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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

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11 मार्च 2017

सोनल काव्य संग्रह लखनार रजवाडावा अस्ताचळ काळना राजकवि नारायणदान भायजीभाई बालिया...!

'' सोनल काव्य संग्रह '' लखनार रजवाडावा अस्ताचळ काळना राजकवि नारायणदान भायजीभाई बालिया...!

जन्मतारीख : 14-1-1916
मृत्यु : 17-9-94

जेमने पद्मश्री दुला भाया कागे '  गांगेव चारण ' कहीने बिरदावेल छे तेवा जामनगरना राजकवि नारायणदान बालियानुं मूळ वतन राजस्थळी. ता. कालावाड. जि. जामनगर

समाजसुघारक चारण आई सोनल प्रत्येनी अनन्य भकितऐ तेमनी कलमे ' सोनल काव्य संग्रह ' लखायो.

आई सोनलना जीवनना पांच दायकामां भकित परायणता तेमनी ओजस्विता अने जगदंबा स्वरुप तेमना जीवन उपर कविऐ 54 दोहा चचॅरी छंदनी 8 कडी, बे छप्पय आप्यां छे.

जगदंबा सोनल जगतमां,
आई घरी अवतार !
जाति पत जाति तणी,
राखी राखण हार !! ( 1/1 )

अंघश्रद्घा, वहेम, वेरझेरने अळगा करी समाजजीवननो सामूहिक उत्कषॅ करनार मा सोनलथी कवि ऐटला बघा प्रभावित बनेला हता के 'आई ' ना निघन समये ऐमने भारे आधात लागेलो ऐ ऐमणे दुहामां व्यकत कयोॅ हतो.

घरा घ्रुजी दिशा पडी,
भूखर बणीओ भाण !
आई जाता अम तणी,
खूटी पोरह खाण !!

' पोरह खाण खूटी ' प्रोत्साहन आपनार व्यकितनी पडेली खोट माटे केटलो बळुको शब्द प्रयोज्यो छे ?

चारण आई सोनल पासे आ शुद्घ ह्रदय कविनी मागणीनां प्रतिबिंब छंदमां झिलाया छे ते शुं मागे छे ?

अवरना सदगुण अने निजतणा दोष निहारवा,
दिव्य द्दष्टि समज देजो वेग मननो वाळवा.
धरोधर दीयो संपदा, शुभ घैयॅ दैवत घारणी,
जयदायी जगदंबा नमुं, सोनल आई अघमोघारिणी. ( 12/47 )

अघमोनो पण उद्घार करनार हे जगदंबा सोनल अमने बीजा लोकोना सदगुण निहाळवा अने अमारा अवगुण जोवानी दष्टि आपजो अने धरोधर संपत्ति समृद्घीनुं दान करी सुखी करजे.

जय माताजी.

प्रस्तुति कवि चकमक.

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