9727555504
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24 अगस्त 2016
मांड़ी तमारी ममता जुवे - जगदीश कवल [वडोदरा ]
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