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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

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11 मई 2017

जय मा बहुचर प्रस्तुति कवि चकमक

हालना पाकिस्तानना थरपाकर विस्तारना खारोड नामना गामे बापलभाई देथा नामना चारण थई गया. तेमने बूट, बल्लळ अने बेचराजी नामनी त्रण दीकरीओ अने ऐक पुत्र खीमाजी हता. देथा ऐ चारणोनी शाखा छे. बेचराजीनी मातानुं नाम देवल आई छे.

पशुपालनना व्यवसाये वारंवार दुष्काळे स्थळांतर करतां रहयां. आई बेचराजीनुं कुटुंब सणखलपुर गामे आव्युं.

त्यां प्रजा पर लूंटाराओ, राक्षसोनो त्रास तेमणे जोयो ने त्रिशूल उपाडयुं. वरखडीना वृक्ष तेमज तळावडीना किनारे चमत्कारोनी हारमाळा सजीॅ तेमणे दैवी शकित तरीकेनी सौ प्रथम त्यां नोबत वगाडी प्रतीति करावी.

ते स्थळे राजवी शंखलराजे ऐक नाजुक स्थानक ई. स. 1152 मां बंघाव्युं. ते राजवीना नाम उपरथी गामनुं नाम सणखलपुर पडेलुं छे. ते पछी मराठा सरदार फडनवीसे अने त्यार बाद माताना राव गायकवाडे मंदिर बंघावेलुं. ते अगाउ माताजीनो गोखलो हतो.

ई. स. 780-90 ना समयगाळाना अंदाजोमां आई बेचराजीऐ ते नामे बापल देथा नामना चारणने त्यां देह घारण करेल.

आ सत्य ईतिहासने अन्य समाजे बदली काल्पनिक ईतिहास पोताना स्वाॅथ खातर उभो करी चारण समाजनी लागणी दुभावी छे.

कोईपण समाजनी लागणी न दुभाय तेवी टिप्पणी प्रत्ये कडक वलण अपनावनार सरकार चारण समाजना ईतिहासने बदली नाखनार प्रत्ये केम कुणु वलण अपनावे छे ? मुक प्रेक्षक बनी केम निहाळे छे ?

तो ऐक चारण तरीके हुं कवि चकमक मा बहुचरनी भकित के उपासनामां खामी रही गई होय तो मारा पूरा समाज वती मा नी माफी मागुं छुं अने परचा पूरनारी हे मा तुं स्वयं प्रगट थई तारा ईतिहासने बदलनारा तत्वोनी शान ठेकाणे लावी तेमने सदबुद्घी तुं ज आपजे. मा आखो मामलो मा अमे तने सोंपीये छीऐ.

जय मा बहुचर.

प्रस्तुति कवि चकमक.

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