.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

10 जनवरी 2017

|| देवल सत नाम दियाळी || रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

.          *||देवल सत नाम दियाळी||*
.     *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
.              *ढाळ: रावळी परज*
देवल सत नाम दियाळी, सगती सारण सूडाळी रे, जनमी जगदंब जोराळी.....टेक
साद तारो ज्यां सांभळ्यो त्यातो, ऐज आव्यो अणसार..(02)
वचन संभारी आवियां वेगुं, परखांणी जूग पार..
भावे तने सून्य मां भाळी, सगती सारण सूडाळी रे, जनमी जगदंब जोराळी....||01||
दिपवी आखी देव जाती तें, आई धर्यो अवतार..(02)
वरतायो तारी वाणीयुं मां मने, सघळा वेद नो सार..
पोतावट एवडी पाळी, सगती सारण सूडाळी रे, जनमी जगदंब जोराळी....||02||
पग पाताळे ने भेट भूमी पर, आभमां शिस उठेल
जोग सिद्धी महा जोगणी जांणे, खलके मांड्यो खेल
परगट भू आभ पाताळी, सगती सारण सूडाळी रे, जनमी जगदंब जोराळी....||03||
नेह नेहे जाई नात्य जगाडे, सोनबाई जेम साथ..(02)
चडीयो जोगीदान चहे छे, हेत छांयो तुज हाथ..
हरखी सर राख्य हेताळी, सगती सारण सूडाळी रे, जनमी जगदंब जोराळी....||04||


कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT