कीस देवता ने आज मेरा,
दिल चुरा लीया.
दुनिया की खबर ना रही,
तन को भुला दिया.
किस देवता ने...
रहता था पास में सदा,
लेकीन छूपा हुआ
करके दया दयाल ने,
पडदा ऊठा लीया.
किस देवता ने...
सुरज वो था न चांद था,
बिजली न थी वहां.
अकदम वो अजब शानका,
जलवा दिखा दिया.
किस देवता ने
फीरके जो आंख खोलकर,
ढुंढन लगा ऊसे,
अंदर में था बाहिर सोइ,
दिलदार पा लीया.
किस देवता ने
करके कसुर माफ मेरे,
जन्म जन्म के,
"ब्रह्मानंद' अपने चरण मे
मुजको लगा लीया.
किस देवता ने...
13 फ़रवरी 2017
कीस देवता ने - रचना ब्रह्मानंद स्वामी
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