*अखात्रिज नी आई श्री बहुचरा नी याद*
. *बहुचर बिरदाळी*
प्रसंग बहु विशाळ छे पण टुंकमां कहुं तो..
हाल ना पाकिस्तान सिंध ना उमरकोट पासे नुं खारोडा गाम एटले बापल देथा नुं गाम..के ज्यां बापल देथा ना माताश्रीये गळे कटार नाखी त्रागुं कर्युं..ई वातनी हिंगळाज ना परम उपासक बापल देथा ने जांण थई त्यां दुनिया पर नो तमाम मोह एने हैये थी साप नी कांचळी उतरे एम उतरी ग्यो..जोके चारणो नो एक जातीगत स्वभाव छे के ते जन्मजात संन्यस्त भाव मां होय छे..अडधो बावो अडधो संसारी..माटेतो कोई चारण पुर्णतह संसार मां सफळ रह्योज नथी..कारण के तेनुं सर्जनज संन्यास माटे छे..
बापल देथा हिंगळाज ना चरणे पोतानो आत्मा धरवा निकळीपड्या...आमतो पोते पेहला पण घणींवार हिंगळाज परसी आवेल..जेम ईस्लाम ने जिवनमां एकवार हज करवी जरुरी छे तेम चारणे जिवन दरम्यान एकवार हिंगळाज परसवा जरुरी..हिंगळाज परसी ने आवेल चारण कोई ना चरणो मां मस्तक नथी नमावी सकतो..अने तेने अग्निदाह पण नथी देवातो साधु नी जेम तेनी समाधी करवामां आवे छे..
बापल देथा हिंगळाज ने चरणे देह छोडे ई पेहला हिंगळाज ना फळांये तमने देहत्याग न करवा अने मांडवा (पोकरण, उजळा गामनी बाजु मां)गामे पोताना अंशावतार आई देवल (भलाजी भांसळीया नी दिकरी)साथे लग्न करवा आदेश कर्यो..
भलाजी ने हिंगळाजे स्वप्न मां आवि विदित कर्या..बापल देथा ना आई देवल साथे लग्न थयां..बापल देथा अश्व वेपार अरथे सोरठ आवता..तळाजा ना वाळा राज परिवार साथे नी सरदयता वधी.. सोरठ मां बापल देथा ये नाम पर बापलका वसायुं जेनो कारभार दिकरो खीमाभाई संभाळता..अने ब्रह्मचारिणी व्रत धारणी *आई बहुचराजी..बुटभवानी अने बलाड* .. वगेरे पोताना वृद्ध माता देवल आई नी सेवा करतां..141 वर्ष नी उमरे देवल आईये देह छोड्यो..ते वखते आई बहुचराजी नी उमर 100 वर्ष लगभग नी हती..आईयुं हवे देव दर्शन करता करता भाई पासे बापलका तरफ निकळ्या..वरांणा खोडीयार दर्शन करी मोढेरा सुरज नारायण नी वंदना करी संखलपुर ना पादर आसपास पोहच्या त्यां मेपो बारैया अने बिजा चोर लुटारु ..शिकार खेलवा अने चोरी लुट माटे त्यां भटकता हता तेमनो भेटो थई ग्यो..
आईयुंये समजाव्या पण मान्या नई..माटे चारणी मर्यादा अने परंपरा प्रमांणे मोटां बेन आई बहुचराजीये कटार पेहरी ..त्रागु कर्युं ..अने तमाम चोर लुटारु ने सात अवतार पुरुसत्वहिन थवा नो श्राप दिधो..त्यांतो ऐ लोको नुं जोम अने कौवत हराई ग्युं..भुल नो पसतावो भारी थयो..माताजी ने घणुं करगर्या..मा मा कही आंसुडा सार्या..आखरे मा छे ने...आईये तेमने श्राप निवारण माटे कह्युं के आवती काले अखात्रिज ना रोज मारो देह पडशे..अहीं मारा देह पड्या ने थानके तमे स्त्री ना कपडां पेहरी साचा रदय थी पश्चाताप करजो अने जिवन मां क्यारेय महापाप नही करवा प्रतिज्ञा करजो..तो काळ क्रमे श्रापमुक्त थशो..
माताजी ने बाजुना गाम संखलपुर लई जवाया आखो दिवस ने रात माताजी नी सेवा करी बिजे दिवसे अखात्रिज ना रोज माताजी ये नारायण ने नमन कर्यां अने देह छोड्यो..हाल नुं बहुचराजी के ज्यां ते पंच महाभुत मां विलिन थयां..
देथा साख ना चारणो आजे पण बहुचराजी ना गया ना शोक मां अखात्रिज नथी उजवता...
बापलका तेमना नवा मकान ने मोतीया ना भमरडा मुकाववानुं काम बाकी हतुं ने आ समाचार मळ्या..अने ते बाकी रह्युं...त्यारथी देथा चारणो पोताना मकान ना मोतीया ने भमरडा नथी मुकावता....अने देथा साख मां पुत्र ना लग्न थाय त्यारे..देथा कुळ नी दिकरी बहुचराजी ने लग्न प्रसंगे पुत्र नो मोड तथा पुत्रवधु नी चुंदडी बेचराजी ने त्यां आजे पण मोकलाय छे..
*चडीया देश चुंवाळ मां, एनींय फरके आंण*
*जेनुंय वाहन जोगडा,आ, वातुं मधरां वांण*
*सोलंकी सरदार नी, चावी मात चुंवाळ*
*जय बहुचर जोगडा, बापल देथा बाळ*
*बापल हंदी बेटडी,चारण कुळ मे चाई*
*जेह चुंवाळे जोगडा, आवेल बहुचर आई*
*घर चुंवाळा नी घणी, बहुचर लागी बाई*
*जगदंब हालि जोगडा, अखाय त्रिजे आई*
*बुट बलाळ ने बेचरा,संगे बेनड सात*
*मोटी सौथी मात, जोई चुंवाळे जोगडा*
*भांणज ई भलीयातणी, कानड दरशन कीध*
*लाव अनेरो लीध, जग चुंवाळे जोगडा*
*अखात्री उजवे नही, दोयल देथा दन्न*
*जे दिन बेचर जोगडा, गईती सात गगन्न*
*बेचर मात बोलावीये, भगतां तार भुपाळ*
*जादव आव्यो जोगडा, चारण काज चुंवाळ*
🙏🏻🔱🙏🏻🔱🙏🏻🔱🙏🏻🔱🙏🏻
1 टिप्पणी:
hey, very nice site.thansk for sharing site
Dedicatedhosting4u provides reliable and robust dedicated servers with awesome internet connectivity. Company has Self Managed and Managed both option available for customers.
Fast dedicated servers
Cheapest dedicated hosting
एक टिप्पणी भेजें