बधा आश्रमो गृहस्थाश्रमने आधारे छे, ऐटले गृहस्थाश्रमने दूध जेवो मानेल छे. दूधथी जेम बधानुं पोषण थाय छे, ऐम गृहस्थाश्रमथी सौनुं पोषण थाय छे. पण दूधमां जो मीठु पडी जाय तो ? तेने वाडमां नाखी देवुं पडे. माटे गृहस्थाश्रमने पवित्र राखवो.
*- पू.आईश्री सोनल मां*
संदर्भ :- सोनल संजीवनी मांथी
*वंदे सोनल मातरम्*
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