.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

1 दिसंबर 2016

गुरु मारी आतम ज्योत जगावो - कवि : जय।

*गुरु मारी आतम ज्योत जगावो*......

वञग्युं छे मनडुं मोह केरी वाते।
चित ने जागी झंखना, सुरज नी मधराते।
अंजवाञा पाथरवा ने आवो....
गुरु मारी आतम ज्योत जगावो......

* जीव मारे फांफा जीव ने स्वभावे ।
बिरद तम बञुकुं, ग्रंथ संत गावे ।
शीद ने छोडो अमने करम ने भरोसे?
महाक्षमा वाञा , दुभाओ नहीं दोषे।
तरण ने तारण तणो छोडो नहीं दावो.....
गुरु मारी आतम ज्योत जगावो......(1)

* प्रपंच ने प्रारब्ध खेंची बांधे खुंटे।
त्रिगुण नी तराप ते पर झोञी मांथी झुंटे।
रांक थइ रोवे जीव, पामर मन प्राणी।
ओञख करावो खरी आपी ने ओञखाणी।
भरम ना ओञा दुर भगावो ।
गुरु मारी आतम ज्योत जगावो......(2)

* उलेचो अंधारा मारा जुगोजुग जाना।
तमुं थी नाता अमारा कहोने केदुना ।
सुरता नो तार ताणी, बांधो तव चरणे।
डुंगरा ते शीद डूबे, ओथ लइ तरणे ।
धणी रे साचा तमे झट धावो।
गुरु मारी आतम ज्योत जगावो......(3)

* सनातन चैतन्य रूप अखंड अविनाशी।
आतम ने आवरण थी आवे छे उदासी।
वादञ ना ओञा हटतां, सुरज झञोहञ।
आनंद सागर उतरतां, जञ मा समाणुं जञ ।
*जय* आई गंगा सद्गुरु, लेवो जनम ल्हावो ।
गुरु मारी आतम ज्योत जगावो......(4)

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * *
- कवि : *जय*।
- जयेशदान गढवी।

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT